बैराजों से छोड़े गए पानी के बाद अब बाढ़ ने तटवर्ती इलाकों में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। बाढ़ का पानी फसलों को जलमग्न करता हुआ आबादी क्षेत्र में घुस गया है। जिससे तटवर्ती इलाकों के लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं। किसान बर्बादी के मुहाने पर पहुंच रहे हैं। जलस्तर बढ़ने से खतरा और बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 24 घंटों में 15 सेंटीमीटर तक जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते सिंचाई और राजस्व विभाग के अफसर दिनभर निगरानी करते रहे। पिछले दिनों पहाड़ों पर हुई बारिश से बैराजों से छोड़ा गया पानी तेजी के साथ कछला गंगा नदी में बढ़ गया है। जिससे पानी कच्चे रास्तों को तोड़ता हुआ फसलों में घुस गया और फसलों को जलमग्न करने के बाद तेज रफ्तार के साथ आबादी की ओर पहुंच गया। गंगा नदी में आई बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
कासगंज में बाढ़ का खतरा: गंगा के पानी ने तटवर्ती इलाकों में मचाई तबाही, लोग परेशान, देखें तस्वीरें
प्रवाह से खुल गए पुल पुलियों के रास्ते
बाढ़ से बचने के लिए सिंचाई विभाग ने पहले ही पुल और पुलियों के मुहाने बंद करा दिए थे। जिससे कि कुलावे बंद रहने से पानी गांव की ओर न बढ़े, लेकिन पानी के प्रवाह से दतलाना पुख्ता में देर रात पुलिया का रास्ता खुल गया और यहां से पानी फसलों में घुस गया। तहसीलदार अजय कुमार मौके पर पहुंचे और पुलिया का रास्ता बंद कराने के लिए टीम लगाई। वहीं पानी की धार तेजी के साथ बढ़ती देख तराई क्षेत्र में ग्रामीण स्वयं बंधों को मजबूत करने में जुट गए हैं।
दिनभर दौड़ते रहे अफसर
बाढ़ से तबाही की खबर मिलते ही अफसरों में भी बेचैनी बनी रही। कासगंज में एसडीएम शिवकुमार, सीओ दीपकुमार पंत, सहावर में एसडीएम रमाकांत, सीओ शैलेंद्र परिहार, पटियाली में एसडीएम रवेंद्र कुमार, तहसीलदार राजीव निगम, सीओ आरके तिवारी तराई क्षेत्रों में निगरानी के लिए दौड़ते रहे। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरूण कुमार, सहायक अभियंता संजय कुमार, अबर अभियंता पंजाबी सिंह भी निगरानी बनाए रहे।
गंगानदी में पानी बढ़ गया है। इस साल का यह रिकॉर्ड पानी है। पानी आबादी में नहीं बल्कि फसलों तक पहुंचा है। अब धीमे धीमे पानी कम होने लगेगा। -अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई।
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