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UP News: सूफी सुन्नी विचारधारा से आएगी विश्व में शांति, उर्स-ए-रजवी में उलमा ने दिया दुनिया को पैगाम

अमर उजाला ब्यूरो, बरेली Published by: मुकेश कुमार Updated Thu, 21 Aug 2025 10:29 AM IST
सार

बरेली में उर्स-ए-रजवी के तीसरे दिन बुधवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान पर आला हजरत के कुल की रस्म अदा की गई। इस दौरान रजा के दीवानों का सैलाब उमड़ पड़ा। फिजा में लब्बैक की सदाएं गूंजती रहीं। उलमा ने जायरीन को मुल्क से वफादारी का पैगाम दिया। 
 

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उर्स-ए-रजवी के जलसे में तकरीर करते उलमा - फोटो : अमर उजाला
मौजूदा दौर में सूफी सुन्नी विचारधारा से विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। हमारा मुल्क दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश है। यहां नफरत की कोई जगह नहीं। यह मुल्क एक खूबसूरत गुलदस्ता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई इसके फूल हैं। आला हजरत और उनके पूरे कुनबे ने अंग्रेजों से नफरत और मुल्क से वफादारी का पैगाम दिया। ये बातें बरेली में उर्स-ए-रजवी के तीसरे दिन इस्लामिया मैदान पर आयोजित जलसे में मुफ्ती सलीम नूरी ने कहीं। देश-दुनिया से जुटे अन्य उलमा ने भी मुसलमानों को खास पैगाम दिया। 
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जलसे में जुटे जायरीन - फोटो : अमर उजाला

दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी की सदारत में आयोजित जलसे में मुफ्ती तौहीद संभली ने कहा कि बेटियों की अच्छी परवरिश करें। कौम के अमीर लोग इनके लिए स्कूल-कॉलेज खोलें। मुफ्ती इमरान हनफी ने कहा कि मसलक आला हजरत ही वफा-ए-रसूल का रास्ता है। यही हमारे नबी, हजरत अबू बकर सिद्दीक, हजरत उमर फारूक आजम, हजरत उस्मान गनी, हजरत मौला अली, हजरत इमाम हुसैन और गरीब नवाज का रास्ता है। मॉरीशस से आए मुफ्ती नदीम अख्तर ने भी  खिताब किया। 

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उर्स-ए-रजवी: जलसे में जुटे जायरीन - फोटो : अमर उजाला

मारहरा शरीफ के सज्जादानशीन हजरत मौलाना नजीब हैदर सहित मौलाना सैयद सैफ मियां, मुफ्ती अर्सलान रजा खान ने कहा कि मसलक आला हजरत ही मसलक अहले हक है। बरेलवी कोई फिरका नहीं, ये पैगंबर-ए-इस्लाम का मिशन है। मौलाना इरफान उल हक कादरी, अल्लामा सगीर अख्तर जोखनपुरी, मुफ्ती सैयद कफील हाशमी, मुफ्ती जीशान रजा, मौलाना जाहिद रजा बरेलवी,  मौलाना मुख्तार बहेड़वी व मुफ्ती अय्यूब ने भी खिताब किया। 

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दुआ में उठे हजारों हाथ - फोटो : अमर उजाला

आखिर में आला हजरत के कुल शरीफ की रस्म दोपहर 2:38 बजे अदा की गई। सज्जादानशीन अहसन मियां ने हिंदुस्तान समेत दुनियाभर में अमन-ओ-सुकून व खुशहाली के लिए खुसूसी दुआ की। सैयद आसिफ मियां की निगरानी में हुए जलसे का संचालन कारी यूसुफ रजा संभली ने किया। इस दौरान खानकाह तहसीनिया के सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खान, मुस्तहसन रजा खान, मुफ्ती फैज मियां, सूफी रिजवान मियां, शीरान रजा खान, इकान रजा खान,  मौलाना जिक्रउल्लाह आदि मौजूद रहे।

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उर्स स्थल पर जुटे जायरीन - फोटो : अमर उजाला
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन का पैगाम है कि इस साल पैगंबर-ए-इस्लाम का 1500 साला जश्न-ए-यौमे विलादत मनाया जाएगा। मुसलमान इस मौके पर खुशियां मनाएं। घरों, बाजारों और शहरों को सजाएं। महफिल और सेमिनार करें। मिठाई और फूल बांटकर खुशियां मनाएं।
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