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Meerut Gas Accident: शीतगृह हादसे को लेकर जांच टीम का बड़ा खुलासा, इस वजह से फटे थे बॉयलर, जमींदोज होगी इमारत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Mon, 27 Feb 2023 04:43 PM IST
सार

शीतगृह में मौजूद अमोनिया गैस को खाली कराने के लिए उन्हें सिलिंडरों में भरवाया गया। देर शाम तक यह काम जारी रहा। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आसपास का सारा बाजार बंद करा दिया गया। टीमों ने 28 सिलिंडरों में 1490 किलो गैस को भरवाया। 

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Meerut Gas Accident: Big disclosure of the investigation team, building will be destroyed soon
मौके पर मौजूद एनडीआरएफ की टीम - फोटो : अमर उजाला

मेरठ के दौराला में पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह के शीतगृह (जनशक्ति कोल्ड स्टोरेज) में धमाके के बाद लिंटर गिरने के हादसे के बाद रविवार को एनडीआरएफ और गाजियाबाद से पहुंची एस्को कंपनी के विशेषज्ञों की टीम ने कड़ी निगरानी के बीच अमोनिया गैस को खाली कराना शुरू किया। शीतगृह में मौजूद अमोनिया गैस को खाली कराने के लिए उन्हें सिलिंडरों में भरवाया गया। देर शाम तक यह काम जारी रहा। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आसपास का सारा बाजार बंद करा दिया गया। टीमों ने 28 सिलिंडरों में 1490 किलो गैस को भरवाया। सोमवार को भी टीम सिलिंडरों में गैस भरवाने में जुटी रही।



यह गैस निकालने के लिए यहां बैरिकेडिंग कर दी गई। लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर राजीव विश्वकर्मा के अनुसार एक सिलिंडर में 50 किलो तक गैस आती है। पूरी गैस निकालने तक अभियान जारी रहेगा। वहीं हादसे में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान परिजनों की आंखें नम हो गई।

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विलाप करती बच्चियां - फोटो : अमर उजाला

मेरठ के दौराला में पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह के जनशक्ति शीतगृह में अमाेनिया गैस की आपूर्ति के दौरान बंद वाल्व न खोलने और तीन रिसीवर फटने के कारण हादसा हुआ था। शीतगृह को भी जांच में जर्जर और खतरनाक पाया गया। पांच सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने नोटिस जारी कर जर्जर भवन को जल्द ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। शीतगृह प्रबंधक ने स्वयं ही इसे ध्वस्त कराने का आश्वासन दिया है।

हादसे में सात मजदूरों की मौत हो गई थी और आठ मजदूर घायल हुए थे। कमेटी में शामिल एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि शीतगृह संचालित करने के लिए अमोनिया प्लांट की सर्विस की जा रही थी। कर्मचारियों ने रिसीवर की बंद वाल्व नहीं खोली और अमोनिया गैस छोड़ दी। वाल्व बंद होने से रिसीवर फट गए। वहीं, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शीतगृह के जर्जर हिस्से को शीघ्र गिराना जरूरी है। 

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meerut gas hadsa - फोटो : amr ujala

मुनीम के परिवार को दूसरे मकान में भेजा गया
प्रशासन ने पिछले 27 वर्ष से शीतगृह में कार्य करने वाले मुनीम के परिवार को शीतगृह से बाहर दूसरे मकान में भेजा गया। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से मुनीम के पूरे परिवार को दूसरी जगह स्थित मकान में रखा है। वहीं, हादसे के तीसरे दिन भी दिल्ली पब्लिक स्कूल दौराला शाखा में छुट्टी रही। वहीं, इमारत गिराने को लेकर मंथन चलता रहा।

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मेरठ गैस हादसा - फोटो : अमर उजाला

ड्रोन उड़ाकर लिया स्थिति का जायजा
रविवार दोपहर शीतगृह पर मौजूद अधिकारियों ने ड्रोन उड़ाकर हादसे के बाद की स्थिति का जायजा लिया। जिस जगह लिंटर गिरा उसके ऊपर सबसे अधिक देर तक ड्रोन को उड़ाया गया। पुलिस ने वीडियोग्राफी और फोटो भी खींचे। इस निगरानी की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों और शासन को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाएगी। 

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मेरठ गैस हादसा - फोटो : अमर उजाला

बलदेव और बलबीर का एक साथ हुआ अंतिम संस्कार
दौराला के शीतगृह हादसे में जान गंवाने वाले पंचैरी तहसील के बदोता गांव में रहने वाले बलदेव और बलबीर के शवों का दोपहर को एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। दोनों को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे थे। इनके परिवार के सदस्यों को दो-दो लाख रुपये का चेक और 11-11 हजार रुपये नकद राशि भी प्रदान की गई। शुक्रवार को मौत के बाद से ही परिवार के सदस्य व ग्रामीण शवों के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे।

रविवार सुबह करीब नौ बजे दोनों के शव बदोता गांव में पहुंचे। शवों को देखते ही परिवार के सदस्य शवों के साथ लिपट कर रोने लगे। बहुत मुश्किल से लोगों ने इन परिवारों को संभाला। दोपहर करीब ढाई बजे एक ही घाट पर दोनों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया। इस दौरान तहसीलदार विपिन कुमार, डीडीसी जसवीर सिंह, पूर्व विधायक पवन गुप्ता कई पंचायतों के सरपंच, पंच व ग्रामीण मौजूद थे।  

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