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UP: आगरा में रबड़ फैक्ट्री में लगी भीषण आग...धमाकों से फैली दहशत, आठ दमकलों ने तीन घंटे बाद पाया काबू
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Tue, 09 Dec 2025 09:28 PM IST
सार
आगरा के थाना हरीपर्वत क्षेत्र के सोंठ की मंडी में मंगलवार रात को एक रबड़ फैक्टरी में भीषण आग लग गई। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल ने लपटों पर काबू पाया।
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फैक्ट्री में लगी आग।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आगरा के थाना हरीपर्वत के सोंठ की मंडी स्थित विजय कुंज में मंगलवार रात को जूते-चप्पल की रबड़शीट बनाने की फैक्टरी में भीषण आग लग गई। लपटों को देखकर फैक्टरी से 50 मीटर की दूरी पर रहने वाले लोग भी दहशत में आ गए। सभी घरों से बाहर निकल आए। सूचना पर 8 दमकल पहुंच गईं। नजदीक ही बिल्लोचपुरा स्टेशन भी है। इस वजह से आग बुझाने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। धमाके भी हुए। दमकल कर्मियों ने तीन घंटे में आग पर काबू पाया। हालांकि जलती हुई रबड़ शीट में पानी डालने से लपटें निकल रही थीं। इस कारण रात में एक टीम लगी रही। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट होने की आशंका है। इसकी टीम जांच कर रही है।
फैक्टरी नाई की मंडी निवासी मोहम्मद फारुख की है। इसमें जूते-चप्पल में लगने वाली रबड़ की शीट बनाई जाती हैं। इसके एक तरफ बिल्लोचपुरा स्टेशन हैं। यहां से आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन गुजरती है। वहीं पीछे की तरफ सेलम की फैक्टरी चलती है। वहीं दूसरी तरफ बंद पड़ी फैक्टरी है। रात में दो गार्ड रहते हैं। मंगलवार को मोहम्मद फारुख रिश्तेदार के घर शादी में दिल्ली गए थे। इस कारण फैक्टरी बंद थी। रात तकरीबन पाैने नाै बजे गार्डों ने धुआं निकलता देखा। वो कुछ कर पाते, तब तक लपटें उठने लगीं। उन्होंने शोर मचा दिया। इस पर फैक्टरी के पास रहने वाले लोग आ गए। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी।
इस पर ईदगाह और संजय प्लेस फायर स्टेशन से 8 दमकल पहुंच गईं। फैक्टरी में टिन शेड पड़ी थी। इससे लपटें बाहर आ रही थीं। दमकलकर्मियों ने आग बुझाने का प्रयास किया। मुख्य गेट और टिन शेड की जाली से पानी डालना शुरू किया। मगर रबड़ होने की वजह से लपटें कम नहीं हुईं। रात तकरीबन 12 बजे पूरी तरह से आग पर काबू पाया जा सका। वहीं घटना के बाद से ही गार्डों का पता नहीं है। वह अग्निशमन अधिकारी के सामने नहीं आए। एफएसओ सोमदत्ता सोनकर ने बताया कि आग लगने का कारण शार्ट सर्किट हो सकता है। गार्डों से पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
आसपास नहीं रह रहे थे लोग
घटना के बाद विजय कुंज के लोग भी आ गए। उनका कहना था कि फैक्टरी में रात के समय ज्यादा काम होता है। 10-12 श्रमिक काम करते हैं। रात में मशीनों की आवाज आती है। हालांकि फैक्टरी के आसपास किसी का घर नहीं है। इसमें आग बुझाने के इंतजाम थे या नहीं इसकी जांच की जानी चाहिए।
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फैक्टरी नाई की मंडी निवासी मोहम्मद फारुख की है। इसमें जूते-चप्पल में लगने वाली रबड़ की शीट बनाई जाती हैं। इसके एक तरफ बिल्लोचपुरा स्टेशन हैं। यहां से आगरा-दिल्ली रेलवे लाइन गुजरती है। वहीं पीछे की तरफ सेलम की फैक्टरी चलती है। वहीं दूसरी तरफ बंद पड़ी फैक्टरी है। रात में दो गार्ड रहते हैं। मंगलवार को मोहम्मद फारुख रिश्तेदार के घर शादी में दिल्ली गए थे। इस कारण फैक्टरी बंद थी। रात तकरीबन पाैने नाै बजे गार्डों ने धुआं निकलता देखा। वो कुछ कर पाते, तब तक लपटें उठने लगीं। उन्होंने शोर मचा दिया। इस पर फैक्टरी के पास रहने वाले लोग आ गए। उन्होंने पुलिस को जानकारी दी।
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इस पर ईदगाह और संजय प्लेस फायर स्टेशन से 8 दमकल पहुंच गईं। फैक्टरी में टिन शेड पड़ी थी। इससे लपटें बाहर आ रही थीं। दमकलकर्मियों ने आग बुझाने का प्रयास किया। मुख्य गेट और टिन शेड की जाली से पानी डालना शुरू किया। मगर रबड़ होने की वजह से लपटें कम नहीं हुईं। रात तकरीबन 12 बजे पूरी तरह से आग पर काबू पाया जा सका। वहीं घटना के बाद से ही गार्डों का पता नहीं है। वह अग्निशमन अधिकारी के सामने नहीं आए। एफएसओ सोमदत्ता सोनकर ने बताया कि आग लगने का कारण शार्ट सर्किट हो सकता है। गार्डों से पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
आसपास नहीं रह रहे थे लोग
घटना के बाद विजय कुंज के लोग भी आ गए। उनका कहना था कि फैक्टरी में रात के समय ज्यादा काम होता है। 10-12 श्रमिक काम करते हैं। रात में मशीनों की आवाज आती है। हालांकि फैक्टरी के आसपास किसी का घर नहीं है। इसमें आग बुझाने के इंतजाम थे या नहीं इसकी जांच की जानी चाहिए।
टोरेंट ने नहीं की बिजली बंद, हुए धमाके
एफएसओ संजय प्लेस सोमदत्त सोनकर ने बताया कि घटना के बाद जब दमकलकर्मी पहुंचे तो देखा कि बिजली की लाइन चालू है। ऐसे में पानी डालने पर करंट फैलने की आशंका थी। इसको देखते हुए टोरेंट को संदेश भेजा गया कि बिजली काट दी जाए। क्योंकि फैक्टरी के पास ही उसका जंक्शन बाक्स भी लगा हुआ था। मैसेज करने के बावजूद लाइन बंद नहीं की गई। इस वजह से दो धमाके भी हुए। कोई रेस्पांस न आने पर टीम आग बुझाने में जुट गई। आधा घंटे बाद बिजली को बंद किया गया।
फिर से उठ गईं लपटें
दमकल कर्मियों ने रात तकरीबन 12 बजे आग पर काबू कर लिया था। मगर जब वो फर्श पर पड़े जलते हुए मलबे पर पानी डाल रहे थे तो फिर से लपटें निकलने में लग रही थीं। इस कारण देर रात तक दमकल कर्मी आग बुझाने के प्रयास में लगे हुए थे।
फैक्टरी के पीछे रेलवे स्टेशन
फैक्टरी के पीछे ही बिल्लोचपुरा स्टेशन है। प्लेटफार्म के साथ ही बिजली की लाइन भी जा रही है। इस कारण दमकलकर्मियों को डर था कि लाइन की तरफ पानी की बाैछार न चली जाएं। वहीं धुएं से आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस कारण वो घटनास्थल से दूर चले गए। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि फैक्टरी से धमाकों की आवाज भी आ रही थी। यह किसमें हुए पता नहीं चल सका।
एफएसओ संजय प्लेस सोमदत्त सोनकर ने बताया कि घटना के बाद जब दमकलकर्मी पहुंचे तो देखा कि बिजली की लाइन चालू है। ऐसे में पानी डालने पर करंट फैलने की आशंका थी। इसको देखते हुए टोरेंट को संदेश भेजा गया कि बिजली काट दी जाए। क्योंकि फैक्टरी के पास ही उसका जंक्शन बाक्स भी लगा हुआ था। मैसेज करने के बावजूद लाइन बंद नहीं की गई। इस वजह से दो धमाके भी हुए। कोई रेस्पांस न आने पर टीम आग बुझाने में जुट गई। आधा घंटे बाद बिजली को बंद किया गया।
फिर से उठ गईं लपटें
दमकल कर्मियों ने रात तकरीबन 12 बजे आग पर काबू कर लिया था। मगर जब वो फर्श पर पड़े जलते हुए मलबे पर पानी डाल रहे थे तो फिर से लपटें निकलने में लग रही थीं। इस कारण देर रात तक दमकल कर्मी आग बुझाने के प्रयास में लगे हुए थे।
फैक्टरी के पीछे रेलवे स्टेशन
फैक्टरी के पीछे ही बिल्लोचपुरा स्टेशन है। प्लेटफार्म के साथ ही बिजली की लाइन भी जा रही है। इस कारण दमकलकर्मियों को डर था कि लाइन की तरफ पानी की बाैछार न चली जाएं। वहीं धुएं से आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इस कारण वो घटनास्थल से दूर चले गए। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि फैक्टरी से धमाकों की आवाज भी आ रही थी। यह किसमें हुए पता नहीं चल सका।