थार मरुस्थल से आने वाली गर्म हवाओं और अरब सागर से आने वाली हवाओं की नमी के मिश्रण से अधिकतम तापमान 41 डिग्री के पार चला गया है। इससे हीट इंडेक्स यानी उमस रेड जोन में पहुंच गई है। रविवार को यह 58 प्रतिशत रिकॉर्ड किया गया है। हीट इंडेक्स की सामान्य स्थिति 50 प्रतिशत होती है। इससे अधिक होने पर गर्मी बर्दाश्त के बाहर हो जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि धूप में निकलने से पहले खूब पानी जरूर पीएं। हीट इंडेक्स बढ़ने पर धूप में निकलने पर गश खाकर गिरने की संभावना बढ़ जाती है।
मौसम विभाग के तापमान के आंकड़ों के अनुसार, 11 मई को कानपुर प्रदेश के सर्वाधिक सबसे गर्म पांच शहरों में पांचवें स्थान पर रहा। न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 42.8 डिग्री तापमान के साथ वाराणसी पहले स्थान और 42.5 डिग्री पारे के साथ प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। माहौल में तपिश और नमी रहने के कारण हीट इंडेक्स बढ़ जाता है जिससे उमस भरी गर्मी होती है।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि पछुआ हवाओं की वजह से अगले चार दिनों तक दिन में इसी तरह की गर्मी बनी रहेगी। पारा और ऊपर जा सकता है लेकिन अरब सागर से नमी लेकर आने वाली हवाओं की वजह से शाम के समय बादल, तेज हवा और हल्की बारिश के साथ कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं।
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Weather Update: प्रदेश के सबसे गर्म पांच शहरों में कानपुर भी, रेड जोन में उमस, पारा 41 पार पहुंचा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Mon, 12 May 2025 10:28 AM IST
सार
Kanpur Weather Update: प्रदेश के सबसे गर्म पांच शहरों में कानपुर भी शामिल है। धूप में गश खाकर गिरने की संभावनाएं बढ़ीं। अरब सागर से नमी लेकर आने वाली हवाओं से शाम को चल सकतीं तेज हवाएं।
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कानपुर में भीषण गर्मी
- फोटो : amar ujala

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कानपुर में भीषण गर्मी
- फोटो : अमर उजाला
हीट इंडेक्स बढ़ने से आने लगते हैं चक्कर
हीट इंडेक्स बढ़ने से यदि व्यक्ति लगातार देर तक मेहनत करता है उसे चक्कर आने लगते हैं। पानी की कमी से ऐसा होता है। साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार, यदि सामान्य व्यक्ति लगातार पांच-छह घंटे तक बिना रुके काम करता है तो उसे कुर्सी पर बैठे-बैठे चक्कर आ सकता है। इसी तरह यदि कोई पैदल चल रहा है और बीच में रुककर आराम नहीं कर रहा है कि तो ऐसी स्थिति में वह चलते-चलते गश खाकर गिर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि रुक-रुककर काम करें। बीच-बीच में पानी, शिकंजी या दूसरे पेय पदार्थ लेते रहें। शरीर को आराम भी देते रहें।
हीट इंडेक्स बढ़ने से यदि व्यक्ति लगातार देर तक मेहनत करता है उसे चक्कर आने लगते हैं। पानी की कमी से ऐसा होता है। साथ ही सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार, यदि सामान्य व्यक्ति लगातार पांच-छह घंटे तक बिना रुके काम करता है तो उसे कुर्सी पर बैठे-बैठे चक्कर आ सकता है। इसी तरह यदि कोई पैदल चल रहा है और बीच में रुककर आराम नहीं कर रहा है कि तो ऐसी स्थिति में वह चलते-चलते गश खाकर गिर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि रुक-रुककर काम करें। बीच-बीच में पानी, शिकंजी या दूसरे पेय पदार्थ लेते रहें। शरीर को आराम भी देते रहें।
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कानपुर में भीषण गर्मी
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प्रदेश के सर्वाधिक पांच गर्म जिले
वाराणसी- 42.8 डिग्री
प्रयागराज- 42.5 डिग्री
गोरखपुर- 41.8 डिग्री
गाजीपुर- 41.5 डिग्री
कानपुर- 41.4 डिग्री
वाराणसी- 42.8 डिग्री
प्रयागराज- 42.5 डिग्री
गोरखपुर- 41.8 डिग्री
गाजीपुर- 41.5 डिग्री
कानपुर- 41.4 डिग्री

कानपुर में भीषण गर्मी
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हैप्पी हार्मोंस पर बुरा असर डाला रहा हीट इंडेक्स
बढ़ते हीट इंडेक्स का असर सेहत पर दिखने लगा है। गर्मी की वजह से हैप्पी हार्मोंस का सामंजस्य बिगड़ गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय चौधरी ने बताया कि अधिक गर्मी में तनाव बढ़ने से न्यूरो केमिकल का सामंजस्य बिगड़ता है। डॉ. चौधरी ने बताया कि अधिक गर्मी में डोपामीन समेत अन्य हैप्पी हार्मोंस के रिसाव पर फर्क पड़ता है। कार्टिसोल तथा अन्य हार्मोंस बढ़ जाते हैं। ऐसे में धूप में बेवजह न निकलें। ठंडे स्थान पर रहें।
बढ़ते हीट इंडेक्स का असर सेहत पर दिखने लगा है। गर्मी की वजह से हैप्पी हार्मोंस का सामंजस्य बिगड़ गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय चौधरी ने बताया कि अधिक गर्मी में तनाव बढ़ने से न्यूरो केमिकल का सामंजस्य बिगड़ता है। डॉ. चौधरी ने बताया कि अधिक गर्मी में डोपामीन समेत अन्य हैप्पी हार्मोंस के रिसाव पर फर्क पड़ता है। कार्टिसोल तथा अन्य हार्मोंस बढ़ जाते हैं। ऐसे में धूप में बेवजह न निकलें। ठंडे स्थान पर रहें।
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कानपुर में भीषण गर्मी
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इसे कहते हैं हीट इंडेक्स
ताप सूचकांक (हीट इंडेक्स) ऐसा माप है जो तापमान और सापेक्ष आर्द्रता को मिलाकर मानव शरीर द्वारा महसूस किए जाने वाले तापमान को दर्शाता है। यह बताता है कि गर्मी कितनी महसूस हो रही है। चाहे हवा का तापमान वास्तव में कितना भी हो। यह हवा के तापमान और सापेक्ष आर्द्रता को जोड़कर मानव शरीर के लिए महसूस होने वाले तापमान की गणना करता है। यह मौसम पूर्वानुमान में और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ताप सूचकांक (हीट इंडेक्स) ऐसा माप है जो तापमान और सापेक्ष आर्द्रता को मिलाकर मानव शरीर द्वारा महसूस किए जाने वाले तापमान को दर्शाता है। यह बताता है कि गर्मी कितनी महसूस हो रही है। चाहे हवा का तापमान वास्तव में कितना भी हो। यह हवा के तापमान और सापेक्ष आर्द्रता को जोड़कर मानव शरीर के लिए महसूस होने वाले तापमान की गणना करता है। यह मौसम पूर्वानुमान में और सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।