झालावाड़ के पिपलोदी में सरकारी स्कूल भवन हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत को लेकर राजनीति फिर गरमा गई है। समरावता थप्पड़ कांड के बाद चर्चा में आए सामाजिक कार्यकर्ता नरेश मीणा ने शुक्रवार को जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर आमरण अनशन करने का ऐलान किया है। प्रशासन से परमिशन मिलने के बाद वे कल दोपहर तीन बजे धरने पर बैठ गए।
मीणा ने कहा कि जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा, वे अन्न का एक दाना तक ग्रहण नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने मौन धारण करने की बात कही है। प्रतिदिन केवल दोपहर 3 बजे पांच मिनट के लिए वे अपने साथियों से आंदोलन की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
मीणा ने आरोप लगाया कि स्कूल निर्माण में भ्रष्टाचार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। इसके बावजूद दोषियों को अब तक सजा नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई, पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और प्रदेश के सभी स्कूल भवनों की सुरक्षा जांच सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
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नरेश मीणा ने इस आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए राजनीतिक सहयोग भी मांगा है। उन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस नेता सचिन पायलट से फोन पर बातचीत कर इस लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने पीड़ित परिवारों को पांच बकरियां सौंपकर आर्थिक मदद का भी वादा किया।
बता दें कि जुलाई माह में पिपलोदी सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत भारी बारिश के दौरान गिर गई थी। इस हादसे में सात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उस समय भी नरेश मीणा ने सरकारी लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिस पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें कोर्ट से राहत मिली।
मीणा ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि उन्हें कई लोगों के संदेश मिले कि संयम से काम लें। उन्होंने दोहराया कि वे गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण अनशन करेंगे और जो भी न्याय की इस लड़ाई में साथ देना चाहता है, उनका स्वागत है।