सिरोही जिले में पैदा हो रही सौंफ की बेहतर क्वॉलिटी के बदौलत बाजार में विशेष मांग रहती है। लेकिन इस बार आबूरोड शहर और आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में सौंफ पर बीमारी से फसलों को खासा नुकसान हुआ है। ऐसे में काश्तकारों के चेहरों पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखाई देने लगी हैं।
आबूरोड शहर के समीप चारनियाफली और आसपास के क्षेत्रों में काफी मात्रा में सौंफ की बुआई की गई है। लेकिन इस बार इस फसल में मदिया नामक बीमारी लग गई है। इससे 60 प्रतिशत तक फसलें खराब हो गई। एसके फार्म हाउस के मैनेजर गणेश आचार्य ने बताया कि हर साल जनवरी से अप्रैल तक सौंफ की चार फसलें ली जाती हैं। सिरोही की सौंफ की बाजार में खासी मांग रहती है। लेकिन, इस बार मदिया नामक बीमारी के चलते फसल पकने से पहले ही खराब हो रही है। इससे इस बार उंझा मंडी में 40 प्रतिशत तक ही फसल पहुंची है। काश्तकारों के लिए बुआई की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। हमने कई बार कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इस बारे में बताया था, उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ है।
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अनुकूल मौसम है सौंफ की खेती का सबसे बड़ा कारण
सिरोही में अच्छी खासी सौंफ की पैदावार की जाती है। इसका पूरा श्रेय आबू के क्लाइमेट को जाता है। राजस्थान में जोधपुर और सवाई माधोपुर के बाद सिरोही जिले में सौंफ का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है। प्रदेश में सौंफ की कुल पैदावार का 10 फ़ीसदी उत्पादन सिरोही जिले को जाता है, जिस प्रकार हम सभी को पता है कि देश दुनिया में सौंफ की खास मांग होती है। नतीजा यह है कि फसल बुवाई के दौरान ही स्थानीय आढ़तियों और गुजरात के व्यापारी सौदा कर लेते हैं। आबू रोड, सिरोही, रेवदर और शिवगंज क्षेत्र में बहुतायत से उगाई जाती है।
सौंफ पैदावार की प्रदेशवार स्थिति
सौंफ की पैदावार पूरे भारत में की जाती है। दो लाख हेक्टेयर में शॉप की बुवाई देश भर में सात हजार हेक्टेयर में सौंफ उत्पादन राजस्थान में किया जाता है। 97 हजार हेक्टेयर में सौंफ का उत्पादन मध्यप्रदेश में, 14 हजार हेक्टेयर में सौंफ की बुवाई गुजरात में की जाती है। और नौ हजार हेक्टेयर में सौंफ का उत्पादन हरियाणा में किया जाता है।
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सौंफ की बिक्री का पैमाना
पिछले साल सौंफ रुपये 120 किलोग्राम में बिकी थी। इस बार 200 रुपये और हाई क्वॉलिटी के 400 रुपये प्रति किलो में बिक रही है। यहां के सौंफ में महक का राज जानने के लिए कृषि विभाग के साथ ही नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर सीड स्पाइसेज के कृषि वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं कि सिरोही की जलवायु में ऐसी क्या खास बात है कि यहां पर सौंफ की इतनी अच्छी उपज इतने बड़े पैमाने पर होती है। यहां सौंफ की गुणवत्ता सुधार के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे हैं। ऊपर को छायादार जगह में सुखाकर गुणवत्ता बनाए रखी।
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