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UP: दो सगे भाई मृतक आश्रित कोटे से बन गए दरोगा, ऐसे प्राप्त की दो-दो नौकरी...पेंशन रुकी, जांच शुरू
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 19 Sep 2025 07:51 AM IST
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सार
यूपी पुलिस में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दो भाइयों ने पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से दो नौकरी प्राप्त कर लीं। एक भाई एसीपी पद से सेवानिवृत्त हो चुका है। वहीं दूसरा भाई निरीक्षक है।

दरोगा
- फोटो : संवाद।
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विस्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में फर्जीवाड़ा सामने आया है। दो सगे भाई मृतक आश्रित कोटे से दरोगा बन गए। एक भाई एसीपी पद से सेवानिवृत्त हुआ, उसे पेंशन मिलने वाली थी। मगर, किसी ने शिकायत कर दी। इस पर पेंशन और अन्य भुगतान रोक दी गई। दूसरा भाई निरीक्षक है। जांच पूरी होने के बाद केस भी दर्ज कराया जा सकता है।

इस संबंध में पूर्व में पुलिस मुख्यालय में शिकायत की गई थी। जांच पूर्व पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गाैड के पास आई थी। उन्होंने प्रारंभिक जांच डीसीपी यातायात अभिषेक अग्रवाल को दी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि आगरा में तैनात एसीपी अकाउंट नागमेंद्र लांबा और इंस्पेक्टर योगेंद्र लांबा सगे भाई हैं। उनके पिता जयप्रकाश सिंह लांबा पुलिस में थे। उनकी मृत्यु हो गई।
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इस पर नागमेंद्र लांबा की मृतक आश्रित कोटे में नाैकरी लग गई। 6 साल बाद उनका भाई योगेंद्र लांबा भी नाैकरी में भर्ती हो गया। उन्होंने भी मृतक आश्रित कोटे में आवेदन किया। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि नागमेंद्र लांबा और उनके भाई योगेंद्र लांबा को मृतक आश्रित कोटे में नाैकरी मिली थी। इसमें फर्जीवाड़ा सामने आया है। मामले में जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी। धोखाधड़ी मिलने पर केस दर्ज कराया जाएगा। वहीं यह भी चर्चा है कि दोषी मिलने पर निरीक्षक योगेंद्र लांबा को बर्खास्त भी किया जा सकता है।
शिकायत पर रोका गया भुगतान
नागमेंद्र लांबा नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे। मगर शिकायत मिलने की वजह से सेवानिवृत्ति के बाद उनकी पेंशन और अन्य भुगतान को रोक दिया गया है। बयान में उन्होंने कही कहा था कि भाई ने कैसे नाैकरी पाई, उन्हें नहीं पता। उन्होंने फर्जीवाड़ा की जानकारी होने से इन्कार किया है। कहा कि वह छोटे भाई से अलग रहते हैं।
नागमेंद्र लांबा नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे। मगर शिकायत मिलने की वजह से सेवानिवृत्ति के बाद उनकी पेंशन और अन्य भुगतान को रोक दिया गया है। बयान में उन्होंने कही कहा था कि भाई ने कैसे नाैकरी पाई, उन्हें नहीं पता। उन्होंने फर्जीवाड़ा की जानकारी होने से इन्कार किया है। कहा कि वह छोटे भाई से अलग रहते हैं।
महिला सिपाही को दो बार मिली थी नाैकरी
कानपुर की रहने वाली महिला सिपाही की नाैकरी एक रील पर चली गई थी। रील वायरल होने पर जांच हुई। बाद में सिपाही ने इस्तीफा दे दिया था। उन्हें हाल में दोबारा नाैकरी मिल गई थी। मगर शिकायत होने पर उनकी 48 घंटे में ही नाैकरी चली गई थी। एक लिपिक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।
कानपुर की रहने वाली महिला सिपाही की नाैकरी एक रील पर चली गई थी। रील वायरल होने पर जांच हुई। बाद में सिपाही ने इस्तीफा दे दिया था। उन्हें हाल में दोबारा नाैकरी मिल गई थी। मगर शिकायत होने पर उनकी 48 घंटे में ही नाैकरी चली गई थी। एक लिपिक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।