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यूपी: मासूम बेटियों के साथ दरिंदगी कर रहे थे बदमाश, सिर पर तनी बंदूक के डर से रोते रहे मां-बाप
शिवम सिंह, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Thu, 12 Nov 2020 11:50 AM IST
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सांकेतिक तस्वीर।(घटनास्थल पर जांच करते एसएपी)
- फोटो : अमर उजाला।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गगहा इलाके के एक गांव में स्थित ईंट-भट्ठे पर हथियारों से लैस करीब दर्जन भर डकैतों ने मजदूरों को एक झोपड़ी में बंधक बनाकर 14 व 17 साल की दो किशोरियों के साथ दुष्कर्म किया। घटना मंगलवार रात करीब एक बजे की है। डकैतों ने महिलाओं और अन्य किशोरियों से भी अश्लील हरकत की। दुष्कर्म के बाद डकैत, 76,300 रुपये, नौ मोबाइल फोन व गहने लूटकर फरार हो गए। आगे की स्लाइड्स में पढ़िए पूरा मामला...
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घटनास्थल पर छानबीन करती पुलिस।
- फोटो : अमर उजाला।
मां-बाप एक झोपड़ी में बंधक थे, उनके सिर पर बंदूक तनी थी। दूसरी झोपड़ी में बदमाश उनकी मासूम बेटियों से हैवानियत कर रहे थे। बच्चियां बचाने के लिए चीख-चिल्ला रही थीं, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाले बंदूकों के आगे बेबस थे। एक पिता ने झोपड़ी से बाहर निकलने की कोशिश की तो उसे बेरहमी से पीटा गया। इसके बाद सभी नियति मानकर चुप हो गए और आंसू बहाते रहे। यह सब कुछ मंगलवार आधी रात के बाद दो घंटे तक चला और पुलिस को खबर तक नहीं लगी। आशंका जताई जा रही है कि वारदात किसी नट गिरोह ने की है, क्योंकि इस तरह से वही वारदात करता है, लेकिन सवाल यह भी है कि नट गिरोह अचानक नहीं आते हैं। वह बसेरा बनाकर वारदात करते हैं। ऐसे में एडीजी की उस चिट्ठी की भी याद आ जाती है, जिसमें पुलिस वालों को उन्होंने इस तरह की वारदात को रोकने के लिए आगाह करते हुए झुग्गी-झोपड़ियों की जांच का आदेश दिया था।
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घटनास्थल पर छानबीन करती पुलिस।
- फोटो : अमर उजाला।
पुलिस का मुखबिरी तंत्र फेल
गगहा इलाके में बदमाशों ने जिस तरह से तांडव मचाया है, उससे पुलिस की सतर्कता की पोल खुल गई है। उसका मुखबिर तंत्र भी फेल होता दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि पुलिस ने एडीजी के आगाह करने के बावजूद सतर्कता नहीं बरती। थाने से चार किलोमीटर की दूरी पर ईंट-भट्ठा है। अगर पुलिस गश्त करती तो कोई न कोई सुराग मिल जाता। बदमाश वारदात करके बड़े आराम से निकल गए। इससे लगता है कि पुलिस की चेकिंग इलाके में कहीं नहीं थी। आधी रात को यदि पुलिस रोकटोक करती तो बदमाश भाग नहीं पाते।
गगहा इलाके में बदमाशों ने जिस तरह से तांडव मचाया है, उससे पुलिस की सतर्कता की पोल खुल गई है। उसका मुखबिर तंत्र भी फेल होता दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि पुलिस ने एडीजी के आगाह करने के बावजूद सतर्कता नहीं बरती। थाने से चार किलोमीटर की दूरी पर ईंट-भट्ठा है। अगर पुलिस गश्त करती तो कोई न कोई सुराग मिल जाता। बदमाश वारदात करके बड़े आराम से निकल गए। इससे लगता है कि पुलिस की चेकिंग इलाके में कहीं नहीं थी। आधी रात को यदि पुलिस रोकटोक करती तो बदमाश भाग नहीं पाते।
घटनास्थल पर छानबीन करती पुलिस।
- फोटो : अमर उजाला।
मां की गोद में दुबके रहे मासूम
जिस तरह से डकैतों ने वारदात को अंजाम दिया, उससे दहशत का माहौल हो गया। परिवार के लोग बच्चों को बचाने में लगे थे। शोर से छोटे बच्चों की नींद खुल गई तो वह मां की गोद में दुबक गए। एक महिला मजदूर ने बताया कि बदमाशों के सिर पर खून सवार था। डर के मारे हर कोई यही सोच रहा था कि किसी तरह से जान बच जाए। लग रहा था कि सब कुछ खत्म हो जाएगा।
जिस तरह से डकैतों ने वारदात को अंजाम दिया, उससे दहशत का माहौल हो गया। परिवार के लोग बच्चों को बचाने में लगे थे। शोर से छोटे बच्चों की नींद खुल गई तो वह मां की गोद में दुबक गए। एक महिला मजदूर ने बताया कि बदमाशों के सिर पर खून सवार था। डर के मारे हर कोई यही सोच रहा था कि किसी तरह से जान बच जाए। लग रहा था कि सब कुछ खत्म हो जाएगा।
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घटनास्थल पर छानबीन करती पुलिस।
- फोटो : अमर उजाला।
ऐसे वारदात करता है नट गिरोह
एसपी साउथ ने शुरुआती जांच पड़ताल के बाद माना है कि नट गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया है। नट गिरोह की वारदात का अंदाज कुछ अलग होता है। वह वारदात से पहले इलाके में किसी सुरक्षित स्थान पर परिवार के साथ झोपड़ी डालकर बसेरा बनाते हैं। इसके बाद रेकी करते हैं। छोटे लोगों को ही टारगेट करते हैं। यह गिरोह इतना हिंसक होता है कि वारदात के समय हत्या तक कर देता है। साथ ही वारदात से पहले उस जगह पर जाकर यह कुछ झाड़ फूंक भी करते हैं और फिर घटना को अंजाम देते हैं।
फोरेंसिक टीम जांच को पहुंची
एसएसपी के जाने के बाद फोरेंसिक टीम और डॉग स्कवॉड भी मौके पर पहुंची। खोजी कुत्ते कुछ दूर जाने के बाद लौट आए। वहीं फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं। दुष्कर्म और छेड़खानी की शिकार हुई किशोरियों को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है।
एसपी साउथ ने शुरुआती जांच पड़ताल के बाद माना है कि नट गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया है। नट गिरोह की वारदात का अंदाज कुछ अलग होता है। वह वारदात से पहले इलाके में किसी सुरक्षित स्थान पर परिवार के साथ झोपड़ी डालकर बसेरा बनाते हैं। इसके बाद रेकी करते हैं। छोटे लोगों को ही टारगेट करते हैं। यह गिरोह इतना हिंसक होता है कि वारदात के समय हत्या तक कर देता है। साथ ही वारदात से पहले उस जगह पर जाकर यह कुछ झाड़ फूंक भी करते हैं और फिर घटना को अंजाम देते हैं।
फोरेंसिक टीम जांच को पहुंची
एसएसपी के जाने के बाद फोरेंसिक टीम और डॉग स्कवॉड भी मौके पर पहुंची। खोजी कुत्ते कुछ दूर जाने के बाद लौट आए। वहीं फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं। दुष्कर्म और छेड़खानी की शिकार हुई किशोरियों को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है।