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UP: आगरा में बनेगी भ्रष्टाचार निरोधक अदालत, मेरठ की दौड़ होगी खत्म; इन जिलों के मामलों में होगी सुनवाई
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Thu, 23 Oct 2025 08:04 AM IST
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सार
आगरा में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत बनेगी। इसके बनने से मेरठ तक की दौड़ खत्म हो जाएगी। मैनपुरी, फिरोजाबाद और मथुरा समेत मंडल के सभी जिलों के भ्रष्टाचार संबंधी मुकदमों की सुनवाई होगी।

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- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रदेश के 18 जिलों में भ्रष्टाचार निरोधक अदालतें बनेंगी। आगरा में बनने वाली अदालत में आगरा के साथ ही मैनपुरी, फिरोजाबाद और मथुरा समेत मंडल के सभी जिलों के भ्रष्टाचार संबंधी मुकदमों की सुनवाई होगी। अभी सुनवाई मेरठ में हाेती है।
प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने 16 अक्तूबर को 18 जिलों में 22 नई भ्रष्टाचार निरोधक अदालतें बनाने का आदेश दिया था। यहां पर एडीजे/विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन कोर्ट की तैनाती होगी। एडीजे/विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन कोर्ट में नेताओं, सरकार के राजपत्रित अधिकारियों, पुलिस, प्रशासनिक सहित राजस्व विभाग के खिलाफ भ्रष्टाचार के केसों की सुनवाई की जाएगी।
अब तक यह है व्यवस्था
भ्रष्टाचार के मामलों में अभी तक गिने चुने विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संचालित थे। आगरा मंडल समेत आसपास के कई जिलों के भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों की पेशी मेरठ की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में होती थी। ऐसे में समय और सरकारी धन ज्यादा लगता था। अब एक ही न्यायालय में तीन-चार जिलों के भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई हो सकेगी।
जल्द हो सकेगी सुनवाई
मैनपुरी विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कमल सिंह ने बताया कि शासन और न्याय पालिका लंबित मुकदमों को कम से कम समय में निस्तारित करने के लिए प्रयास कर रही है। आगरा में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत बनने से मैनपुरी से संबंधित मुकदमों की जल्द सुनवाई हो सकेगी। मेरठ की कोर्ट में काम का दबाव कम होगा।
हर साल भ्रष्टाचारी होते हैं गिरफ्तार
आगरा कमिश्नेट में विजिलेंस थाना है। इसके अलावा एंटी करप्शन यूनिट हैं। इनमें हर साल साै से अधिक शिकायत भ्रष्टाचार से संबंधित आती हैं। इन शिकायतों की जांच की जाती है। जांच में काम के बदले रुपये मांगे जाने की पुष्टि होने पर टीम बनाकर गिरफ्तारी की जाती है। गिरफ्तार आरोपी को केस दर्ज करने के बाद मेरठ की कोर्ट में पेश किया जाता है। इसके बाद सुनवाई भी इसी कोर्ट में होती है। आगरा में अदालत बन जाने के बाद इन मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी। आरोपियों की पेशी से लेकर साक्ष्य पेश करने में पुलिसकर्मियों को समय की बचत होगी। हर साल दर्जनभर से अधिक भ्रष्टाचारी पकड़े जाते हैं। इनमें शिक्षा, तहसील, निगम से संबंधित अधिक रहते हैं।

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प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने 16 अक्तूबर को 18 जिलों में 22 नई भ्रष्टाचार निरोधक अदालतें बनाने का आदेश दिया था। यहां पर एडीजे/विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन कोर्ट की तैनाती होगी। एडीजे/विशेष न्यायाधीश एंटी करप्शन कोर्ट में नेताओं, सरकार के राजपत्रित अधिकारियों, पुलिस, प्रशासनिक सहित राजस्व विभाग के खिलाफ भ्रष्टाचार के केसों की सुनवाई की जाएगी।
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अब तक यह है व्यवस्था
भ्रष्टाचार के मामलों में अभी तक गिने चुने विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संचालित थे। आगरा मंडल समेत आसपास के कई जिलों के भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों की पेशी मेरठ की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में होती थी। ऐसे में समय और सरकारी धन ज्यादा लगता था। अब एक ही न्यायालय में तीन-चार जिलों के भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई हो सकेगी।
जल्द हो सकेगी सुनवाई
मैनपुरी विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कमल सिंह ने बताया कि शासन और न्याय पालिका लंबित मुकदमों को कम से कम समय में निस्तारित करने के लिए प्रयास कर रही है। आगरा में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत बनने से मैनपुरी से संबंधित मुकदमों की जल्द सुनवाई हो सकेगी। मेरठ की कोर्ट में काम का दबाव कम होगा।
हर साल भ्रष्टाचारी होते हैं गिरफ्तार
आगरा कमिश्नेट में विजिलेंस थाना है। इसके अलावा एंटी करप्शन यूनिट हैं। इनमें हर साल साै से अधिक शिकायत भ्रष्टाचार से संबंधित आती हैं। इन शिकायतों की जांच की जाती है। जांच में काम के बदले रुपये मांगे जाने की पुष्टि होने पर टीम बनाकर गिरफ्तारी की जाती है। गिरफ्तार आरोपी को केस दर्ज करने के बाद मेरठ की कोर्ट में पेश किया जाता है। इसके बाद सुनवाई भी इसी कोर्ट में होती है। आगरा में अदालत बन जाने के बाद इन मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी। आरोपियों की पेशी से लेकर साक्ष्य पेश करने में पुलिसकर्मियों को समय की बचत होगी। हर साल दर्जनभर से अधिक भ्रष्टाचारी पकड़े जाते हैं। इनमें शिक्षा, तहसील, निगम से संबंधित अधिक रहते हैं।