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गुप्तकाशी में महाकवि कालिदास के गांव पहुंची मां काली
कालीमाई दिवारा यात्रा महाकवि कालिदास के गांव कविल्ठा पहुंची। इस दौरान माता काली ने अपने परम भक्त कालिदास की स्मारक स्थल पर पहुंचकर भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। माता की डोली ने कालिदास स्मारक मंदिर की परिक्रमा भी की और उपस्थित श्रद्धालुओं को सुख-समृद्धि का वरदान दिया। कहते हैं कि कालिदास माता काली के अनन्य भक्त थे, जिसका प्रमाण उनके नाम और रचनाओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। कविल्ठा पहुंचने पर कालिदास स्मारक प्रांगण में माता के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने फूल-मालाओं और अक्षतों से माता का स्वागत किया। वहीं ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता की स्तुति की गई। माता ने सभी का कुशलक्षेम जाना और उन्हें आशीर्वाद दिया। महाकवि कालिदास जन्मभूमि स्मारक समिति अध्यक्ष बिरेंद्र सिंह रावत, महामंत्री आचार्य सुरेशा नन्द गौड़ ने बताया कि मां काली की उपासना से हमारे गांव में जन्मे अनपढ़ कालीदास को महाकवि कालिदास बना दिया। उन्होंने बताया कि 15 वर्ष बाद आरंभ हुई कालीमाई दिवारा यात्रा कालीमठ घाटी के विभिन्न गूठ गांवों का भ्रमण करते हुए आगे बढ़ रही है। इसके पश्चात यात्रा उखीमठ, रुद्रप्रयाग, धारी देवी, श्रीनगर होते हुए 13 जनवरी मकर संक्रांति के दिन देवप्रयाग पहुंचेगी। जहां मां काली की आराध्य डोली रात्रि विश्राम करेगी।
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