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Prayagraj : छात्राओं को खून से लथपथ तड़पता देख भड़क गए ग्रामीण, डंपर में लगाई आग, एसीपी से तीखी नोकझोंक
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 26 Sep 2024 11:59 AM IST
सार
हादसे के बाद छात्राओं में चीखपुकार मच गई। आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े और वहां पहुंचकर देखा कि एक छात्रा मृत पड़ी है। जबकि अन्य छात्राएं खून से लथपथ पड़ीं तड़प रही थीं। यह देख ग्रामीण भड़क उठे। वह डंपर की ओर बढ़ने लगे तो मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर मेजा व दरोगाओं ने उन्हें राेकने की कोशिश की।
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घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने फूंक दिया डंपर।
- फोटो : अमर उजाला।
मेजा में बेकाबू डंपर द्वारा छात्राओं को रौंदने के बाद मची चीखपुकार सुन मौके पर पहुंचे ग्रामीण खून से लथपथ छात्राओं को देखकर भड़क उठे। इसके बाद उन्होंने डंपर को आग के हवाले कर दिया। इंस्पेक्टर और दरोगा समझाते रह गए लेकिन ग्रामीणों ने एक न सुनी। उनमें चालक के मौके से भाग निकलने को लेकर भी भारी आक्रोश था। बाद में उसे हिरासत में लिए जाने की जानकारी पर वह शांत हुए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के बाद छात्राओं में चीखपुकार मच गई। आसपास के लोग घटनास्थल की ओर दौड़े और वहां पहुंचकर देखा कि एक छात्रा मृत पड़ी है। जबकि अन्य छात्राएं खून से लथपथ पड़ीं तड़प रही थीं। यह देख ग्रामीण भड़क उठे।वह डंपर की ओर बढ़ने लगे तो मौके पर मौजूद इंस्पेक्टर मेजा व दरोगाओं ने उन्हें राेकने की कोशिश की। हालांकि, आक्रोशित लोगों ने उनकी एक न सुनी। तब तक मौके पर एसीपी मेजा रवि कुमार गुप्ता भी पहुंच गए।
उन्होंने समझाना चाहा तो भीड़ में शामिल लाेगों ने पहले नोकझोंक और फिर धक्कामुक्की की। इसके बाद पुलिस देखती रह गई और भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस के सामने डंपर में आग लगा दी। पुलिसकर्मी पानी फेंकने लगे तो उन्हें रोक दिया। फायरब्रिगेड पहुंची तो उसे भी रोकने की कोशिश की। घटनास्थल के पास ही सड़क पर बैठकर जाम लगा दिया। बाद में बहुत समझाने पर शांत हुए।
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घायल छात्रों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाते लोग।
- फोटो : अमर उजाला।
डंपर के नीचे दबा छात्रा का हाथ, 36 मिनट बाद रेस्क्यू कर निकाला
सड़क हादसे में डंपर के नीचे नौवीं की छात्रा सिमरन का हाथ दब गया। 36 मिनट की मशक्कत के बाद पुलिस छात्रा को निकाल सकी। पुलिस ने जैक लगाने के साथ ही उसे बाहर निकालने के लिए जेसीबी की भी मदद ली। इसके बाद छात्रा को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
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घटना के बाद पुलिस से लोगों को तीखी नोकझोंक हो गई।
- फोटो : अमर उजाला।
समय रहते क्यों नहीं बुलाई अतिरिक्त फोर्स
इस मामले में पुलिस की चूक भी सामने आई। अगर समय रहते मौके पर अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई होती तो शायद लोग आगजनी न कर पाते। पांच छात्राओं के डंपर की चपेट में आने की खबर पर न सिर्फ समहन बल्कि आसपास के गांवों के लोग भी जुटने लगे। मेजा थाने की फोर्स लेकर इंस्पेक्टर पहुंचे लेकिन लोगों की संख्या बहुत ज्यादा थी। बाद में कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची लेकिन तब तक डंपर में आग लगाने के साथ ही आक्रोशित भीड़ हाईवे भी जाम कर चुकी थी।
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घटना के बाद पुलिस से लोगों को तीखी नोकझोंक हो गई।
- फोटो : अमर उजाला।
कैसे चल रहे हैं ओवरलोड ट्रक
आक्रोशित लोगों ने कई सवाल भी उठाए। उनका कहना था कि ओवरलोड वाहन मौत बनकर दौड़ते हैं। लगातार हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन चेत नहीं रहा है। सभी का एक ही सवाल था कि ओवरलोड ट्रकों का संचालन क्यों किया जा रहा है। जबकि स्कूल टाइम में ट्रकों के संचालन पर रोक लगाई गई है। आक्रोशित लोगों के सामने पुलिस असहाय महसूस कर रही थी।
घटनास्थल से नो इंट्री प्वाइंट 10 किमी आगे है। वाहन ओवरलोड था कि नहीं, यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा। - विवेक चंद्र यादव, डीसीपी यमुनानगर
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घटना के बाद मौके पर जुटी भीड़।
- फोटो : अमर उजाला।
बड़ा अफसर बनना चाहती थी बेटी, टूट गया सपना
हादसे में जान गंवाने वाली रिद्धि बड़ा अफसर बनना चाहती थी। वह दिन-रात पढ़ाई करती थी। स्कूल के साथ कोचिंग भी जाती थी। बार-बार यही कहती थी कि अफसर बनकर घरवालों का सपना पूरा करूंगी। हालांकि, इस हादसे ने यह सपना चकनाचूर कर दिया। बेटी की मौत के बाद बिलखते हुए यह बातें मां रीतू ने कहीं। बताया कि रिद्धि के पिता जयकृष्ण मिश्रा की भी मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी। तीन वर्ष पहले मेजा के तेंदुआ गांव के सामने यह हादसा हुआ था। मां बेटी की साइकिल देखकर फफक-फफक कर रोती रही। पिता की मौत के बाद रिद्धि मां का सहारा थी। उसका एक छोटा भाई है।
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