पुष्पराज एक ऐसा नाम है जिसने फूलों की खुशबू के जरिये व्यापार से लेकर राजनीति तक में अच्छा मुकाम हासिल किया। दुनिया के 30 देशों तक इसका विस्तार किया। 2016 में इटावा-फर्रुखाबाद से सपा एमएलसी चुना गया था। पुष्पराज के पिता सवाईलाल जैन गुजराती थे। कारोबार के सिलसिले में उनका कन्नौज आना-जाना रहता था। इस दौरान छिपट्टी मोहल्ले में रहने वाली चिंतामणि जैन से उन्होंने शादी कर ली थी। 1950 में पिता और माता चिंतामणि जैन ने प्रगति अरोमा ऑयल डिस्टिलर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्म शुरू की थी। वर्ष 1989 में पुष्पराज जैन और उनके भाई अतुल जैन ने कारोबार को हाथों में लिया। छोटे भाई प्रभात और पंकज जैन मुंबई में रहकर व्यापार संभालते हैं। मौजूदा समय में इन्होंने देश के कई राज्यों के अलावा करीब 30 देशों तक खुशबू का व्यापार फैलाया है। शहर में उनका कोल्ड स्टोर, पेट्रोल पंप है। बताया जा रहा है कि वे करीब 20 से 25 कंपनियों के पार्टनर भी हैं
2016 में उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, पुष्पराज और उनके परिवार के पास 37.15 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 10.10 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। कन्नौज के कॉलेज में ही 12वीं तक पढ़ाई हासिल की। उनके कोई संतान नहीं है। आज भी भाई के संयुक्त परिवार में रहते हैं।
समाज में ये भी हैं पुष्पराज के काम
पुष्पराज जैन हर साल कोल्ड स्टोर में नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन करते हैं। इसमें पड़ोसी जनपदों से आए मरीजों तक की आंखों का ऑपरेशन होता है। उन्होंने अपनी माता चिंतामणि के नाम से एक भव्य मंदिर भी बनाया है। मोहल्ले में बने प्राथमिक विद्यालय का भवन बनाने में सहयोग किया है।
प्रेसवार्ता में जाने की नहीं दी अनुमति
कार्रवाई के दौरान इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन ने अधिकारियों से सपा कार्यालय में जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव की प्रेसवार्ता है। उसमें उनको शामिल होना है। इस पर आयकर अफसरों ने उन्हें जाने से मना कर दिया और छानबीन प्रक्रिया में सहयोग करने की बात कही।
पंपी के ठिकानों से शेयर होल्डिंग, कैपिटल गेन से जुड़े दस्तावेज बरामद
सपा एमएलसी और इत्र कारोबारी पंपी जैन के ठिकानों पर देररात तक जांच जारी रही। छापे में इनके यहां बड़े पैमाने पर शेयर होल्डिंग और कैपिटल गेन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें टीम ने जब्त कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज इतने अधिक हैं कि इनकी जांच लंबी खिंच सकती है।