यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को फिलहाल राहत मिल गई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई तक सेंट्रल जेल में सरेंडर करने से अंतरिम रूप से छूट दे दी है। यह आदेश न्यायाधीश दिनेश मेहता और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने दिया। आसाराम की ओर से उनके अधिवक्ताओं निशांत बोडा और यशपाल सिंह राजपुरोहित ने अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कोर्ट को बताया कि गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें 7 जुलाई तक की राहत दी है, जिस आधार पर राजस्थान में भी कुछ समय की मोहलत मांगी गई।
आसाराम को पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी 2025 को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद उन्होंने जेल में सरेंडर किया, लेकिन 7 अप्रैल 2025 को फिर से उन्हें 1 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी गई। अब गुजरात हाईकोर्ट में छह माह की जमानत बढ़ाने के लिए आवेदन किया गया है, जिस पर 2 जुलाई को सुनवाई होनी है। इन तथ्यों के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट ने 9 जुलाई तक की राहत देते हुए सरेंडर की समय-सीमा बढ़ा दी है।
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गौरतलब है कि जोधपुर के मणाई आश्रम में एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 2 सितंबर 2013 को इंदौर से गिरफ्तार किया था। 25 अप्रैल 2018 को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा गुजरात के गांधीनगर आश्रम की एक महिला की शिकायत पर 31 जनवरी 2023 को कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी।