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Meerut: माता-पिता की सेवा से बड़ा नहीं कोई धर्म : योगेश्वर
मेरठ। दौराला कस्बे की जेपी कॉलोनी में रविवार को श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा के दूसरे दिन कथा वाचक योगेश्वर विजय सुंदरियाल ने राजा परीक्षित व सुखदेव की कथा का वर्णन किया। इससे पहले कथा वाचक ने पितृ पक्ष को लेकर श्रद्धालुओं को जानकारी दी। कथा वाचक ने कहा कि माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। माता-पिता को बचपन से ही अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देने चाहिए कि वह आगे चलकर अपने बुजुर्गों का का आदर करे। आज की पीढ़ी अपनी संस्कृति से भटकती जा रही है। आधुनिकता की दौड़ में अपने संस्कारों, संस्कृति व बुजुर्गों का आदर करना नई पीढ़ी भूलती जा रही है। माता-पिता को अभी से संभलना होगा। इसके बाद उन्होंने राजा परीक्षित व सुखदेव की कथा का वर्णन किया। कथा में कथा वाचक ने भजनों की प्रस्तुति दी, जिसे सुनकर श्रद्धालु झूम उठे। इस दौरान विकास गुप्ता, स्वामी प्रेमप्रकाश, नितिन शर्मा, राजीव, मोहित, संजीत, सचिन, योगेश, त्रिशा, संध्या, रिया, पूजा आदि मौजूद रहे।
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