आज हम आपको उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की उस घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बाद पूरा जिला दहल गया था। जिस इलाके में घटना हुई थी वहां कई महीने तक दहशत का माहौल रहा। यहां सगे भाईयों में मामूली बात को लेकर शुरू हुआ विवाद इस कदर बढ़ गया था कि कई परिवारों की खुशियां तबाह हो गई। मारपीट के दौरान एक भाई की पत्नी और उसके बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को यादकर लोग आज भी सिहर जाते हैं। हैरान करने वाली बात ये रही कि जिन हमलावरों ने महिला और उसके बेटे को मौत के घाट उतारा था उसमें एक लड़के को महिला ने छह माह की उम्र से अपना दूध पिलाकर पाला था। आगे की स्लाइड्स में पढ़िए कि किस तरह एक छोटे से विवाद में मां-बेटे की जिंदगी खत्म हो गई...
घटना 23 अगस्त 2020 की है। जिले के गगहा थाना क्षेत्र के पोखरी गांव में सगे भाई अरविंद दुबे और राजेश दुबे के बीच एक पेड़ को लेकर विवाद चल रहा था। अरविंद ने महुआ का पेड़ बेच दिया था, जिसे काटने के लिए (घटना वाले दिन) ठेकेदार पहुंचा था। जैसे ही पेड़ कटना शुरू हुआ, राजेश के परिवार के लोग विरोध करने लगे।
इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हो गई, जिसमें राजेश और अरविंद समेत तीन लोग घायल हो गए। जिसके बाद दोनों पक्ष थाने में तहरीर देने पहुंचे वहां से सभी घायलों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। उधर, राजेश के साथ मारपीट की खबर पाकर 10-12 की संख्या में उसके साथी और रिश्तेदार गांव में आ गए। ये लोग अरविंद के घर पहुंचे और उनकी पत्नी हेमलता (50) व बेटे हर्ष (23) पर धारदार हथियार से हमला कर दिया।
हेमलता ने हमलवारों को समझाने की हजार कोशिश की, लेकिन हमलावर कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। ऐसा लग रहा था कि उन पर खून सवार है। मां-बेटे की जान लेने के बाद वह मौके से फरार हो गए। घटना के बाद मां-बेटे का खून से सना हुआ शव आसपास पड़ा देख हर कोई रो पड़ा।
घटना के वक्त स्थानीय लोगों ने बताया था कि राजेश की पहली पत्नी की बीमारी से 20 साल पहले मौत हो गई थी। उसका बेटा अंबुज उस समय छह माह का था। हेमलता ने उसे अपना दूध पिलाकर पाला। कुछ दिन बाद राजेश ने दूसरी शादी कर ली। वहीं पेड़ काटने को लेकर विवाद होने पर अंबुज ने ही रिश्तेदोरों के साथ मिलकर हेमलता को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना में दस लोग नामजद आरोपी बनाए गए थे, सभी आरोपी जेल में हैं।