DElEd: पश्चिमी यूपी-बुंदेलखंड में बेचे गए डीएलएड के लीक पेपर, दो भाई किए थे गिरफ्तार, सरगना की तलाश
एसटीएफ ने मंंगलवार को इगलास क्षेत्र के गांव नगला हरिकरना के दो भाइयों धमेंद्र कुमार और पुष्पेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिन पर टेलीग्राम प्लेटफॉर्म के माध्यम से डीएलएड प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र आउट करने वाले गिरोह के नितेश पांडेय से पेपर मंगाकर सॉल्व करने व परीक्षार्थियों को बेचने का आरोप है।
विस्तार
डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) के लीक हुए पेपर इगलास से सोशल मीडिया के जरिये पश्चिमी यूपी-बुंदेलखंड तक के जिलों में बेचे गए थे। यह तथ्य पुलिस द्वारा साइबर टीम के सहयोग से पेपर खरीदने वाले 80 परीक्षार्थियों की यूपीआईडी की अब तक की जांच में उजागर हुआ है। जिनमें 30 करीब नाम पते स्पष्ट हो रहे हैं। हालांकि अभी पुलिस उनकी तस्दीक के लिए मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कंपनियों की रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रही है।
एसटीएफ ने मंंगलवार को इगलास क्षेत्र के गांव नगला हरिकरना के दो भाइयों धमेंद्र कुमार और पुष्पेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिन पर टेलीग्राम प्लेटफॉर्म के माध्यम से डीएलएड प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के प्रश्नपत्र आउट करने वाले गिरोह के नितेश पांडेय से पेपर मंगाकर सॉल्व करने व परीक्षार्थियों को बेचने का आरोप है। दोनों ने अब तक टेलीग्राम व व्हाटसएप ग्रुपों के जरिये करीब 80 परीक्षार्थियों को पेपर बेचना स्वीकारा। साथ में ग्रुपों के जरिये उनके नाम, नंबर व ऑनलाइन रुपये लेने के चलते उनके यूपीआईडी खातों के साक्ष्य भी एसटीएफ को दिए गए। इसी आधार पर पकड़े गए दोनों आरोपियों के साथ-साथ इन्हें पेपर भेजने वाले नितेश पांडेय के खिलाफ मुकदमा इगलास में दर्ज कराया गया। जिसमें सभी 80 खरीदारों के नाम, उनकी यूपीआईडी व उन ग्रुपों का भी उल्लेख किया है, जिन ग्रुपों से खरीदार जुड़े थे।
अभी तक की जांच में 80 में से करीब 30 नाम पते हमारे सामने आए हैं। जिनकी तस्दीक होना बाकी है। ये अधिकांश नंबर पश्चिमी यूपी व बुंदेलखंड के जिलों के हैं। नाम पते तस्दीक होते ही इन सभी को भी नोटिस भेजे जाएंगे। संकेत हैं कि बृहस्पतिवार तक इन सभी का विवरण मिल जाएगा।-महेश कुमार, सीओ इगलास
अब तक तीस नाम-पते सामने आए
इस मुकदमे की विवेचना शुरू करते हुए इगलास पुलिस ने इन सभी मोबाइल नंबरों, यूपीआईडी के जरिये मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रदाता कंपनियों से खरीदारों के नाम पते लेने का प्रयास शुरू कर दिया है। हालांकि बुधवार देर शाम तक पूरी तरह जानकारी नहीं मिल सकी। मगर मोबाइल नंबरों के जरिये इतना जरूर पता चल रहा है कि अधिकांश नंबर पश्चिमी यूपी के अलीगढ़, हाथरस, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, एटा, बुलंदशहर, नोएडा आदि सहित बुंदेलखंड के उरई, ललितपुर, झांसी, जालौन, हमीरपुर आदि जिलों तक के हैं। इनमें से करीब 30 के नाम के साथ यूपीआईडी से पते भी मिल रहे हैं। मगर अभी मोबाइल कंपनियों से उनके पतों की तस्दीक होने का इंतजार किया जा रहा है। ताकि सही नाम पते मिलते ही इन सभी को नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया जा सके।
सरगना नितेश की तलाश पूर्वांचल-एनसीआर में
एसटीएफ की एक टीम मोबाइल नंबरों के आधार पर पेपर लीक सरगना नितेश पांडेय की तलाश पूर्वांचल व एनसीआर में कर रही है। हालांकि अभी तक उसका पता स्पष्ट नहीं हुआ है। मगर एसटीएफ सूत्र बता रहे हैं कि जिस तरह से उसके मोबाइल की लोकेशन दोनों आरोपियों के पकड़े जाने तक सक्रिय रही है। उससे उसकी गतिविधियां पूर्वांचल व एनसीआर में अधिक रही हैं। एनसीआर में सक्रिय रहने के बीच ही वह जेल भेजे गए धर्मेंद्र के संपर्क में आया था। मगर अब उसके नंबर बंद हैं। सोशल मीडिया एकाउंट की सक्रियता भी बंद है। हालांकि टीम लगातार उसे खोजने में जुटी है।
अलीगढ़ बन रहा पेपर लीक का गढ़
प्रदेश में पिछले कुछ वर्ष में पेपर लीक होने की यह तीसरी बड़ी घटना है। सबसे खास बात है कि हर बार एसटीएफ ने अलीगढ़ में इस मामले में कार्रवाई की है। इससे साफ लग रहा है कि पेपर लीक मामले में अलीगढ़ गढ़ बनता जा रहा है।
अब से पहले प्रदेश में टीईटी व यूपी पुलिस का पेपर लीक हुआ था। दोनों बार एसटीएफ स्तर से अलीगढ़ के इगलास, गोंडा व टप्पल क्षेत्र में कार्रवाई की थी। उस समय भी यह उजागर हुआ था कि गोंडा के दो लोगों ने पूर्वांचल व बिहार के गिरोह से जुडक़र पेपर लीक कराया है। इसके बाद अब इगलास के दो भाइयों के नाम सामने आए हैं। इतना ही नहीं, कई बार अलीगढ़ से बाहर मुरादाबाद, आगरा व प्रयागराज में सॉल्वर पकड़े जाने में भी अलीगढ़ के लोग पकड़े गए हैं। इस तरह एसटीएफ इस गिरोह को लेकर विशेष नजर बनाए हुए है। यह भी देखा जा रहा है कि इन दोनों के अलावा इस नेटवर्क में अलीगढ़ से अन्य लोग तो शामिल नहीं। साथ में इस नेटवर्क तक पहुंचने के लिए जिले के कुछ कोचिंगों पर भी नजर रखी जा रही है।
नियामक प्राधिकरण ने डायट से मांगी रिपोर्ट
डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन ) परीक्षा के प्रथम व तृतीय सेमेस्टर के पेपर सॉल्व कराने के मामले में दो सगे भाइयों के जेल जाने के बाद बुधवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में अफरा-तफरी रही। परीक्षा नियामक प्राधिकरण प्रयागराज ने यहां के अधिकारियों से पूछताछ भी की। सारे घटनाक्रम पर रिपोर्ट मांगी है।्र
डायट के प्राचार्य आराध्य उपाध्याय ने बताया कि पकड़े गए दोनों शिक्षकों के बारे में अधिकारियों ने जानकारी ली। पूछा- दोनों शिक्षक सरकारी विभाग से थे या उनके विभाग के। इस पर उन्हें बताया गया कि दोनों का विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। परीक्षा के दौरान इस तरह की घटना सामने आई थी। जवाब में कहा नहीं, बल्कि चार नवंबर को पेपर सॉल्वर पकड़ने जाने की बात सामने आई। उन्होंने कहा कि शहर में छह केंद्रों पर परीक्षा हो रही थी, जिसमें 47 महाविद्यालयों के परीक्षा के प्रथम व तृतीय सेमेस्टर के परीक्षार्थी शामिल थे। उन्होंने कहा कि परीक्षा शुरू होने से आधा घंटा पहले कोषागार से परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाया गया। प्रश्नपत्र को लेने के लिए किसी कर्मचारी को नहीं, बल्कि कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को चार पहिया वाहन के साथ बुलाया जाता था, ताकि पेपर आउट होने की गुंजाइश न रहे। उन्होंने कहा कि यह पेपर लखनऊ से आया था। हो सकता है कि अलीगढ़, हाथरस, मथुरा के परीक्षार्थियों को पेपर बेचे गए हों।