{"_id":"5eff455b8ebc3ea0790ba7db","slug":"kanpur-encounter-fatehabad-police-constable-babalu-martyred-father-wants-to-marriage","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"कानपुर मुठभेड़ः 'जिसकी शादी की सोच रहे थे वह दुनिया से चला गया', पिता का छलका दर्द","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
कानपुर मुठभेड़ः 'जिसकी शादी की सोच रहे थे वह दुनिया से चला गया', पिता का छलका दर्द
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sat, 04 Jul 2020 12:13 AM IST
विज्ञापन
कानपुर मुठभेड़ में शहीद बबलू कुमार की फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम में फतेहाबाद के पोखर पांडेय गांव का सिपाही बबलू कुमार भी शामिल थे, जो इस मुठभेड़ में शहीद हुए। बबलू दिसंबर 2018 में पुलिस कांस्टेबल के तौर पर भर्ती हुए थे। शुक्रवार सुबह बेटे की शहादत की जानकारी होते ही पिता व परिवार के अन्य सदस्य कानपुर चले गए। गांव के लोग और रिश्तेदार उनके घर पर पार्थिव शरीर आने का इंतजार करते दिखे। गांव वालों को बेटे को खोने का गम है तो अपराधियों की करतूत पर गुस्सा भी है। उनका कहना है कि अब इस कुख्यात और उसके गैंग का खात्मा किया जाना चाहिए।
Trending Videos
शहीद बबलू कुमार की फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
फतेहाबाद कस्बे से चार किमी दूरी पर स्थित गांव पोखर पांडेय है। जिसमें 30 से 35 मकान है और करीब 150 लोगों की आबादी है। यहीं का बबलू पुत्र छोटेलाल 2018 में पुलिस में भर्ती हुआ था। कानपुर में ही ट्रेनिंग की। वहीं तैनाती भी मिली। वर्तमान में वह बिठूर थाने में तैनात था। परिवार के लोगों ने बताया कि गुरुवार रात आठ बजे बड़े भाई दिनेश के मोबाइल पर बबलू का फोन आया था। उनसे हालचाल लिए थे। बाद में कानपुर से किसी पुलिस अधिकारी ने उन्हें फोन कर भाई के बलिदान के बारे में बताया। इसके बाद घर में कोहराम मच गया।
ये भी पढ़ें: कानपुर मुठभेड़: आगरा मंडल के दो सिपाहियों ने भी गंवाई जान, परिवार में गम-गुस्से का माहौल
ये भी पढ़ें: कानपुर मुठभेड़: आगरा मंडल के दो सिपाहियों ने भी गंवाई जान, परिवार में गम-गुस्से का माहौल
विज्ञापन
विज्ञापन
विलाप करता हुआ शहीद सिपाही बबलू कुमार का परिवार
- फोटो : अमर उजाला
बबलू के परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं है। उनके पिता के पास खेत नहीं हैं। चार भाइयों में बबलू तीसरे नंबर का था। पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं। बबलू के बड़े भाई दिनेश भी उनके साथ ही काम करते हैं। छोटे भाई उमेश ने इस वर्ष 12वीं की परीक्षा पास की है। बबलू के पांच बहनें हैं। बबलू की पुलिस में नौकरी लगने के बाद परिवार को उम्मीद की किरण जागी थी। पिता बबलू की शादी की सोच रहे थे लेकिन बबलू की शहादत की खबर आई।
शहीद सिपाही बबलू कुमार का फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
कानपुर में बदमाशों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए सिपाही बबलू कुमार ने अपने गरीब परिवार में अभाव में जीवन व्यतीत किया। पर, शुरू से ही मेधावी रहकर पुलिस में 2018 में भर्ती हो गए। उनके साथी बताते हैं कि वह मिलनसार होने के साथ पढ़ने में भी होशियार था। बबलू के ताऊ का पुत्र जितेंद्र भी उसके बाद भर्ती हुआ है जो इस समय फतेहगढ़ पीएसी में तैनात है।
विज्ञापन
विलाप करता हुआ शहीद सिपाही बबलू कुमार का परिवार
- फोटो : अमर उजाला
सिपाही बबलू कुमार की शहादत पर उसके गांव पोखर पांडेय में शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। परिवारीजन कानपुर चले गए हैं। रिश्तेदार तथा दूर दराज से ग्रामीण उसके घर पर पहुंच रहे हैं। घर पर महिलाएं बिलख रही हैं। इनको देखकर सभी की आंखों में आंसू आ रहे हैं। मामले की जानकारी पर क्षेत्राधिकारी विकास जायसवाल, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार भी पहुंचे। शहादत के बाद पूरे गांव में सिर्फ बबलू की चर्चा है। गांववालों का कहना है कि बबलू बहुत मिलनसार था। वह जब भी छुट्टी आता था, सबसे सम्मान देकर मिलता था। अब सरकार और पुलिस को बदमाशों का खात्मा करना चाहिए। तभी बबलू के बलिदान का बदला पूरा होगा।
