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UP: सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की बड़ी सीख, 'जाति और छुआछूत के भेदभाव का नाश करें'
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Wed, 17 Dec 2025 06:00 PM IST
सार
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम के तहत बुधवार को मालवीय नगर स्थित खोराबार खेल मैदान में हिंदू सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की संस्कृति सबसे समृद्धि है। हमारे पूर्वजों ने भगवान की पूजा के साथ जानवरों को जोड़ा।
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सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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विस्तार
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने पंच परिवर्तन के महत्व को समझाते हुए कहा कि हिंदू धर्म जीवन जीने की कला है। हिंदुत्व विचारधारा को अगर हम भूल गए तो राष्ट्र के प्रति अनेकों संकट आएंगे। इसलिए हमें अपनी संस्कृति, शक्ति और एकता को समृद्ध करना होगा।
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जाति के भेदभाव और छुआछूत का समूल नाश करने की जरूरत है वरना ऐसे लोगों के बीच जाकर धर्म परिवर्तन की साजिशें रची जाएंगी। हमें हिंदू समाज को संरक्षित करने के लिए सजग रहने की जरूरत है। स्वदेशी को बिना अपनाए स्वतंत्र होने का कोई मतलब नहीं है। समाज के लोगों की रक्षा करनी होगी। इसी मंत्र के जरिए हम विश्व के लिए मॉडल बन सकते हैं और विश्व गुरू की संकल्पना को पूरी कर सकते हैं।
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आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम के तहत बुधवार को मालवीय नगर स्थित खोराबार खेल मैदान में हिंदू सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की संस्कृति सबसे समृद्धि है।
हमारे पूर्वजों ने भगवान की पूजा के साथ जानवरों को जोड़ा। मसलन, भगवान शिव के साथ नंदी की पूजा, गणेश जी के साथ चूहा और लक्ष्मी माता के साथ उल्लू को जोड़कर पूजा की। ताकि जानवर संरक्षित रहें। नदी, जंगल और पहाड़ की रक्षा के लिए उसे अपनी संस्कृति के साथ जोड़ा।
यही पर्यावरण की रक्षा के लिए जरूरी है। सर कार्यवाह ने कहा कि हमें शाखा के माध्यम से समाज की सेवा करें और हिंदू जनमानस को संरक्षित करें। हिंदू सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व न्यायाधीश प्रभाकर मिश्र ने की और विशिष्ट अतिथि के रूप में आध्यात्म योग साधना आश्रम राजधानी, चौरीचौरा के स्वामी सच्चिदानंद ने हिंदू धर्म की व्याख्या कर महत्व को विस्तार से समझाया।
