भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया जोधपुर दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस द्वारा दिल्ली में आयोजित “वोट चोरी” रैली पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इसे विपक्ष की हताशा का परिणाम बताया।
कांग्रेस पर बेबुनियाद आरोपों का आरोप
सतीश पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी विपक्ष के मूल मुद्दों से भटक चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस बिना तथ्यों के संवैधानिक संस्थाओं, विशेषकर चुनाव आयोग, पर सवाल खड़े कर रही है और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।
'एसआईआर पर लगाए गए आरोप निराधार'
पूनिया ने कहा कि एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय से वोटों की डुप्लीकेसी और अवैध घुसपैठ की समस्या रही है, जिसे दूर करने के लिए चुनाव आयोग की यह पहल सराहनीय है।
बिहार चुनाव का उदाहरण
उन्होंने बताया कि बिहार में करीब 60 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए, इसके बावजूद वहां शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव हुए। चुनाव परिणामों ने यह साबित कर दिया कि वोट चोरी के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने कांग्रेस को नकार दिया और पार्टी सिर्फ छह सीटों तक सिमट गई, जबकि इंडी गठबंधन भी विपक्ष का दर्जा हासिल नहीं कर सका।
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हरियाणा और बिहार को लेकर कांग्रेस के दावे खारिज
हरियाणा और बिहार चुनावों को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूनिया ने कहा कि न तो हरियाणा में और न ही बिहार में चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हुई। लोकतंत्र में चुनाव सबसे बड़ा निर्णय होते हैं और जनता ने कांग्रेस को उसका जवाब दे दिया है।
चुनाव आयोग पर सवाल अनुचित
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर बोलते हुए पूनिया ने कहा कि आज देश में निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और निर्भीक चुनाव हो रहे हैं, जो आयोग की कार्यकुशलता का प्रमाण हैं। उन्होंने ईसीआई के चयन पर सवाल उठाने को भी अनुचित बताया।
राजस्थान सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर पूनिया ने कहा कि भजनलाल सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इन दो वर्षों में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ, जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 17 पेपर लीक हुए थे। उन्होंने ईआरसीपी, यमुना जल समझौते और भर्ती प्रणाली को सरकार की प्रमुख उपलब्धियां बताया।
राजनीतिक नियुक्तियों और स्टिंग मामलों पर बयान
राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूनिया ने कहा कि यह सरकार का विशेषाधिकार है और समय आने पर इस पर निर्णय लिया जाएगा। स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े मामलों पर उन्होंने निष्पक्ष जांच की आवश्यकता बताते हुए कहा कि राजनीति में आचरण की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है।