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UP: लखनऊ में बनेगी विध्वंसक मिसाइल ब्रह्मोस, आगरा में बने रडार से पकड़ लेंगे दुश्मन के नापाक मंसूबे
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Mon, 12 May 2025 07:53 AM IST
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सार
Brahmos: सामरिक शक्ति को नई धार देने के लिए लखनऊ नोड में दुनिया की सबसे विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की उत्पादन इकाई का शुभारंभ हो गया है। इसी तरह आगरा नोड में रडार फैक्टरी प्रस्तावित है।

ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात हैं। ऐसे में सामरिक शक्ति को नई धार देने के लिए रविवार को लखनऊ डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की उत्पादन इकाई शुरू हो गई। इसी तरह अब अलीगढ़ नोड में ड्रोन फैक्टरी, जबकि आगरा नोड में रडार फैक्टरी प्रस्तावित है।

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आगरा, अलीगढ़, लखनऊ सहित 6 जिलों में होकर गुजरने वाले डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद गति पकड़ेगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से लिंक बिझामई गांव में करीब 110 हेक्टेयर भूमि की खरीद डिफेंस कॉरिडोर के लिए हो चुकी है।
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इसमें 60 हेक्टेयर भूमि भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) को पसंद आई है। टीम भूमि का सर्वे भी कर चुकी है। यह फैक्टरी लखनऊ में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने की इकाई से बड़ी होगी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे इंडिस्ट्रयल अथॉरिटी (यूपीडा) के एसडीएम संजय सिंह ने बताया कि आगरा में जमीन खरीद लगभग पूर्ण हो चुकी है। 400 करोड़ इस पर निवेश होगा। 200 करोड़ रुपये मुआवजा किसानों को दे चुके हैं। बीएचईएल यहां रडार बनाने की फैक्टरी लगाएगी। जिसके लिए बोर्ड स्तर पर मंथन चल रहा है।
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उधर, अलीगढ़ नोड्स में ड्रोन बनाए जाएंगे। आगरा में पहले से डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) पैराशूट सहित कई रक्षा उपकरण बना रहा है। इस तरह आगरा भविष्य में रक्षा उपकरणों बनाने के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभर सकता है।
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भांप लेंगे उड़ता हुआ खतरा
रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग (रडार) प्रणाली का अविष्कार 1935 में ब्रिटेन में हुआ था। सूक्ष्म तरंगों के उपयोग से रडार हवा में उड़ते किसी भी खतरे को भांप कर चेतावनी जारी कर देगा। विमान पूर्व चेतावनी प्रणाली विमान के अलावा मौसम व अन्य वस्तुओं का पता लगाने में भी सक्षम हैं। आगरा डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा उपकरण बनाने वाली अन्य कंपनियां भी निवेश के लिए इच्छुक हैं।
रेडियो डिटेक्शन एंड रेंजिंग (रडार) प्रणाली का अविष्कार 1935 में ब्रिटेन में हुआ था। सूक्ष्म तरंगों के उपयोग से रडार हवा में उड़ते किसी भी खतरे को भांप कर चेतावनी जारी कर देगा। विमान पूर्व चेतावनी प्रणाली विमान के अलावा मौसम व अन्य वस्तुओं का पता लगाने में भी सक्षम हैं। आगरा डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा उपकरण बनाने वाली अन्य कंपनियां भी निवेश के लिए इच्छुक हैं।