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सरकारी बैंकों में वेतन को लेकर हुआ बड़ा बदलाव, बैंककर्मी जरूर पढ़ें ये खबर

अमित अवस्थी, अमर उजाला, कानपुर Updated Tue, 28 Aug 2018 02:30 PM IST
सार

- निजी क्षेत्र के बैंकों की तर्ज पर सरकारी बैंकों में प्रदर्शन आधारित वेतन देने की तैयारी
- पहले यह व्यवस्था पीएनबी, एसबीआई, बाब में लागू की जा सकती है
- इस व्यवस्था में महाप्रबंधक और इससे उच्च स्तर के अफसरों को शामिल करने की है योजना

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बैंक
निजी क्षेत्र के बैंकों की तर्ज पर सरकारी बैंकों में प्रदर्शन आधारित वेतन देने की तैयारी की जा रही है। यह व्यवस्था पहले पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया और बैंक आफ बड़ौदा में लागू की जा सकती है। हालांकि इस व्यवस्था में महाप्रबंधक और इससे उच्च स्तर के अफसरों को शामिल करने की योजना है। वहीं बैंक संगठनों ने इसका विरोध किया है। 
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बैंक
निजी क्षेत्र के सभी प्रमुख बैंक में उनके कर्मचारियों को उनके परफारमेंस (प्रदर्शन) के आधार पर वेतन का भुगतान होता है। यह राशि सरकारी बैंकों की तुलना में दो गुना से अधिक होती है। इसके चलते ही सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी-अफसरों के वेतन में काफी अंतर होता है। अब इस पद्घति पर सरकारी बैंकों में वेतन भुगतान की व्यवस्था पर काम शुरू किया गया है।
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बैंक
पंजाब नेशनल बैंक के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में सरकारी बैंकों के मामलों में विभिन्न स्तर पर वेतन और भत्तों का निर्धारण इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए), बैंक यूनियन के प्रतिनिधियों और यूनियन फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बीच समझौते के बीच तय होते हैं। सूत्रों ने बताया कि इस तरह के प्रस्ताव से तृतीय श्रेणी के अधिकारी से लेकर वरिष्ठ महाप्रबंधक स्तर के अफसरों को तो लाभ होगा। लेकिन कर्मचारियों को पहले इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

बता दें कि बैंक कर्मचारियों-अफसरों का वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2017 से लंबित पड़ा है। आईबीए ने इस पर दो फीसदी वेतन बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा था। इसका बैंक कर्मचारियों-अफसरों ने कड़ा विरोध किया था। मई में तीन दिन की हड़ताल भी की गई थी। 
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बैंक
सरकारी बैंकों और निजी क्षेत्र की तुलना करके प्रदर्शन आधारित वेतन भुगतान किसी भी प्रकार से लाभ प्रद नही है। यदि ऐसा किया जाता है तो बैंक कर्मियों ही प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाएगी। इससे बैंक की व्यवस्था में खासा प्रभाव पड़ेगा। बैंक में हर व्यक्ति के पास अलग-अलग काम होता है। ऐसे में यह व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है।
- राजेंद्र अवस्थी, सचिव नेशनल कंफेडरेशन आफ इंप्लाइज


 
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बैंक
सरकार सरकारी बैंकों के निजीकरण पर उतारू है। यह उसी व्यवस्था का एक पार्ट है। इस व्यवस्था में अफसरों के वेतन प्रदर्शन आधारित करने की बात कही जा रही है। यह व्यवस्था बैंकों (बैंक टू बैंक निजी और सरकारी) के बीच प्रतिस्पर्धा को खत्म करेगी। इस व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया जाएगा। 
- संजय त्रिवेदी, मंत्री पंजाब नेशनल बैंक स्टाफ एसोसिएशन
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