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AMU: महिला प्रोफेसर ने विभागाध्यक्ष पर लगाया आरोप, वीसी से शिकायत के चार माह बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: चमन शर्मा
Updated Mon, 29 Dec 2025 01:41 PM IST
सार
प्रो. रचना ने वीसी से शिकायत की थी। शिकायत के बाद वीसी ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया। वीसी ने विभागाध्यक्ष द्वारा उनके बारे में कहे सांप्रदायिक वक्तव्य की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सुनी। चार महीने बीत जाने के बावजूद यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्यालय से अब तक न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही कोई उत्तर मिला।
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एएमयू
- फोटो : संवाद
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विस्तार
एएमयू के राजनीति विज्ञान विभाग की प्रो. रचना कौशल ने विभागाध्यक्ष प्रो. नफीस अंसारी पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रो. रचना ने कहा कि उन्हें सांप्रदायिक भी कहा जा रहा है। उन्होंने इस मामले में कुलपति से शिकायत की, लेकिन चार महीने बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। अब आरटीआई अपील की है।
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प्रो. रचना ने बताया कि 22 सितंबर 2025 को कुलपति से शिकायत की थी। शिकायत मिलने के बाद कुलपति ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया। कुलपति ने विभागाध्यक्ष द्वारा उनके बारे में कहे सांप्रदायिक वक्तव्य की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सुनी। चार महीने बीत जाने के बावजूद यूनिवर्सिटी के किसी भी कार्यालय से अब तक न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही कोई उत्तर मिला। शिकायत के एक महीने के इंतजार के बाद उन्होंने 22 अक्तूबर 2025 को सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन दाखिल कर कुलपति की टिप्पणी और संबंधित कार्यालयों द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। 11 नवंबर 2025 को मिले उत्तर में कहा गया कि पत्र कुलपति के विचाराधीन हैं।
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प्रो. कौशल ने कहा कि उन्हें सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन की ओर से दो सितंबर 2025 को छात्रों के एक पत्र के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया, जबकि वह पत्र उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया। उन्होंने डीन से यह भी पूछा कि डीन को ऐसा स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार किस प्रावधान के तहत है। चार सितंबर 2025 को डीन ने जवाब में कहा कि जांच की जा रही है। उन्होंने यह जानना चाहा कि वह जांच कौन कर रहा है, जिसका जवाब नहीं मिला।
प्रो. रचना ने कहा कि मजबूर होकर सात दिसंबर को एक और आरटीआई आवेदन दाखिल कर छात्रों के पत्र की प्रमाणित प्रति और डीन को निर्देश देने वाले उच्च प्राधिकारी के आदेश की जानकारी मांगी। उत्तर असंतोषजनक होने पर उन्होंने 12 दिसंबर 2025 को अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर की, लेकिन अब तक डीन द्वारा अपील का निस्तारण नहीं किया गया है। इस संबंध में विभागाध्यक्ष प्रो. नफीस अंसारी ने आरोपों को गलतफहमी बताया और सांप्रदायिक मामला होने से इन्कार किया।
