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UP: आलीशान घर, कार और बाइक...फिर भी चाहिए फ्री का राशन, 92 हजार से अधिक ने किया फर्जीवाड़ा; अब होगी कार्रवाई
राजेश चाहर, संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Thu, 25 Dec 2025 02:17 AM IST
सार
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में राशन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। 92 हजार से अधिक ऐसे लोग मिले हैं, जो पात्र नहीं होने के बाद भी अब तक सरकारी राशन ले रहे थे। अब इन पर कार्रवाई की तैयारी है।
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जिला पूर्ति कार्यालय।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आलीशान कोठी बनी है, घर में चार पहिया गाड़ी है। एक नहीं दो-तीन बाइक और घर में 4-4 कमाने वाले फिर भी फ्री का दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल चाहिए। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आपूर्ति विभाग की जांच में सामने आया है। जिले में 92,119 लोगों ने राशन कार्ड बनवाने में फर्जीवाड़ा किया है। अब ऐसे लोगों का सत्यापन करने वाले विभागीय कर्मचारियों की जांच और कार्रवाई भी होगी।
जिला आपूर्ति अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 18 विभागों ने अपने यहां से डाटा जारी कर यह जानकारी दी है कि कितने राशन कार्ड धारकों के पास चार पहिया और कितनों के पास दो पहिया वाहन है। साथ है तहसील स्तर से जमीन की भी जांच की गई है।
जिले में इस समय 7,34,876 राशन कार्ड धारक हैं। इनमें 4,62,804 देहात और 2,72,072 नगरीय क्षेत्र में लाभार्थी हैं। इसमें करीब 9 हजार अंत्योदय कार्ड के लाभार्थी हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिले में अभी इन लोगों को चिन्हित किया गया है। तहसील स्तर से टीम गठित कर इनकी जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे लोगों की वेरिफिकेशन करने वाले कर्मचारियों को भी चिन्हित कर उनकी भीजांच कर कार्रवाई की जाएगी।
इनकी होनी है जांच
देहात क्षेत्र में 2 लाख से अधिक आय वाले 36,501 और शहरी क्षेत्र में 3 लाख से अधिक आय वाले 17,476 लोग शामिल हैं। सालाना 25 लाख से अधिक टर्न ओवर वाले 130, खुद का रोजगार चलाने वाले 2,099, दूसरे जिले का कार्डधारक 3,795 और दूसरे राज्यों कार्डधारक 540 लोग हैं। साथ ही पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले 4,630 और 6 से 12 महीने के बीच राशन नहीं लेने वाले 13,412, एक साल से अधिक समय से राशन नहीं लेने वाले 1,620 और हल्के मोटर वाहन मालिक 11,522 समेत 18 विभागों में कुल 92,119 लोगों को चिन्हित कर जांच की जा रही है।
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जिला आपूर्ति अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 18 विभागों ने अपने यहां से डाटा जारी कर यह जानकारी दी है कि कितने राशन कार्ड धारकों के पास चार पहिया और कितनों के पास दो पहिया वाहन है। साथ है तहसील स्तर से जमीन की भी जांच की गई है।
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जिले में इस समय 7,34,876 राशन कार्ड धारक हैं। इनमें 4,62,804 देहात और 2,72,072 नगरीय क्षेत्र में लाभार्थी हैं। इसमें करीब 9 हजार अंत्योदय कार्ड के लाभार्थी हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिले में अभी इन लोगों को चिन्हित किया गया है। तहसील स्तर से टीम गठित कर इनकी जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे लोगों की वेरिफिकेशन करने वाले कर्मचारियों को भी चिन्हित कर उनकी भीजांच कर कार्रवाई की जाएगी।
इनकी होनी है जांच
देहात क्षेत्र में 2 लाख से अधिक आय वाले 36,501 और शहरी क्षेत्र में 3 लाख से अधिक आय वाले 17,476 लोग शामिल हैं। सालाना 25 लाख से अधिक टर्न ओवर वाले 130, खुद का रोजगार चलाने वाले 2,099, दूसरे जिले का कार्डधारक 3,795 और दूसरे राज्यों कार्डधारक 540 लोग हैं। साथ ही पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले 4,630 और 6 से 12 महीने के बीच राशन नहीं लेने वाले 13,412, एक साल से अधिक समय से राशन नहीं लेने वाले 1,620 और हल्के मोटर वाहन मालिक 11,522 समेत 18 विभागों में कुल 92,119 लोगों को चिन्हित कर जांच की जा रही है।
क्या होती है प्रक्रिया
जनपद में अंत्योदय और पात्र गृहस्थी दो प्रकार के राशन कार्ड बनते हैं।
1. अंत्योदय कार्ड बनवाने के लिए निर्धन, अनाथ बच्चे, किसी बीमारी से लंबे समय से ग्रसित, दिव्यांग, निराश्रित विधवा, निराश्रितों को प्राथमिकता दी जाती है। इनको 35 किलोग्राम अनाज निशुल्क मिलता है। इसमें 21 किलोग्राम चावल और 14 किलोग्राम गेहूं मिलता है।
2. पात्र गृहस्थी के लिए शहरी क्षेत्र में वार्षिक आय 3 लाख से कम और देहात क्षेत्र में 2 लाख से कम होनी चाहिए। चार पहिया वाहन नहीं हो, घर पर पांच किलोवाट से अधिक का जनरेटर नहीं हो, घर में सरकारी नौकरी नहीं हो और परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक जमीन नहीं हो। ऐसे लोगों को प्रति यूनिट 2 किलोग्राम गेहूं और 3 किलोग्राम चावल निशुल्क मिलते हैं।
जनपद में अंत्योदय और पात्र गृहस्थी दो प्रकार के राशन कार्ड बनते हैं।
1. अंत्योदय कार्ड बनवाने के लिए निर्धन, अनाथ बच्चे, किसी बीमारी से लंबे समय से ग्रसित, दिव्यांग, निराश्रित विधवा, निराश्रितों को प्राथमिकता दी जाती है। इनको 35 किलोग्राम अनाज निशुल्क मिलता है। इसमें 21 किलोग्राम चावल और 14 किलोग्राम गेहूं मिलता है।
2. पात्र गृहस्थी के लिए शहरी क्षेत्र में वार्षिक आय 3 लाख से कम और देहात क्षेत्र में 2 लाख से कम होनी चाहिए। चार पहिया वाहन नहीं हो, घर पर पांच किलोवाट से अधिक का जनरेटर नहीं हो, घर में सरकारी नौकरी नहीं हो और परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक जमीन नहीं हो। ऐसे लोगों को प्रति यूनिट 2 किलोग्राम गेहूं और 3 किलोग्राम चावल निशुल्क मिलते हैं।
