शरद पूर्णिमा 2021: आज बांकेबिहारी मंदिर में गूंजेगी मुरली की धुन, श्वेत वस्त्र धारण दर्शन देंगे ठाकुरजी
शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी मोर-मुकुट, कटि-काछनी और श्वेत वस्त्र धारण कर सोलह श्रृंगार में मुरली बजाते भक्तों को दर्शन देंगे। वर्ष में सिर्फ एक बार यह अवसर आता है, जब ठाकुरजी वंशी बजाते हुए दर्शन देते हैं। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान है।

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मथुरा के वृंदावन में जन-जन के आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में दिव्य दर्शन देकर अपने भक्तों को निहाल करेंगे। निकुंजरास के भाव में वृक्ष की छांव में, श्वेत वस्त्रों और आभूषणों से सजकर ठाकुरजी वर्ष में सिर्फ एक बार हाथों में वंशी धारण कर भक्तों को दर्शन देते हैं। आज यह अवसर आ गया है। शरद पूर्णिमा पर श्रद्धालु अपने आराध्य के दिव्य दर्शन कर सकेंगे। शरद उत्सव को लेकर बांकेबिहारी परिसर को भी स्वेत वस्त्रों और विद्युत रोशनी से सजाया गया है।

बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने बताया कि 20 अक्तूबर को ठाकुर श्रीबांकेबिहारी स्वर्ण-रजत सिंहासन पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। हाथों में मुरली, छड़ी, कमर में मोरमुकुट एवं कट काछिनी धारण कर निकुंज लताओं में सखियों के साथ महारास की छवि का भव्य दर्शन होगा।
शरद पूर्णिमा को सुबह 8 से 1 बजे तक और शाम को 5:30 से लेकर रात 10 बजे तक भक्तों को अपने आराध्य के दर्शन सुलभ होंगे। राजभोग और शयन भोग सेवा में एक-एक घंटे मंदिर के पट खुलने का समय बढ़ाया गया है। दिन में दो घंटे अधिक मंदिर खुलने के कारण आरती के समय में भी परिवर्तन होगा।
यह होगा आरती का समय
शरद पूर्णिमा के दिन दोपहर में राजभोग आरती 11:55 के स्थान पर 12:55 बजे होगी और रात में होने वाली शयनभोग आरती रात्रि 9:25 के स्थान पर 10:25 बजे की जाएगी। शरद पूर्णिमा पर अधिक संख्या में आने वाले भक्तों को लेकर दर्शनों के समय को बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि शरद पूर्णिमा पर जब ठाकुरजी स्वर्ण रजत सिंहासन पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं और शाम को चंद्रमा की रोशनी ठाकुरजी के मुख मंडल पर पड़ती है उन्हीं को दिव्य दर्शन कहते हैं।
कृपा विलास में शारदीय महोत्सव आज
रमणरेती मार्ग स्थित कृपा विलास आश्रम में शारदीय महोत्सव का आयोजन बुधवार को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के मध्य सुबह 9 बजे से किया जाएगा। सुबह 9 से 11 तक हरिनाम संकीर्तन सांय 4 से 6 बजे तक रास पंचाध्यायी विषय पर गौरदास महाराज के प्रवचन होंगे। इसके बाद पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज प्रवचन दिया जाएगा। इसके अलावा रात्रि 8 बजे से वृंदावन शोध संस्थान में महारास लीला का मंचन किया जाएगा।