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VIDEO: चलती बस में आग लगी तो कौन बचाएगा...बाराबंकी बस स्टेशन पर पड़ताल में खुली सुरक्षा की पोल
अगर सफर के दौरान चलती बस में आग लग जाए तो क्या होगा? जवाब सुनकर आप चौंक जाएंगे क्योंकि बाराबंकी की ज्यादातर बसों में बचाव के इंतजाम नाम के लिए भी नहीं हैं। कहीं अग्निशमन यंत्र जंग खाए लटके हैं, तो कहीं गायब हैं। जो कुछ मौजूद हैं, वे भी सिर्फ “फिटनेस रिपोर्ट” में टिक लगाने की औपचारिकता भर साबित हुए।
आगरा एक्सप्रेसवे पर हाल में बस में लगी भीषण आग की घटना के बाद संवाद टीम ने बाराबंकी बस स्टेशन पर सोमवार को पड़ताल की। स्टेशन पर खड़ी करीब दो दर्जन बसों की जांच में चौंकाने वाले हालात सामने आए। अधिकांश बसों में अग्निशमन यंत्र या तो कबाड़ में तब्दील हो चुके थे या फिर बस में लगे ही नहीं थे।
चालकों को नहीं अग्निशमन यंत्र चलाने की जानकारी
एक निजी बस के चालक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा,...साहब, फिटनेस पास कराने के लिए यह सिलेंडर जैसा यंत्र टंगवा देते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल कैसे करना है, ये हममें से किसी को नहीं मालूम। दूसरे चालक ने बताया कि कभी किसी ने ट्रेनिंग नहीं दी। विभाग से कोई जांच करने आता भी नहीं है। जब तक फिटनेस पास हो जाती है, बस चलती रहती है।
यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे
बस से सफर कर रहे बहराइच के निवासी जितेंद्र ने कहा कि हम रोजाना बस से सफर करते हैं। कभी किसी ने जांच करते नहीं देखा। अगर हादसा हो जाए, तो बस भगवान ही मालिक हैं। वहीं छात्रा प्रिया ने कहा कि सरकार कहती है कि सेफ्टी जरूरी है, लेकिन बसों में कोई सुरक्षा इंतजाम दिखता नहीं। हादसे के वक्त न दरवाजे खुलते हैं, न कोई गाइडेंस होती है।
परिवहन विभाग की फिटनेस जांच सिर्फ कागजों पर
जानकारों के मुताबिक, परिवहन विभाग के नियमानुसार हर बस में अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य हैं। लेकिन बाराबंकी में यह व्यवस्था सिर्फ कागजों में सिमटी है। विभागीय टीमें साल में एक बार औपचारिक जांच करती हैं और ज्यादातर बसों को बिना वास्तविक निरीक्षण के फिटनेस दे देती हैं। पड़ताल के वक्त बस स्टेशन पर मिली केंद्र प्रभारी प्रियंका सिंह ने कहा कि सभी बस स्वामियों को इस बार के लिए पत्र लिखा जा चुका है की सुरक्षा के पर्याप्त साधन मौजूद रहे।
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