कानपुर में साढ़-भीतरगांव मार्ग पर शनिवार रात हुए भीषण सड़क हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रखा दिया। हादसे के समय ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार घायल ज्ञानवती ने बताया कि उनके छोटे बेटे अभी का मुंडन समारोह था। वह अपने पति राजू, दो बेटियों रिया व प्रिया, सास जानकी और गांव के अन्य लोगों के साथ मुंडन समारोह में उन्नाव स्थित मां चंद्रिका देवी गई हुई थीं। वहां से वापसी के समय हादसा हो गया था, जबकि उनके ससुर सिद्धि लाल घर पर ही थे। घर से चार किलोमीटर पहले ही हादसा हो गया। जिसमें 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, हादसे के बाद तीन घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में खंती से सभी को बाहर निकाला गया। हादसा इतना विभत्स था कि जिसने भी देखा उनके रोंगटे खड़े हो गए।
{"_id":"63397fc7a4a61d17a36075fb","slug":"kanpur-tractor-tally-accident-accident-happened-four-kilometers-before-village-kanpur-accident-update-in-hindi","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"महज चार किमी दूर थी 'जिंदगी': तय हो जाती अगर इतनी दूरी तो बच सकती थीं 26 जानें, पर होनी को कुछ और था मंजूर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
महज चार किमी दूर थी 'जिंदगी': तय हो जाती अगर इतनी दूरी तो बच सकती थीं 26 जानें, पर होनी को कुछ और था मंजूर
अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर
Published by: आकाश दुबे
Updated Sun, 02 Oct 2022 05:40 PM IST
विज्ञापन

कानपुर सड़क हादसा
- फोटो : अमर उजाला

Trending Videos

घाटमपुर में सड़क हादसा
- फोटो : अमर उजाला
बता दें कि भीतरगांव के कोरथा गांव निवासी राजू केवट के बेटे का शनिवार को मुंडन था। मुंडन में शामिल होने के लिए करीब 50 ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली से फतेहपुर गए थे। शाम को लौटते समय गांव से करीब चार किमी पहले साढ़-भीतरगांव मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर खंती में पलट गई।
विज्ञापन
विज्ञापन

घाटमपुर में सड़क हादसा
- फोटो : अमर उजाला
खंती में पानी भरा होने और ट्राली के नीचे दब जाने के कारण लोग निकल नहीं पाए। आसपास के लोगों ने करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद ट्राली को सीधा किया। इसके बाद एक-एक कर सभी को बाहर निकाला गया। हालांकि तब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी थी।

कानपुर ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसा
- फोटो : ani
मंदिर से निकलते ही लोगों ने पी शराब
ट्रैक्टर पर आगे बैठे सभी पुरुषों ने उन्नाव चंद्रिका देवी मंदिर से निकलते ही ट्रैक्टर हाइवे किनारे स्थित एक ठेके पर रोक दिए। ट्रॉली में बैठीं सभी महिलाएं, बच्चियां और बच्चे उन्हें शराब पीने से मना करते रहे, लेकिन कोई नहीं माना। शराब पीने के बाद राजू चाचा ट्रैक्टर बहुत तेज चलाने लगे। गांव से पांच किलो मीटर पहले पहुंचे ही थे कि ट्रैक्टर ट्रॉली एक गड्ढे में पड़ने ही अनियंत्रित हो गई। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता सड़क किनारे ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई। ट्राली में बैठीं सभी महिलाएं और बच्चे उसके भीतर कैद हो गए। इसके बाद वहां चीख पुकार मच गई। ये बात बात बताते हुए ट्रॉली में सवार राजा राम निषाद की बेटी प्रीति फफक कर रो पड़ी। वो कहे जा रही थी। सब लोगों ने मना किया, लेकिन किसी ने एक न सुनी। अगर लोग मान जाते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
ट्रैक्टर पर आगे बैठे सभी पुरुषों ने उन्नाव चंद्रिका देवी मंदिर से निकलते ही ट्रैक्टर हाइवे किनारे स्थित एक ठेके पर रोक दिए। ट्रॉली में बैठीं सभी महिलाएं, बच्चियां और बच्चे उन्हें शराब पीने से मना करते रहे, लेकिन कोई नहीं माना। शराब पीने के बाद राजू चाचा ट्रैक्टर बहुत तेज चलाने लगे। गांव से पांच किलो मीटर पहले पहुंचे ही थे कि ट्रैक्टर ट्रॉली एक गड्ढे में पड़ने ही अनियंत्रित हो गई। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता सड़क किनारे ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई। ट्राली में बैठीं सभी महिलाएं और बच्चे उसके भीतर कैद हो गए। इसके बाद वहां चीख पुकार मच गई। ये बात बात बताते हुए ट्रॉली में सवार राजा राम निषाद की बेटी प्रीति फफक कर रो पड़ी। वो कहे जा रही थी। सब लोगों ने मना किया, लेकिन किसी ने एक न सुनी। अगर लोग मान जाते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
विज्ञापन

घाटमपुर में सड़क हादसा
- फोटो : अमर उजाला
कोई मेरे बेटे और पति से मिला दे
अई हो रमऊ इ का हुई गवा। अब हम का करीं .... हम नाहीं जानीन की ई हुई जाई। हमां बेटवा कहां है। आंख में आंसू, बगल में बेटी और शरीर पर भीगे हुए कपड़े पहने एक महिला अपने पति राजू और मासूम बेटे अभी की तलाश में टकटकी लगाते देख रही थी। हर आने जाने वालों को देखते हुए पति और बच्चे के बारे में पूछते हुए दिखाई। वह भगवान कोसते हुए कह रही थीं कि दो बेटियों के बाद काफी मन्नत मांगने पर अभी पैदा हुआ था। मुंडन संस्कार के लिए पूरा परिवार गया था। हादसे में पूरा परिवार बिखर गया। न ही मेरे बेटे का पता चल रहा है और न ही पति का। कोई मेरे बेटे और पति से मिला दे। ये कहते हुए चिंघाड़ मारकर रो रही थी। हादसे के बारे में पूछते ही वह फफक पड़ती थी। वहीं बेटी का भी रो-रोकर बुरा हाल था।
अई हो रमऊ इ का हुई गवा। अब हम का करीं .... हम नाहीं जानीन की ई हुई जाई। हमां बेटवा कहां है। आंख में आंसू, बगल में बेटी और शरीर पर भीगे हुए कपड़े पहने एक महिला अपने पति राजू और मासूम बेटे अभी की तलाश में टकटकी लगाते देख रही थी। हर आने जाने वालों को देखते हुए पति और बच्चे के बारे में पूछते हुए दिखाई। वह भगवान कोसते हुए कह रही थीं कि दो बेटियों के बाद काफी मन्नत मांगने पर अभी पैदा हुआ था। मुंडन संस्कार के लिए पूरा परिवार गया था। हादसे में पूरा परिवार बिखर गया। न ही मेरे बेटे का पता चल रहा है और न ही पति का। कोई मेरे बेटे और पति से मिला दे। ये कहते हुए चिंघाड़ मारकर रो रही थी। हादसे के बारे में पूछते ही वह फफक पड़ती थी। वहीं बेटी का भी रो-रोकर बुरा हाल था।