Aligarh Weather: शिमला-नैनीताल जैसा ठंडा रहा अलीगढ़, बदला गया स्कूलों का समय
सर्दी लगातार बढ़ रही है। पूरा दिन बीत जाता है और सूरज के दीदार नहीं होते। जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। तुलनात्मक आंकड़ों पर नजर डालें तो अलीगढ़ का अधिकतम तापमान शिमला और नैनीताल से भी कम दर्ज किया गया।
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शिमला और नैनीताल जैसी ठंड अलीगढ़ में पड़ी। दिन भर कोहरा छाया रहा। इसको देखते हुए 18 दिसंबर को अलीगढ़ जिला प्रशासन ने स्कूलों के समय में बड़ा बदलाव किया है। अब कक्षा नर्सरी से कक्षा 8 तक के सभी स्कूल सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुलेंगे। यह आदेश परिषदीय, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, सीबीएसई और आईसीएसई सहित सभी बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा।
सर्दी लगातार बढ़ रही है। पूरा दिन बीत जाता है और सूरज के दीदार नहीं होते। जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। तुलनात्मक आंकड़ों पर नजर डालें तो अलीगढ़ का अधिकतम तापमान शिमला और नैनीताल से भी कम दर्ज किया गया। दिनभर धूप न निकलने के कारण अधिकतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे दिन में भी लोगों को कंपकंपी का अहसास होता रहा।
परिषदीय, शासकीय, मान्यता प्राप्त समेत सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों में कक्षा नर्सरी से कक्षा आठ तक की कक्षाओं के समय में बदलाव किया है। कक्षा एक से आठ तक के स्कूल सुबह 10 से दोपहर तीन बजे तक खुलेंगे।- डॉ. राकेश सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी
शहर-अधिकतम तापमान-न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) (स्रोत- आईएमडी)
अलीगढ़-14.2-10.8
शिमला-16.2-9.8
नैनीताल-23.0-11.0
ठिठुरन ने थामी रफ्तार
सुबह से ही आसमान में घने बादलों और धुंध का डेरा रहा। शाम होते-होते ठंडक और बढ़ गई, जिससे बाजारों में भी सन्नाटा पसर गया। एएमयू भूगोल विभाग के वैज्ञानिक प्रो. अतीक अहमद कहते हैं कि यदि आने वाले दिनों में धूप नहीं खिली तो पारा और अधिक गिर सकता है।
शिक्षक संगठन व अभिभावकों ने जताया आभार
स्कूलों के समय में बदलाव को लेकर कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ और उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने मांग की थी। इसके साथ ही अभिभावक भी व्यक्तिगत रूप से स्कूलों के प्रबंधन से मांग कर रहे थे कि मौसम को देखते हुए समय में परिवर्तन किया जाए। प्रशासन के फैसले पर दोनों ही शिक्षक संगठनों ने विभाग का आभार व्यक्त किया है।
नवजात पर सर्दी का ज्यादा असर
सर्दी में नवजात शिशुओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याए बढ़ी हैं। जिला महिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके शर्मा कहते हैं कि इन दिनों बच्चों में हाथ-पैर और पेट का ठंडा होना, बच्चे का सुस्त पड़ना, ठीक से दूध न पीना और शरीर का रंग हल्का नीला या पीला पड़ने जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं। इसके अलावा ठंडी हवा और प्रदूषण के कारण बच्चों के फेफड़ों पर बुरा असर देखा जा रहा है। पेट खराब होने जैसी समस्याएं भी आ रही हैं। अस्पताल में इन दिनों प्रतिदिन 40 से 50 केस ऐसे आ रहे हैं।
बचाव के लिए कुछ जरूरी सुझाव
- बच्चे को एक भारी कपड़े के बजाय कई पतली परतों में कपड़े पहनाएं। सिर पर टोपी और पैरों में मोजे जरूर रखें।
- केवल मां का दूध पिलाएं, यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- संभव हो तो खिड़की से आने वाली हल्की धूप बच्चे को दिखाएं।
- साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। बच्चे को छूने से पहले हाथ जरूर धोएं, ताकि संक्रमण न फैले।
