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बिकरू कांड: एसटीएफ के पास नेता के भतीजों के असलहा खरीदने के पुख्ता साक्ष्य मौजूद, सीडीआर में कैद है पूरी सच्चाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 08 Mar 2021 02:31 PM IST
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विकास दुबे के भाई की सेमी ऑटोमैटिक राइफल भिंड में मिली
- फोटो : अमर उजाला
बिकरू कांड में एसटीएफ के खुलासे के बाद रडार पर आए भिंड के बसपा नेता सत्यवीर सिंह यादव उर्फ चतुर सिंह ने पूरा खेल बदल दिया। खुद के साथ भतीजों को बचाने के लिए असलहा तस्करों तक विकास दुबे के भाई की सेमी ऑटोमैटिक राइफल और डबल बैरल बंदूक पहुंचाई। भिंड पुलिस ने तय स्क्रिप्ट के तहत दोनों आरोपियों को असलहों के साथ पकड़ा और जेल भेज दिया। जिनको जेल भेजा गया है वो पहले एसटीएफ की जांच में दूर-दूर तक नहीं थे। एक तरह से भिंड पुलिस बसपा नेता को बचाने के लिए एसटीएफ के आगे खड़ी हो गई है।
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विकास दुबे फाइल फोटो
- फोटो : अमर उजाला
एसटीएफ ने एक मार्च को बिकरू कांड के हथियारों और मददगारों से जुड़े सात आरोपियों को जेल भेजा था। जेल भेजने वालों में भिंड निवासी असलहा खरीदार मनीष यादव और सौदा कराने वाला संजय परिहार भी शामिल था। एसटीएफ की जांच में सामने आया था कि दीपक दुबे की राइफल और बैरल बंदूक भिंड के बसपा नेता सत्यवीर सिंह यादव के भतीजों मंगल और बंटी यादव ने खरीदी थीं।
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विकास दुबे
- फोटो : अमर उजाला
खरीदारी सत्यवीर ने कराई। इसी बिंदु पर एसटीएफ की तफ्तीश जारी थी लेकिन शनिवार को भिंड पुलिस ने शहर के शास्त्री नगर निवासी जग्गू उर्फ आकाश कुशवाहा के पास से बंदूक और देवरी मेहगांव के अभिषेक शर्मा के पास से सेमी ऑटोमैटिक राइफल बरामद करने का दावा किया। भिंड पुलिस की कहानी और एसटीएफ की जांच दोनों अलग-अलग हैं। असलहों के असल खरीदार अभी पकड़े नहीं गए हैं।
कानपुर एनकाउंटर
- फोटो : अमर उजाला
औरैया आए थे बंटी और मंगल
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक कानपुर देहात निवासी आरोपी संजय परिहार ने जब मनीष यादव से संपर्क किया था तो उनके साथ बंटी यादव व मंगल सिंह औरैया आये थे। दोनों की लोकेशन की पूरी डिटेल एसटीएफ के मौजूद थी। यहीं पर दोनों ने सौदा तय किया था। उसके बाद तय रकम मिलने के बाद यहां से संजय व अन्य आरोपियों ने भिंड जाकर असलहे सप्लाई किये थे। इन सभी सुबूतों को भिंड पुलिस निगल गई है।
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक कानपुर देहात निवासी आरोपी संजय परिहार ने जब मनीष यादव से संपर्क किया था तो उनके साथ बंटी यादव व मंगल सिंह औरैया आये थे। दोनों की लोकेशन की पूरी डिटेल एसटीएफ के मौजूद थी। यहीं पर दोनों ने सौदा तय किया था। उसके बाद तय रकम मिलने के बाद यहां से संजय व अन्य आरोपियों ने भिंड जाकर असलहे सप्लाई किये थे। इन सभी सुबूतों को भिंड पुलिस निगल गई है।
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कानपुर एनकाउंटर
- फोटो : amar ujala
कांफ्रेंस कॉल बेहद अहम, नहीं बच पाएंगे आरोपी
संजय परिहार ने सबसे पहले मनीष यादव से संपर्क किया था। उसी ने आगे खरीदारों की चेन बढ़ाई। सूत्रों के मुताबिक जब असलहों की खरीदारी हुई तो उसके पहले मनीष ने संजय से बंटी व मंगल की कांफ्रेंस कॉल पर बात कराई थी। सीडीआर से इसकी पुष्टि हुई है। ये सुबूत बेहद अहम हैं। मामले को आईजी मोहित अग्रवाल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि मामले में तह तक जाने के लिए जांच कराई जा रही है। भिंड पुलिस से कानपुर पुलिस ने संपर्क कर मामले की पूरी जानकारी मांगी है। जो केस यहां दर्ज किया जाएगा उसमें उन आरोपियों को भी शामिल किया जाएगा। आईजी ने बताया कि जिनके पास से असलहे बरामद हुए हैं वे तो आरोपी हैं ही लेकिन जो अभी सामने नहीं आए हैं और उनके खिलाफ सुबूत हैं। इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
संजय परिहार ने सबसे पहले मनीष यादव से संपर्क किया था। उसी ने आगे खरीदारों की चेन बढ़ाई। सूत्रों के मुताबिक जब असलहों की खरीदारी हुई तो उसके पहले मनीष ने संजय से बंटी व मंगल की कांफ्रेंस कॉल पर बात कराई थी। सीडीआर से इसकी पुष्टि हुई है। ये सुबूत बेहद अहम हैं। मामले को आईजी मोहित अग्रवाल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि मामले में तह तक जाने के लिए जांच कराई जा रही है। भिंड पुलिस से कानपुर पुलिस ने संपर्क कर मामले की पूरी जानकारी मांगी है। जो केस यहां दर्ज किया जाएगा उसमें उन आरोपियों को भी शामिल किया जाएगा। आईजी ने बताया कि जिनके पास से असलहे बरामद हुए हैं वे तो आरोपी हैं ही लेकिन जो अभी सामने नहीं आए हैं और उनके खिलाफ सुबूत हैं। इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी।
