चक्रवाती हवाओं की चाल ने कानपुर परिक्षेत्र समेत पूरे प्रदेश को बारिश से सराबोर कर दिया। बुधवार दोपहर से लेकर शुक्रवार दोपहर तक कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बारिश होती रही। आसपास के 13 जिलों में बारिश ने फसलों और कच्चे घरों को काफी नुकसान पहुंचाया। बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव के संकेत मिल रहे हैं। यह बारिश रुकने के कुछ दिनों बाद फिर इसी तरह झोंका आ सकता है। सीएसए के मौसम विभाग के प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में जो निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ था, वह अब खिसक कर मध्य यूपी पर आ गया है। इसके साथ ही बादलों की शृंखला राजस्थान से लेकर यूपी के ऊपर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। इससे चक्रवात का क्षेत्र बन गया और दक्षिणी-पश्चिमी हवाओं ने गति पकड़ ली। बादल बरसते हुए क्षेत्र में आकर ठहर गए।
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यूपी में बारिश का कहर: 72 घंटे लगातार हुई बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, जर्जर मकान ढहे, फसलें बर्बाद
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Fri, 17 Sep 2021 07:47 PM IST
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यूपी में बारिश ने बरपाया कहर
- फोटो : amar ujala

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बारिश से मकान ढहे
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चित्रकूटधाम मंडल में दो दिनों से हो हल्की बारिश हो रही है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ये दलहन व तिलहन फसलों और सब्जियों के लिए नुकसानदायक है। मूंग, उर्द, तिल की फसल तैयार खड़ी है। उसे नुकसान पहुंच रहा है। सब्जियों के पौधों के फूल गिरने का अंदेशा है। इससे सब्जी उत्पादन पर 50 फीसदी असर पड़ सकता है। चित्रकूटधाम मंडल में इस वर्ष खरीफ की बुआई व धान की रोपाई के लिए 4,35,504 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। जुलाई में बारिश न होने से किसान खरीफ बुआई व धान की रोपाई नहीं कर पाए। 15 अगस्त से बारिश शुरू हुई तो 3,99,868 हेक्टेयर में अरहर, उर्द, मूंगफली, मूंग, ज्वार, बाजरा आदि की बुआई सहित धान की रोपाई की गई। किसानों का कहना है कि धूप न निकली तो मूंग, उर्द, तिल सड़ जाएंगे। अलबत्ता धान को इस बारिश से कोई नुकसान नहीं है।
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कानपुर सहित आसपास के जिलों में भारी बारिश
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बांदा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक दिनेश साहा का कहना है कि मानसून देर से आने से पूरे सितंबर माह बारिश के आसार हैं। किसानों को पहले ही चेताया गया था कि वह कम पानी वाली फसलों को बोएं। महोबा में भी बुधवार सुबह से रुक रुककर हल्की फुहार वाली बारिश हो रही।

बारिश से पहले दिन में छाया अंधेरा
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हमीरपुर के सरीला क्षेत्र में लगातार दो दिन से हो रही बारिश से कच्चे मकान गिरने शुरू हो गए हैं। सरीला क्षेत्र के परछा गांव निवासी पूरन पुत्र मुरलीधर ने बताया कि शुक्रवार सुबह कच्चे मकान में पत्नी खाना बना रही थी। तभी अचानक अटारी का दरवाजा ढह गया। खाना बना रही उसकी पत्नी बाल-बाल बच गई। गृहस्थी का सारा सामान दब गया है। शिवराम पुत्र रामसनेही और कालीचरण पुत्र धनपत के पशुबाड़े में बना कच्चा मकान रात में अचानक भरभरा कर गिर गया। उसी में बंधे जानवरो को आनन फानन बाहर निकाला। गनीमत यह रही कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई है। पीड़ितो ने शासन प्रशासन से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
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जिलों में हुई झमाझम बारिश
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कानपुर देहात में लगातार हो रही बारिश से जजमुइया गांव के रामजीवन यादव का कच्चा मकान ढह गया। रामजीवन की आठ साल की बच्ची दबी जिसे ग्रामीणोंं ने निकालकर अस्पताल भिजवाया। जबकि कुछ मवेशी के दबकर मरने की सूचना है। मूसानगर में लगातार हुई बारिश के चलते बिल्डिंग मैटिरियल और टेंट हाउस के व्यापारी पप्पू चौरसिया की दुकान की पक्की छत भरभराकर गिर गई।