कल रात शिक्षा विभाग में करीब 4500 से ज्यादा प्रिंसिपलों के ट्रांसफर के बाद इन्हें लेकर सियासी हलचल शुरू हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बीच इन तबादलों को लेकर जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। डोटासरा जहां इन तबादलों को जाति विशेष को टारगेट होना बता रहे हैं तो वहीं प्रदेश के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा का कहना है कि जिन्होंने वर्षों सुख भोग लिया, उन्हें अब कठिनाई में जाना होगा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इन तबादलों में जाति विशेष को टारगेट किया गया है। मेरे गृह नगर लक्ष्मणगढ़ से 60 से 65 प्रिंसिपल के ट्रांसफर किए गए और यह ट्रांसफर केवल इसलिए किया गया क्योंकि इन्हें गोविंद सिंह डोटासरा ने लगाया था। ऐसी राजनीतिक दुर्भावना तो मैंने आज तक नहीं देखी। मेरे यहां से सभी प्रिंसिपल्स को जालौर, बाड़मेर और सिरोही जैसे इलाकों में भेज दिया गया।
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अब दोनों ही जगह पर काम नहीं होगा क्योंकि वह प्रिंसिपल मन से काम नहीं कर सकेंगे। डोटासरा ने कहा कि दिलावर साहब खुद भारतीय जनता पार्टी का सफाया करने में लगे हैं। वह इस तरह से ट्रांसफर करके जनता को उकसाने का काम कर रहे हैं। भाजपा आखिर उन्हें कैसे सहन कर रही है। मुख्यमंत्री को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
इधर सीकर के सर्किट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने ट्रांसफर का पैरामीटर बताते हुए कहा कि जिन्होंने कई बरसों तक सुख भोग लिया, अब वह कठिनाई में चला जाए और जिन्होंने कठिनाई में नौकरी की, वह अब सुख में आ जाए। सीकर से बड़ी तादाद में ट्रांसफर को लेकर उन्होंने कहा कि जब इतने बड़े स्तर पर तबादले होते हैं, तब एक जिले से बड़ी मात्रा में ट्रांसफर होना आम बात है।