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स्वास्थ्य विभाग का छापा: डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया ही नहीं...किडनी-लिवर फंक्शन की भी जांच करता मिला झोलाछाप
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 08 Mar 2025 02:07 PM IST
सार
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खेरागढ़ में अवैध रूप से चल रही पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा। यहां झोलाछाप को जांच करते हुए पकड़ा गया। मौके से जांच रिपोर्ट भी जब्त की गईं, जिन पर उसके हस्ताक्षर भी मिले।
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अंशुल पैथोलॉजी लैब पर छापा
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खेरागढ़ में अवैध रूप से चल रही अंशुल पैथोलॉजी लैब पकड़ी है। झोलाछाप जांच कर रहा था। जांच रिपोर्ट भी मिली हैं, जिस पर खुद ही हस्ताक्षर करता था। लैब बंद कराते हुए खेरागढ़ थाने में संचालक के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए टीम ने तहरीर दी है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ऊंटगिरि रोड खेरागढ़ स्थित अंशुल पैथोलॉजी लैब की शिकायत मिली थी। कहा गया था कि झोलाछाप खुद को पैथोलॉजिस्ट बताकर खून की जांच करता है। इस पर अपंजीकृत अस्पताल सेल के नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियां को जांच के लिए भेजा गया।
टीम को मौके पर संचालक लोकेश सिंह जांच करते मिला। मशीनें, रिपोर्ट और नमूने थे। उपकरण गंदे थे, मेडिकल वेस्ट भी मिला। लाइसेंस दिखा नहीं पाया। चिकित्सकीय डिग्री भी नहीं थी। लैब में 10 से अधिक जांच रिपोर्ट मिलीं, जिस पर डॉक्टर के नाम के नीचे लोकेश के हस्ताक्षर थे। रिपोर्ट में डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया, किडनी-लिवर फंक्शन समेत अन्य का विवरण दर्ज था। पर्चे पर रेफर बाई के स्थान पर डॉ. चंद्रा लिखा था।
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सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ऊंटगिरि रोड खेरागढ़ स्थित अंशुल पैथोलॉजी लैब की शिकायत मिली थी। कहा गया था कि झोलाछाप खुद को पैथोलॉजिस्ट बताकर खून की जांच करता है। इस पर अपंजीकृत अस्पताल सेल के नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियां को जांच के लिए भेजा गया।
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टीम को मौके पर संचालक लोकेश सिंह जांच करते मिला। मशीनें, रिपोर्ट और नमूने थे। उपकरण गंदे थे, मेडिकल वेस्ट भी मिला। लाइसेंस दिखा नहीं पाया। चिकित्सकीय डिग्री भी नहीं थी। लैब में 10 से अधिक जांच रिपोर्ट मिलीं, जिस पर डॉक्टर के नाम के नीचे लोकेश के हस्ताक्षर थे। रिपोर्ट में डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया, किडनी-लिवर फंक्शन समेत अन्य का विवरण दर्ज था। पर्चे पर रेफर बाई के स्थान पर डॉ. चंद्रा लिखा था।
कीमत पूरी, जान से खिलवाड़
सीएमओ ने बताया कि झोलाछाप गंभीर रोगों की भी जांच कर रहा था। कीमत भी पूरी वसूलता था। जांच से मरीजों की बीमारी बढ़ने और जान का भी खतरा था। इसकी लैब में जांच कराने के लिए अन्य झोलाछाप भी मरीज भेजते थे। जांच कराई जा रही है।
सीएमओ ने बताया कि झोलाछाप गंभीर रोगों की भी जांच कर रहा था। कीमत भी पूरी वसूलता था। जांच से मरीजों की बीमारी बढ़ने और जान का भी खतरा था। इसकी लैब में जांच कराने के लिए अन्य झोलाछाप भी मरीज भेजते थे। जांच कराई जा रही है।
ताला लगाकर पुलिस को सौंपी चाबी
नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियां ने बताया कि टीम ने लैब पर ताला लगाकर चाबी पुलिस को सौंप दी है। दरअसल, बीते महीने खेरागढ़ में ही झोलाछाप ने दुकान बंद कराने के बाद अगले दिन ही खोल ली थी।
नोडल अधिकारी डॉ. जितेंद्र लवानियां ने बताया कि टीम ने लैब पर ताला लगाकर चाबी पुलिस को सौंप दी है। दरअसल, बीते महीने खेरागढ़ में ही झोलाछाप ने दुकान बंद कराने के बाद अगले दिन ही खोल ली थी।
दो महीने 18 झोलाछाप पर केस
सीएमओ ने बताया कि बीते दो महीने में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 40 से अधिक झोलाछाप और अवैध अस्पताल-लैब पकड़ी। इनको बंद भी कराया है। 18 के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। बाकी के मामलों में जांच चल रही है।
सीएमओ ने बताया कि बीते दो महीने में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 40 से अधिक झोलाछाप और अवैध अस्पताल-लैब पकड़ी। इनको बंद भी कराया है। 18 के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। बाकी के मामलों में जांच चल रही है।
