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Meerut: कुत्ते के काटने के तीन दिन के अंदर ही व्यक्ति की मौत, परिजन बोले- जिला अस्पताल में नहीं लगाई वैक्सीन
अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ
Published by: मोहम्मद मुस्तकीम
Updated Mon, 22 Dec 2025 10:45 AM IST
सार
भीम सिंह की पिंडली पर कुत्ते ने काटा था। परिजनों का कहना है कि वे उन्हें मेरठ जिला अस्पताल ले गए थे, मगर वहां इलाज नहीं मिला। भीम सिंह को पानी से डर लगने लगा था। परिजन दिल्ली के अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, मगर इससे पहले ही उनकी मौत हो गई।
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भीम सिंह की फाइल फोटो।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नगर निगम क्षेत्र के गांव गोलाबढ़ में कुत्ते के काटने से 55 वर्षीय भीम सिंह की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि कुत्ते ने भीम सिंह के दाएं पैर की पिंडली पर काटा था। वे उन्हें जिला अस्पताल लेकर गए थे लेकिन वहां वैक्सीन या सीरम नहीं लगाया गया। वहीं अस्पताल के एंटी रेबीज वैक्सीन प्रभारी का कहना है कि अस्पताल में किसी मरीज को वैक्सीन या सीरम लगाने से इन्कार नहीं किया गया।
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भीम सिंह मजदूरी करते थे। उनके बड़े बेटे आशीष ने बताया कि उनके पिता के बृहस्पतिवार रात गांव में ही एक लावारिस कुत्ते ने काट लिया था। अगले दिन परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन चिकित्सकों ने जख्म गहरा होने के कारण वैक्सीन लगाने से मना कर दिया।
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अस्पताल में कहा गया कि भीम सिंह को एंटी रेबीज सीरम लगेगा और उन्हें दिल्ली के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन उन्हें घर लेकर आ गए। दो दिन घर पर ही इलाज चला इस बीच तेजी से रेबीज का संक्रमण उनके शरीर में बढ़ता गया। उन्हें पानी से डर लगने लगा। यहां तक कि वह पानी पी तक नहीं रहे थे। हालत ज्यादा गंभीर होने पर रविवार को परिजन उन्हें दिल्ली लेकर जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन सुबह करीब दस बजे उनकी मौत हो गई।
भीम सिंह के तीन बेटे हैं आशीष, हर्ष और अनिकेत। हर्ष की अगले साल मार्च में शादी होने वाली है। भीम सिंह की मौत से परिवार को गहरा सदमा लगा है। वार्ड पार्षद मदन पाल ने बताया कि पूरे वार्ड में लावारिस कुत्तों के कारण लोग दहशत में हैं। आए दिन कुत्ते लोगों पर हमला कर रहे हैं लेकिन नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
इन्होंने कहा
जिला अस्पताल में पर्याप्त एंटी सीरम वैक्सीन है। किसी मरीज को एंटी सीरम वैक्सीन लगाने से मना नहीं किया गया। रेबीज से किसी की मौत की सूचना नहीं है। - डॉ. अनु गुप्ता, एंटी रेबीज वैक्सीन प्रभारी, जिला अस्पताल
सामान्य तौर पर कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाई जाती है जबकि जख्म गहरा होने पर एंटी रेबीज सीरम लगता है। जिला अस्पताल में सीरम उपलब्ध है। व्यक्ति की मौत के मामले की जांच कराई जाएगी।
- डॉ. अशोक कटारिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
लावारिस कुत्तों के खिलाफ नगर निगम का अभियान जारी है। कुत्तों की नसबंदी और उनको एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने का अभियान चल रहा है। इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी। मृतक के घर पर निगम की टीम भेजी जाएगी।
- डॉ. अमर सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
जिला अस्पताल में पर्याप्त एंटी सीरम वैक्सीन है। किसी मरीज को एंटी सीरम वैक्सीन लगाने से मना नहीं किया गया। रेबीज से किसी की मौत की सूचना नहीं है। - डॉ. अनु गुप्ता, एंटी रेबीज वैक्सीन प्रभारी, जिला अस्पताल
सामान्य तौर पर कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाई जाती है जबकि जख्म गहरा होने पर एंटी रेबीज सीरम लगता है। जिला अस्पताल में सीरम उपलब्ध है। व्यक्ति की मौत के मामले की जांच कराई जाएगी।
- डॉ. अशोक कटारिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
लावारिस कुत्तों के खिलाफ नगर निगम का अभियान जारी है। कुत्तों की नसबंदी और उनको एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने का अभियान चल रहा है। इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी। मृतक के घर पर निगम की टीम भेजी जाएगी।
- डॉ. अमर सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
शहर में हैं डेढ़ लाख आवारा कुत्ते
नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक शहर की सड़कों पर करीब डेढ़ लाख लावारिस कुत्ते हैं। फिलहाल परतापुर स्थित शंकर नगर में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में 130 और हापुड़ रोड तिरंगा गेट के पास नए बर्थ कंट्रोल सेंटर में 200 कुत्तों को रखने की व्यवस्था है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाया जाए। इसके बावजूद निगम ने कोई ठोस योजना तैयार नहीं की है।
नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक शहर की सड़कों पर करीब डेढ़ लाख लावारिस कुत्ते हैं। फिलहाल परतापुर स्थित शंकर नगर में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में 130 और हापुड़ रोड तिरंगा गेट के पास नए बर्थ कंट्रोल सेंटर में 200 कुत्तों को रखने की व्यवस्था है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाया जाए। इसके बावजूद निगम ने कोई ठोस योजना तैयार नहीं की है।
खौफनाक: खूंखार कुत्ते हर रोज 153 लोगों को बना रहे शिकार
शहर में कुत्ते खूंखार हो रहे हैं। इस साल नवंबर तक 51 हजार 293 लोगों को उन्होंने निशाना बनाया है, यानी हर रोज औसतन 153 लोग शिकार हो रहे हैं। ये तो वो हैं जो पीएल शर्मा जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए आए इनके अलावा ऐसे भी लोग हैं जिन्हें कुत्तों ने काटा और उनका रिकॉर्ड नहीं है। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन (वैक्सीन) लगवाने वालों की हर रोज लंबी लंबी कतारें लगती हैं।
शहर में कुत्ते खूंखार हो रहे हैं। इस साल नवंबर तक 51 हजार 293 लोगों को उन्होंने निशाना बनाया है, यानी हर रोज औसतन 153 लोग शिकार हो रहे हैं। ये तो वो हैं जो पीएल शर्मा जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए आए इनके अलावा ऐसे भी लोग हैं जिन्हें कुत्तों ने काटा और उनका रिकॉर्ड नहीं है। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन (वैक्सीन) लगवाने वालों की हर रोज लंबी लंबी कतारें लगती हैं।
यह है रेबीज
कुत्ता, बंदर, लंगूर आदि के काटने से जो लार व्यक्ति के खून में मिल जाती है उससे रेबीज की बीमारी होने का खतरा रहता है। रेबीज रोग मानसिक संतुलन बिगाड़ता है। यह रोग 19 साल तक मरीज को अपनी गिरफ्त में ले सकता है।
रेबीज के लक्षण
रेबीज रोगी को सबसे ज्यादा पानी से डर लगता है। रोगी के मुंह से लार निकलती है। यहां तक की वह भौंकना भी शुरू कर देता है।
कुत्ता, बंदर, लंगूर आदि के काटने से जो लार व्यक्ति के खून में मिल जाती है उससे रेबीज की बीमारी होने का खतरा रहता है। रेबीज रोग मानसिक संतुलन बिगाड़ता है। यह रोग 19 साल तक मरीज को अपनी गिरफ्त में ले सकता है।
रेबीज के लक्षण
रेबीज रोगी को सबसे ज्यादा पानी से डर लगता है। रोगी के मुंह से लार निकलती है। यहां तक की वह भौंकना भी शुरू कर देता है।
रेबीज का उपचार
रेबीज रोग की रोकथाम के लिए अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इससे बचाव हो सकता है। नियमानुसार पहला इंजेक्शन 72 घंटे के अंदर, दूसरा तीन दिन बाद, तीसरा सात दिन बाद, चौथा 14 दिन बाद और पांचवां 28 दिन के बाद लगाया जाता है।
रेबीज रोग की रोकथाम के लिए अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इससे बचाव हो सकता है। नियमानुसार पहला इंजेक्शन 72 घंटे के अंदर, दूसरा तीन दिन बाद, तीसरा सात दिन बाद, चौथा 14 दिन बाद और पांचवां 28 दिन के बाद लगाया जाता है।
पुराने टोटके अपनाने से बचें
सीएमओ डॉ अशोक कटारिया ने बताया कि अगर कुत्ता काट ले तो पुराने टोटके अपनाने से परहेज करना चाहिए। कुत्ते के काटने पर पिसी मिर्च लगा लेने का प्रचलन अब भी है लेकिन ऐसा करने से घाव में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। कुत्ते या किसी जानवर के काटने पर 72 घंटे में एंटी रेबीज वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
सीएमओ डॉ अशोक कटारिया ने बताया कि अगर कुत्ता काट ले तो पुराने टोटके अपनाने से परहेज करना चाहिए। कुत्ते के काटने पर पिसी मिर्च लगा लेने का प्रचलन अब भी है लेकिन ऐसा करने से घाव में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। कुत्ते या किसी जानवर के काटने पर 72 घंटे में एंटी रेबीज वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
महिला को कुत्ते ने काटा
ईदगाह गोल्डन कॉलोनी में रविवार को 50 वर्षीय सायरा पर कुत्तों ने हमला कर दिया। एक कुत्ते ने उनके पैर में काट लिया। वह गली के किराना स्टोर से सामान लेकर अपने घर जा रही थीं। उनकी चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और कुत्तों को भगाया। जिला अस्पताल में उन्होंने एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाया। क्षेत्र के लोगों ने बताया की ईदगाह गोल्डन, चमन कॉलोनी और समर कॉलोनी में 15 से 20 कुत्ते घूमते रहते हैं। नगर निगम कोई सुनवाई नहीं करता है।
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