एएमयू में फल-फूल रही संस्कृत: 148 पुराने विभाग में हो रही कर्मकांड व श्रीमद्भागवत की पढ़ाई, पढ़ रहे श्लोक
अब तक 135 से अधिक पीएचडी और 35 एमफिल डिग्रियां प्रदान की जा चुकी हैं। परास्नातक में साहित्य, वेद और दर्शन की पढ़ाई होती है। इसके साथ ही कर्मकांड, श्रीमद्भागवत, महाभारत, रामायण, उपनिषद, आधुनिक संस्कृत भी पढ़ाया जाता है। विभाग में हिंदू विद्यार्थियों के साथ मुस्लिम विद्यार्थी भी शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

विस्तार
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में संस्कृत को लेकर छात्र-छात्राओं में रुचि बढ़ी है। पिछले एक साल में संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है। इस साल परास्नातक में 13 छात्र-छात्राएं पढ़ रहीं हैं। इनमें सात छात्राएं हैं। आजमगढ़ के एक मौलवी भी बतौर छात्र यहां संस्कृत के श्लोक पढ़ रहे हैं।

एएमयू में संस्कृत विभाग 148 साल पुराना है। यूनिवर्सिटी पहले एमएओ कॉलेज था, जिसकी स्थापना वर्ष 1877 में हुई थी, तभी संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो गई थी। यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने संस्कृत को पढ़ाने के लिए शास्त्री की नियुक्ति की थी। तब से लेकर अब तक यह विभाग तेजी से फल-फूल रहा है।
अब तक 135 से अधिक पीएचडी और 35 एमफिल डिग्रियां प्रदान की जा चुकी हैं। परास्नातक में साहित्य, वेद और दर्शन की पढ़ाई होती है। इसके साथ ही कर्मकांड, श्रीमद्भागवत, महाभारत, रामायण, उपनिषद, आधुनिक संस्कृत भी पढ़ाया जाता है। विभाग में हिंदू विद्यार्थियों के साथ मुस्लिम विद्यार्थी भी शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
बीए में संस्कृत विषय ले रखा था, जिसमें 74 फीसदी अंक आए थे। संस्कृत में एमए कर रही हूं। संस्कृत विषय की शिक्षिका बनना चाहती हूं। कर्मकांड, श्रीमद्भागवत, महाभारत, रामायण, उपनिषद पढ़ना अच्छा लगता है।-सानिया जावेद, छात्रा
मैंने मौलवी की डिग्री ले रखी है। बीए के दौरान मेरे पास हिंदी और संस्कृत विषय था। इसलिए संस्कृत से एमए कर रहा हूं। भाषा कोई भी हो पढ़नी चाहिए। इसको किसी मजहब के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। संस्कृत में कॅरिअर बनाने की कोशिश भी करूंगा। - फजले अहमद, छात्रा
परास्नातक में विद्यार्थियों की संख्या
वर्ष कुल छात्र छात्रा
2021-22 8 3 5
2022-23 7 1 6
2023-24 4 1 3
2024-25 13 6 7
संस्कृत में डी लिट लेने वाले प्रो. शरीफ हैं दुनिया के पहले मुस्लिम
संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद शरीफ हैं, जो दुनिया के पहले मुस्लिम हैं, जिनके पास संस्कृत में डी लिट की उपाधि है। प्रो. शरीफ ने बताया कि उन्हें इलाहाबाद विवि से वर्ष 1995 में डी लिट की उपाधि तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन, तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव ने प्रदान की थी। उन्होंने पीठ भी थपथपाई थी।