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UP: एनजीओ रजिस्ट्रेशन के नाम ठगी...तीन आरोपी गिरफ्तार, गिरोह के सरगना की तलाश में जुटी पुलिस
संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Fri, 24 Oct 2025 01:32 PM IST
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सार
दिल्ली पुलिस को मामले की जांच के दाैरान पता चला कि ठगी की रकम आगरा के एक खाते में गई है। पुलिस ने जांच के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी गोलू की पुलिस तलाश कर रही है।
Crime demo
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली के उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने फर्जी डोनेशन और एनजीओ रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया। पुलिस ने आगरा के शमसाबाद रोड स्थित मित्रपुरम निवासी मनीष विश्वास (19), रश्मि विहार काॅलोनी के मंथन कुमार (23) और बराैली अहीर निवासी प्रिंस उर्फ कालू उर्फ कमलेश (20) को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने दिल्ली के बाड़ा हिंदू राव इलाके में रहने वाले 76 साल के बुजुर्ग को एनजीओ रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगा था। पुलिस ने छानबीन के बाद तीनों आरोपियों को आगरा से दबोचा है। एक आरोपी खाता धारक है, जबकि बाकी दोनों ने बैंक खाता उपलब्ध करवाया था। पुलिस को मामले में गोलू नामक एक मुख्य आरोपी की तलाश है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने बताया कि मोहम्मद यूनुस खान (76) परिवार के साथ आजाद मार्केट, बाड़ा हिंदू राव इलाके में रहते हैं। यूनुस खान सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पीड़ित ने एनसीआरपी के पोर्टल पर 16600 रुपये ठगी की एक शिकायत दर्ज कराई थी।
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आरोपियों ने दिल्ली के बाड़ा हिंदू राव इलाके में रहने वाले 76 साल के बुजुर्ग को एनजीओ रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगा था। पुलिस ने छानबीन के बाद तीनों आरोपियों को आगरा से दबोचा है। एक आरोपी खाता धारक है, जबकि बाकी दोनों ने बैंक खाता उपलब्ध करवाया था। पुलिस को मामले में गोलू नामक एक मुख्य आरोपी की तलाश है।
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उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त राजा बांठिया ने बताया कि मोहम्मद यूनुस खान (76) परिवार के साथ आजाद मार्केट, बाड़ा हिंदू राव इलाके में रहते हैं। यूनुस खान सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पीड़ित ने एनसीआरपी के पोर्टल पर 16600 रुपये ठगी की एक शिकायत दर्ज कराई थी।
व्हाट्सएप काॅल पर की थी बात
पीड़ित ने बताया कि उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई थी। कॉलर ने कहा कि वह गरीब और बुजुर्ग लोगों की मदद कर सकते हैं। खुद की एनजीओ बनाकर ऐसा कर सकते हैं। ऐसा करने से उनको हर माह 50 हजार रुपये की इनकम होगी। सहमत होने पर एनजीओ रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 16,600 रुपये आरोपी ने ले लिए। उनके मोबाइल को ब्लॉक कर दिया गया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।
पीड़ित ने बताया कि उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई थी। कॉलर ने कहा कि वह गरीब और बुजुर्ग लोगों की मदद कर सकते हैं। खुद की एनजीओ बनाकर ऐसा कर सकते हैं। ऐसा करने से उनको हर माह 50 हजार रुपये की इनकम होगी। सहमत होने पर एनजीओ रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 16,600 रुपये आरोपी ने ले लिए। उनके मोबाइल को ब्लॉक कर दिया गया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ठगी की रकम आगरा के एक खाते में गई है। खाता मनीष विश्वास के नाम पर है। टीम ने पहुंचकर मनीष को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मनीष ने बताया कि उसने खाता खुलवाकर मंथन कुमार को सौंप दिया। मंथन को गिरफ्तार करने पर उसने खाता आगे प्रिंस उर्फ कालू नामक व्यक्ति को देने की बात बताई। टीम ने उसे भी आगरा से दबोच लिया। उसने मुख्य आरोपी गोलू का नाम बताया। अब पुलिस आरोपी गोलू की तलाश कर रही है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। दिल्ली पुलिस से भी संपर्क किया जाएगा।
पहले भी पकड़े गए गिरोह
आगरा में पहले भी साइबर ठगी करने वाले गिरोह को पुलिस पकड़ चुकी हैं। जगदीशपुरा, लोहामंडी, बाह, मलपुरा आदि इलाकों में गिरोह के सदस्य पकड़े गए थे। इनमें नाैकरी का झांसा देकर ठगने वाले भी शामिल हैं। पुलिस एक गिरोह पर शिकंजा कसती है, तभी दूसरा भी सामने आ जाता है। काल करके ठगने वालों से लेकर अपनी आईडी पर सिम बेचने वाले भी पकड़कर जेल भेजे गए हैं।
आगरा में पहले भी साइबर ठगी करने वाले गिरोह को पुलिस पकड़ चुकी हैं। जगदीशपुरा, लोहामंडी, बाह, मलपुरा आदि इलाकों में गिरोह के सदस्य पकड़े गए थे। इनमें नाैकरी का झांसा देकर ठगने वाले भी शामिल हैं। पुलिस एक गिरोह पर शिकंजा कसती है, तभी दूसरा भी सामने आ जाता है। काल करके ठगने वालों से लेकर अपनी आईडी पर सिम बेचने वाले भी पकड़कर जेल भेजे गए हैं।
