शहर से लेकर गंगा-यमुना के तटों तक सबकुछ अनलॉक होने के साथ ही गंगा दशहरा पर संगम की रेती आस्था के दीपों से जगमगा उठी। मां गंगा के सामने आंचल फैलाकर मनौतियां करने के साथ ही हल्दी-चंदन के टीकों से शुभ और शांति की कामनाएं की जाने लगीं। इस साधु-संतों समेत हजारों श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई।
पौ फटने के साथ ही लोग गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती में आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम पहुंचने लगे। इसी के साथ तीर्थपुरोहितों की चौकियों संकल्प दिलाए जाने लगे और स्नान-ध्यान, दीपदान शुरू हो गया। जगह-जगह महिलाएं रेती पर शिवलिंग बनाकर पूजने लगीं। महिलाएं समूहों में गंगा माता के मंगल गीत गाने लगीं।
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देखते-देखते संगम तट पर गंगा दशहरा का उत्सव गुलजार हो गया। कामनापूर्ति के लिए दुग्धाभिषेक कराया जाने लगा तो फूलमाला की टोकरियां लेकर बच्चे संगम की रेती पर दौड़ने लगे। हालांकि गंगा दशहरा पर इस बार अपेक्षाकृत भीड़ कम रही। फिर भी चहल पहल बनी रही। सुबह ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के साथ ही तमाम साधु-संतों ने भी संगम में पुण्य की डुबकी लगाई।
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संगम स्नान करने वालों में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि,जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि, जूना अखाड़े के पूर्व अध्यक्ष महंत सोहन गिरि, महानिर्वाणी अखाडे़ के महंत यमुना पुरी, महंत पुष्कर गिरि,महंत इच्छा गिरि, थानापति अरुण भारतीय शामिल थे। संगम पर डुबकी के साथ ही संतों-भक्तों ने हर हर महादेव, हर हर गंगे... जय जय गंगे ... के जयकारे भी लगाए।
इसी दशहरा पर ही गंगा का पृथ्वी पर अवतरण होने की मान्यता रही है। इस दिन गंगा में स्नान, पूजा और ध्यान से मन, वाणी और कर्म से किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है। महंत हरि गिरि, महामंत्री-अखाड़ा परिषद।
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भीड़ बढ़ी तो पुलिस ने संगम के रास्तों पर कराई बैरिकेडिंग
संगम पर गंगा दशहरा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने कोरोना संक्रमण के देखते हुए रास्तों पर बैरिकेडिंग करवा दी। संगम जाने वाले मार्गों पर जगह-जगह बैरियर लगाकर लोगों को रोका जाने लगा। इससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु चाहकर भी संगम तक नहीं जा सके। काली मार्ग, अक्षयवट मार्ग, लाल मार्ग के अलावा बेनी बांध पर बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं को संगम की ओर जाने से रोक दिया गया। संगम के मार्गों से वापस किए गए श्रद्धालुओं ने नागवासुकि के अलावा यमुना बलुआ घाट व अरैल में डुबकी लगाई।
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मां गंगा से की गई प्रार्थना, संगम बन जाए विश्व धरोहर
प्रयागराज सेवा समिति की ओर से सोमवार को गंगा दशहरा पर दशाश्वमेध घाट पर अनुष्ठान व आरती, पूजन के साथ संगम को विश्व धरोहर बनाए जाने के लिए प्रार्थना की गई। प्रयागराज सेवा समिति के तीन दिनी गंगा दशहरा महोत्सव के समापन पर श्रद्धालुओं ने दशाश्वमेध घाट पर डुबकी भी लगाई। संस्था के अध्यक्ष पं धर्मराज पांडेय के नेतृत्व में पूजन -अर्चन कर मां गंगा से संगम विश्व धरोहर अभियान की सफलता की कामना की गई।