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Aligarh: छह साल बाद आया फैसला, हाथरस के दो कुख्यातों के भागने में नहीं आए गवाह, दो सिपाही बरी

अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: चमन शर्मा Updated Mon, 29 Dec 2025 02:51 PM IST
सार

अदालत की तलबी, वारंट व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्राचार के बाद भी वादी या अन्य कोई गवाह पुलिस स्तर से पेश नहीं किया गया, जबकि समन-वारंट तामील हुए, जिनकी रिपोर्ट अदालत में पेश की गईं। इसके आधार पर न्यायालय ने अभियोजन का साक्ष्य पेश करने का अवसर समाप्त करते हुए व संदेह का लाभ देते हुए दोनों आरोपियों को बरी कर दिया।

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Witnesses failed to appear in the escape of two notorious Hathras criminals
कोर्ट फैसला - फोटो : प्रतीकात्मक
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विस्तार
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हाथरस किशोर न्याय बोर्ड से पेशी के बाद जेल लाए जा रहे दो कुख्यातों के भागने के मामले में सिपाहियों के खिलाफ कोई गवाही देने नहीं आया। इस आधार पर गवाही के अभाव में अदालत ने हाथरस के दोनों सिपाहियों को बरी कर दिया है। वर्ष 2019 के प्रकरण में सीजेएम न्यायालय ने यह निर्णय सुनाया है।

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घटनाक्रम 23 नवंबर 2019 का है। हाथरस पुलिस लाइन के आरआई सुरेशपाल सिंह की ओर से सिविल लाइंस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। कहा गया कि हाथरस पुलिस लाइन के दो सिपाही अफरोज खां व फिरोज खां सरकारी वाहन से दो अपराधियों हसायन के धुबई के सगीर व सादाबाद के समदपुर व हाल आगरा सिकंदरा के मुकेश उर्फ छोटू को पेशी पर लाए थे।
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वाहन को सिपाही महीपाल चला रहा था। दोनों अपराधियों को किशोर न्याय बोर्ड हाथरस में पेशी के बाद वापस जेल दाखिल करने ले जाया जा रहा था। रास्ते में दोनों सिपाहियों अफरोज व फिरोज की लापरवाही से अपराधी भाग गए। इस रिपोर्ट के आधार पर दोनों को निलंबित किया गया।

मामले में पुलिस चार्जशीट के आधार पर वर्ष 2021 में सीजेएम न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ। न्यायालय में आरोपी फिरोज व अफरोज हाजिर हुए। अदालत की तलबी, वारंट व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्राचार के बाद भी वादी या अन्य कोई गवाह पुलिस स्तर से पेश नहीं किया गया, जबकि समन-वारंट तामील हुए, जिनकी रिपोर्ट अदालत में पेश की गईं। इसके आधार पर न्यायालय ने अभियोजन का साक्ष्य पेश करने का अवसर समाप्त करते हुए व संदेह का लाभ देते हुए दोनों आरोपियों को बरी कर दिया। बता दें कि मुकेश व सगीर कुख्यात अपराधी हैं। उन पर कई कई मुकदमे दर्ज हैं।

आगरा रोड हाईवे से जेल के बीच भागे दोनों
इस घटना में उस समय उजागर हुआ था कि दोनों अपराधी मडराक टोल तक गाड़ी में सवार दिखे हैं। इसके बाद यह भी उजागर हुआ कि आगरा रोड हाईवे पर पहुंचकर गाड़ी में पीछे निगरानी के लिए सवार सिपाही किसी शादी में फतेहगढ़ जाने के लिए वहां उतर गया। इसके बाद पीछे निगरानी के लिए गाड़ी में कोई नहीं था। तभी हाईवे से जेल के बीच दोनों अपराधी किसी तरह गाड़ी की जाली काटकर फरार हो गए। दूसरी बात यह भी आई थी कि जेल से टोल के बीच गाड़ी को पहुंचने में सवा दो घंटे लगे थे। इतनी बड़ी साजिश के बाद भी उनके खिलाफ कोई गवाही देने अदालत में नहीं पहुंचा।

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