तीन साल से ताजनगरी की सड़कें बदहाल पड़ी हैं। सुधार के तमाम दावों के बाद भी हकीकत यह है कि शहर से लेकर देहात तक जगह-जगह सड़कें खोदी हुई पड़ी हैं। सड़कों में गड्ढों और बारिश के कारण कीचड़ से लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया। शनिवार को कीचड़ में बाइक फिसलने से एत्माद्दौला में मंडी समिति चौकी पर तैनात दरोगा रामचंद्र राठौर ट्रक की चपेट में आ गए थे। हादसे में उनकी मौत हो गई थी। शहर में सिकंदरा बोदला, लोहामंडी, पश्चिमपुरी, फतेहाबाद रोड, अलबतिया, अवधपुरी, गढ़ी भदौरिया, दहतोरा रोड की कॉलोनियों के तीन लाख से ज्यादा लोगों को ऐसी ही कीचड़ भरी सड़कों से गुजरकर मतदान केंद्रों तक मतदान करने के लिए जाना होगा।
शहर में तीन साल से सीवर और पानी की लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसके लिए की गई खोदाई के बाद करीब एक साल से इन सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है। खोदाई के बाद धंस गई सड़कों पर गहरे गड्ढे हो गये और बारिश के बाद उनमें पानी भर गया। कीचड़ के कारण फिसलन होने से लोगों का पैदल निकलना भी कठिन हो गया है।
शहर में तीन साल से सीवर और पानी की लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इसके लिए की गई खोदाई के बाद करीब एक साल से इन सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है। खोदाई के बाद धंस गई सड़कों पर गहरे गड्ढे हो गये और बारिश के बाद उनमें पानी भर गया। कीचड़ के कारण फिसलन होने से लोगों का पैदल निकलना भी कठिन हो गया है।