विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ 2025 के पहले संगम नगरी को एक बड़े कैनवास में तब्दील कर दिया गया है। प्रयागराज की दीवारों को धर्म, संस्कृति और आस्था के रंगों से सराबोर किया जा रहा है। प्रयागराज और देशभर से आए कलाकार दिन-रात सनातन धर्म से जुड़े प्रतीकों को दीवारों पर उकेर रहे हैं। 10 लाख स्क्वायर फीट से भी बड़े क्षेत्र में महाकुंभ-2025 के लिए पेंटिंग्स तैयार की जा रही हैं।
Paint My City : जीवंत हुईं संगम नगरी की दीवारें, 10 लाख स्क्वायर फीट में उकेरी जा रही सनातन संस्कृति
विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ 2025 के पहले संगम नगरी को एक बड़े कैनवास में तब्दील कर दिया गया है। प्रयागराज की दीवारों को धर्म, संस्कृति और आस्था के रंगों से सराबोर किया जा रहा है।
दीवार पर बना दी पूरी रामायण
अर्चना बताती हैं कि रामायण को दीवारों पर उकेरा जा रहा है। भगवान राम, माता सीता, हनुमान आदि को दर्शाते हुए पूरी रामायण दीवारों पर बनाई जा रही है। फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स के अलावा कुछ मूक-बधिर युवा भी दीवारों पर पेंटिंग बना रहे हैं। अर्चना की टीम विशेष रूप से सनातन संस्कृति को बढ़ावा देते चित्रों को बना रही है। अर्चना बताती हैं कि नवंबर के अंत तक वो अपनी पेंटिंग्स को पूरा कर लेंगी। अर्चना की टीम में प्रयागराज के अलावा सुल्तानपुर, अयोध्या, बनारस, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि के छात्र काम में जुटे हुए हैं। सभी को पारिश्रमिक मिलता है।
कलर ऐसा की दो साल तक रहेगा हूबहू
पुणे के अमित दरस्तवार महाकुंभ मेला क्षेत्र में दीवारों पर सनातन के प्रतीकों की पेंटिंग्स बना रहे हैं। उनकी 10 लोगों की टीम गंगा माता, जीव-जंतुओं, साधुओं की रियलिस्टिक पेंटिंग, वाद्य यंत्र, हिंदू धर्म के चिन्ह आदि पर काम कर रहे हैं। अमित की टीम ने मेला प्राधिकरण के कार्यालय की दीवारों पर बेहद सुंदर चित्र बनाए हैं। समुद्र मंथन, सप्त ऋषि आदि की पेंटिंग भी दीवारों के साथ फ्लाईओवर, पिलर्स पर बनाई जा रही हैं।
दीवारों पर पेंटिंग्स कितने दिनों तक सुरक्षित रहेंगी, के सवाल पर अर्चना जाधव कहती हैं कि दो साल तक पेंटिंग्स अपने मूल स्वरूप में बनी रह सकती हैं, यदि लोग उन्हें नुकसान न पहुंचाएं।वैसे यह पेंटिंग्स पांच साल तक भी सुरक्षित रहेंगी, यदि इनका सही से रख-रखाव किया जाए।
2019 में अर्द्ध कुंभ में गिनीज बुक में दर्ज हुआ था पेंटिंग का रिकॉर्ड
वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर अर्द्ध कुंभ के दौरान भी हजारों छात्रों, आम नागरिकों और पेंटर्स ने 8 घंटे तक लगातार पेंटिंग वॉल पर हाथों के रंग-बिरंगे छाप से 'जय गंगे' थीम की पेंटिंग बनाई थी, जो गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड दर्ज हुआ था।