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नहाय-खाय के साथ आज से शुरू होगी छठ पूजा, विधि-विधान से करें पूजन, छठी मैया पूरी करेंगी हर मनोकामना
यूपी डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 31 Oct 2019 11:33 AM IST
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छठ पूजा
- फोटो : अमर उजाला
तीन दिनों का महापर्व छठ दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है। दिवाली खत्म होते ही लोग छठ की तैयारी में लग जाते हैं। छठ की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस वर्ष 31 अक्टूबर को नहाय खाय से छठ पूजा शुरू होगी। इस दिन छठ करने वाले व्यक्ति स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनते हैं और उसके बाद भी खाना खाते है। नहाय खाय के दिन एक बात का खास ध्यान रखा जाता है कि खाने में किसी भी प्रकार का मसाला, लहसुन और प्याज न मिलाया जाए। इसका साफ अर्थ यह है कि काफी साधारण तरीके से इस दिन खाना बनाया जाता है।
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छठ पूजा
- फोटो : अमर उजाला
पहला दिन खरना
पहले दिन खरना होता है। खरना के दिन छठ करने वाले व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते है। इस बार खरना 1 नवंबर को मनाया जाएगा। खरना के शाम को रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है। साथ ही फल सब्जियों से पूजा की जाती है।
पहले दिन खरना होता है। खरना के दिन छठ करने वाले व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखकर शाम के वक्त खीर और रोटी बनाते है। इस बार खरना 1 नवंबर को मनाया जाएगा। खरना के शाम को रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद में चावल, दूध के पकवान, ठेकुआ बनाया जाता है। साथ ही फल सब्जियों से पूजा की जाती है।
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छठ पूजा
- फोटो : अमर उजाला
दूसरे दिन अस्त होते सूर्य को अर्घ्य
छठ के दूसरे दिन यानी शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार शाम का अर्घ्य 2 नवंबर को है। छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत करते हुए शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस दिन नदी या तालाब में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
छठ के दूसरे दिन यानी शाम के वक्त अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार शाम का अर्घ्य 2 नवंबर को है। छठ व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत करते हुए शाम को अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस दिन नदी या तालाब में सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
छठ पूजा
- फोटो : अमर उजाला
तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य
तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने के बाद लोग घाट पर बैठकर विधिवत तरीके से पूजा करते हैं फिर आसपास के लोगों को प्रसाद दिया जाता है। इस बार 3 नवंबर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
तीसरे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने के बाद लोग घाट पर बैठकर विधिवत तरीके से पूजा करते हैं फिर आसपास के लोगों को प्रसाद दिया जाता है। इस बार 3 नवंबर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
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छठ पूजा
- फोटो : अमर उजाला
छठ पूजा तिथि व मुहूर्त
2 नवंबर 2019
छठ पूजा के दिन सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 33 मिनट
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – शाम 5 बजकर 35 मिनट
2 नवंबर 2019
छठ पूजा के दिन सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 33 मिनट
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – शाम 5 बजकर 35 मिनट
