बाबा महाकाल की भस्म आरती देखकर मन प्रफुल्लित हो गया। एक ओर भोले बाबा तव शरणम्, महाकालेश्वर तव शरणम् की गूंज कानों में सुनाई दे रही थी तो दूसरी ओर उज्जैन के ब्राह्मण और तीर्थ पुरोहित वैदिक परंपरा से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन कर रहे थे। आज मैं कई वर्षों बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती मे शामिल हुआ, लेकिन जिस तरह से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया जा रहा है। उसे देखकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई। यह बात निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर व आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशनन्द गिरी महाराज ने आज प्रातः भस्मारती में शामिल होने के बाद मीडिया से कही।
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श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशनंद गिरि महाराज भस्म आरती में शामिल हुए। जो कि बाबा महाकाल की भक्ति में कुछ इस तरह लीन नजर आए कि उन्होंने भगवान की पूजा अर्चना करने के साथ ही मंत्रों का जाप कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने 2 घंटे तक भस्म आरती में शामिल होकर बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप के दर्शन किए और नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना भी कही।
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मीडिया से चर्चा करते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन व्यवस्था की जमकर तारीफ की और कहा कि मंदिर में कार्य करने वाले सभी लोग यहां सेवा के रूप में अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन कर रहे हैं। यहां की दर्शन व्यवस्था इतनी अच्छी है कि यहां आकर काफी अच्छा लगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उपप्रशासक एसएन सोनी व सहायक प्रशासक हिमांशु कारपेटर द्वारा स्वामी का स्वागत सत्कार किया गया।
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