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UP: टीटीजेड में पेड़ों की गिनती के लिए 7 करोड़ रुपये का मांगा बजट, साढ़े पांच साल लगेंगे; SC में सुनवाई

अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Tue, 13 May 2025 09:15 AM IST
सार

टीटीजेड में पेड़ों की गिनती के लिए सात  करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है। इस क्षेत्र में पेड़ों की गिनती में साढ़े पांच साल का समय लगेगा। 

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Budget of Rs 7 crore sought for counting trees in TTZ it will take five and a half years
पेड़।
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उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 6 जिलों में 10,400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ों की गिनती में साढ़े पांच साल का समय लग जाएगा। देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई) ने यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है, जिस पर मंगलवार (आज) सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एफआरआई ने दोबारा यह रिपोर्ट दाखिल की है। इसके लिए 7 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है।
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आगरा निवासी पर्यावरणविद और चिकित्सक डॉ. शरद गुप्ता ने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाने और निगरानी के लिए टीटीजेड में पेड़ों की गिनती की याचिका दायर की थी। एनसीआर की तर्ज पर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट को यह जिम्मेदारी कोर्ट ने सौंपी, लेकिन एफआरआई ने सात साल का समय पेड़ों की गिनती के लिए बताया, जिस पर आपत्ति की गई। कोर्ट के निर्देश पर एफआरआई ने फिर से समय सीमा और बजट को लेकर अपनी रिपोर्ट दाखिल की है।

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चार चरणों में होगी पेड़ों की गिनती
फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्रभारी रिचा मिश्रा ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। जिसमें कहा गया है कि चार चरणों में पेड़ों की गिनती की जाएगी। 15 माह का पहला चरण होगा, जबकि 9 माह का दूसरा चरण रखा गया है। इसमें ट्रायल किया जाएगा। 12 माह के तीसरे चरण में पेड़ों की गिनती का एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। 30 माह का चौथा चरण पेड़ों की गिनती के लिए रखा गया है। इस तरह साढ़े पांच साल का समय लगेगा। इस पर पूर्व के 7.70 करोड़ रुपये की जगह इस बार 7 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान दिया गया है।

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