शातिर शूटरों ने अपने बचाव के लिए काफी तिकड़म लगाई, लेकिन तकनीक और नए आरोपी विजय की नादानी से मात खा गए। इन्होंने अपने आधार कार्ड में कहीं नाम, कहीं पता तो कहीं आधार नंबर में मामूली हेरफेर किया था। इससे शुरू में पुलिस को शूटरों की संख्या आठ लगी जो बाद में दुरुस्त कर ली गई।
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दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग का मामला
- फोटो : अमर उजाला
मुख्य शूटर रविंद्र ने प्रीत पैलेस होटल में सागर नाम की आईडी लगाई। हालांकि, इस पर फोटो उसी का लगा था, लेकिन आधार नंबर मिसमैच था। हिंद गेस्ट हाउस में तीनों शूटर अरुण, नकुल व विजय ने निशांत शर्मा, रामनिवास व अमित नाम की आईडी का इस्तेमाल किया।
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ऐसे में वारदात के बाद इन्हें ट्रेस करती पुलिस दोनों होटलों में पहुंची तो सही व फर्जी आईडी से आठ बदमाशों के होने का प्रमाण मिला। ऐसे में पुलिस उलझ गई। किसी का नाम, किसी के पिता का नाम, किसी का पता और किसी के आधार कार्ड के नंबर बदले हुए थे।
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तब पहला सुराग विजय की नादानी से मिला। आधार की फोटोकॉपी न होने पर उसने अपने मोबाइल से स्क्रीन शॉट लेकर होटल कर्मी के नंबर पर भेजा था। पुलिस ने कर्मचारी का मोबाइल चेक किया तो साथ में विजय का मौजूदा मोबाइल नंबर भी मिल गया। इसके सहारे उसकी पहचान कर ली गई।
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बाकी आरोपियों की होटल के रिसेप्शन पर मिली फुटेज से पता लगा कि वह नाम-पता बताते वक्त अपना मोबाइल बार-बार देख रहे थे। शायद फर्जी नाम-पता उन्हें सही से याद नहीं था। तब पुलिस ने आईडीपीआर से डाटा लेकर व विजय के सही नंबर पर दूसरे लोगों की कॉल ट्रेस करके आरोपियों के बारे में सटीक जानकारी हासिल कर ली।