ठाकुरों की बाईसी कही जाने वाली एत्मादपुर सीट पर भाजपा के डॉ. धर्मपाल सिंह का दबदबा रहा। वह हाथी पर भारी पड़े और बसपा के प्रबल प्रताप सिंह को 47,859 वोटों से हराया। यहां से धर्मपाल दूसरी बार चुनाव जीते हैं। इस जीत के साथ वे तीसरी बार विधानसभा पहुंच रहे हैं।
मोदी लहर में मिली थी हार
वर्ष 2012 में बसपा से जीते धर्मपाल सिंह को 2017 में मोदी लहर में भाजपा के रामप्रताप सिंह से हार मिली थी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजते ही धर्मपाल ऐन वक्त पर भाजपाई हो गए। धर्मपाल दयालबाग सीट से जनमोर्चा की टिकट पर वर्ष 2007 में पहली बार विधान सभा पहुंचे थे। इस बार उनका मुकाबला बसपा के प्रबल प्रताप सिंह से रहा।
इसका मिला फायदा
प्रबल प्रताप सिंह पहले भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष थे। बसपा से टिकट मिलने पर उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया। बसपा के परंपरागत वोट को देखते हुए उनका सीधा मुकाबला माना जा रहा था। हालांकि जीत धर्मपाल के हिस्से में आई। आरबीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जवाहर सिंह धाकरे का कहना है कि धर्मपाल की जीत का सबसे बड़ा कारण उनका पांच साल तक क्षेत्र में सक्रिय रहने के अलावा मोदी-योगी की दमदार छवि रही।
पांचवें-छठे चरण में लगभग रहे बराबर
बसपा के प्रबल प्रताप सिंह और धर्मपाल के बीच पांचवें और छठे चरण में मुकाबला लगभग बराबरी पर आ गया था। प्रबल प्रताप को पांचवें चरण में 16,867 और धर्मपाल को 16,908 मत हो गए। छठे चरण में धर्मपाल के कुल मत 21,106 और प्रबल प्रताप को 20,784 मत थे। सातवें चरण के बाद धर्मपाल बढ़त बनाते गए और 10वें चरण में बढ़त 9249 मतों की हो गई। इसके बाद प्रबल प्रताप लगातार पिछड़ते गए। 20वें चरण में धर्मपाली की बढ़त 32 हजार को पार कर गई। 30वें चरण में भाजपा की कुल बढ़त 43 हजार से अधिक थी। अंतिम चरण में 47859 मतों से जीत दर्ज की।
ये बोले भाजपा प्रत्याशी
डॉ. धर्मपाल सिंह ने कहा कि क्षेत्र के विकास का एजेंडा पहले से तय है। किसानों की परेशानी, नहरों में पानी, 24 घंटे बिजली, शहरी-ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए कार्य करेंगे। मेरी जीत के पीछे क्षेत्र के लोगों के लिए आसानी से सुलभ होना, मोदी-योगी की योजनाएं और बेहतर कानून व्यवस्था की अहम भूमिका रही।
बसपा प्रत्याशी ने बताया हार का कारण
बसपा के प्रबल प्रताप सिंह बोले कि एत्मादपुर की जनता ने खूब प्यार दिया। जनता का निर्णय स्वीकार है। हार की क्या वजह रहीं, इस पर कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करेंगे। वैसे चुनाव की तैयारियों के लिए कम समय मिला। समय रहते टिकट मिलती तो परिणाम और ही होते।
विस्तार
ठाकुरों की बाईसी कही जाने वाली एत्मादपुर सीट पर भाजपा के डॉ. धर्मपाल सिंह का दबदबा रहा। वह हाथी पर भारी पड़े और बसपा के प्रबल प्रताप सिंह को 47,859 वोटों से हराया। यहां से धर्मपाल दूसरी बार चुनाव जीते हैं। इस जीत के साथ वे तीसरी बार विधानसभा पहुंच रहे हैं।
मोदी लहर में मिली थी हार
वर्ष 2012 में बसपा से जीते धर्मपाल सिंह को 2017 में मोदी लहर में भाजपा के रामप्रताप सिंह से हार मिली थी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजते ही धर्मपाल ऐन वक्त पर भाजपाई हो गए। धर्मपाल दयालबाग सीट से जनमोर्चा की टिकट पर वर्ष 2007 में पहली बार विधान सभा पहुंचे थे। इस बार उनका मुकाबला बसपा के प्रबल प्रताप सिंह से रहा।
इसका मिला फायदा
प्रबल प्रताप सिंह पहले भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष थे। बसपा से टिकट मिलने पर उन्होंने भाजपा से किनारा कर लिया। बसपा के परंपरागत वोट को देखते हुए उनका सीधा मुकाबला माना जा रहा था। हालांकि जीत धर्मपाल के हिस्से में आई। आरबीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जवाहर सिंह धाकरे का कहना है कि धर्मपाल की जीत का सबसे बड़ा कारण उनका पांच साल तक क्षेत्र में सक्रिय रहने के अलावा मोदी-योगी की दमदार छवि रही।
पांचवें-छठे चरण में लगभग रहे बराबर
बसपा के प्रबल प्रताप सिंह और धर्मपाल के बीच पांचवें और छठे चरण में मुकाबला लगभग बराबरी पर आ गया था। प्रबल प्रताप को पांचवें चरण में 16,867 और धर्मपाल को 16,908 मत हो गए। छठे चरण में धर्मपाल के कुल मत 21,106 और प्रबल प्रताप को 20,784 मत थे। सातवें चरण के बाद धर्मपाल बढ़त बनाते गए और 10वें चरण में बढ़त 9249 मतों की हो गई। इसके बाद प्रबल प्रताप लगातार पिछड़ते गए। 20वें चरण में धर्मपाली की बढ़त 32 हजार को पार कर गई। 30वें चरण में भाजपा की कुल बढ़त 43 हजार से अधिक थी। अंतिम चरण में 47859 मतों से जीत दर्ज की।
ये बोले भाजपा प्रत्याशी
डॉ. धर्मपाल सिंह ने कहा कि क्षेत्र के विकास का एजेंडा पहले से तय है। किसानों की परेशानी, नहरों में पानी, 24 घंटे बिजली, शहरी-ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए कार्य करेंगे। मेरी जीत के पीछे क्षेत्र के लोगों के लिए आसानी से सुलभ होना, मोदी-योगी की योजनाएं और बेहतर कानून व्यवस्था की अहम भूमिका रही।
बसपा प्रत्याशी ने बताया हार का कारण
बसपा के प्रबल प्रताप सिंह बोले कि एत्मादपुर की जनता ने खूब प्यार दिया। जनता का निर्णय स्वीकार है। हार की क्या वजह रहीं, इस पर कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करेंगे। वैसे चुनाव की तैयारियों के लिए कम समय मिला। समय रहते टिकट मिलती तो परिणाम और ही होते।