Aligarh: गोली मारकर हत्या, पुलिस से नोकझोंक, हंगामा और तीन घंटे जाम के बाद दादा हुआ जमीन देने को तैयार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हत्या के बाद आरोपियों ने पहले अपने घर जाकर नाले में गिरने के कारण गीले होने पर कपड़े बदले थे। इसके बाद बाहर आकर हथियार लहराकर यह धमकी दी कि अब कोई आगे आया तो उसका भी यही अंजाम होगा।
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अलीगढ़ के बरौला जाफराबाद में पैतृक संपत्ति के बंटवारे के विवाद में हुए खूनी संघर्ष में युवक सोनू की जान चली गई। उसका पिता जिंदगी मौत से जूझ रहा है। इस हत्याकांड के बाद बिफरी महिलाओं ने बरौला बाईपास पर जाम लगा दिया। तीन घंटे तक हंगामा रहा। कानून व्यवस्था का सवाल बना। इतना सब होने के बाद घायल प्रवेश के पिता प्रवेश के बच्चों को जमीन का हिस्सा देने को राजी हुए। इस आश्वासन के बाद ही जाम खुला।
डेढ़ साल पहले रखी इस संपत्ति विवाद की नींव
घायल प्रवेश की पत्नी विद्या देवी व मृत सोनू की पत्नी यशोदा ने बिलखते हुए बताया कि इस संपत्ति विवाद की नींव प्रवेश के पिता हरप्रसाद ने लिखा पढ़ी कर डेढ़ साल पहले रखी थी। उन्होंने अपने पैतृक मकान व बगल के एक बीघा के प्लाट का बंटवारा करते हुए तीन बेटों के नाम लिखापढ़ी कर दी। मगर प्रवेश को कुछ नहीं दिया। हालांकि प्रवेश अपनी पत्नी, दोनों बेटों, उन दोनों की पत्नियों व पांच वर्ष के नाती संग उसी मकान में रहते आ रहे हैं। प्लाट के हिस्से में भी विद्या उपले बनाती हैं। खुद प्रवेश मजदूरी करते हैं, जबकि सोनू एक ताला कारखाने में काम करता था, जबकि दूसरा बेटा कृष्ण गोपाल दूसरे कारखाने में काम करता है। अब तक तो प्रवेश के दो भाई उन पर मकान व प्लाट खाली करने का दबाव बनाते रहते थे। प्रवेश यह कहकर बात टाल देते कि पिता से बात करेंगे। धीरे धीरे टकराव बढऩे लगा था। छह माह से विवाद तूल पकड़ रहा था। अब वे जबरन खाली करने का दबाव बनाने लगे थे।
कल आए दरोगा ने दिया था छह माह का समय
विद्या देवी के अनुसार दबाव के क्रम में कई बार कहासुनी हुई। अब आकर दिनेश व रवेंद्र ने हमारी शिकायत पुलिस में कर दी थी। बुधवार को इलाके के दरोगा हमारे पास आए थे। तब उन्होंने हमारे नाम संपत्ति की लिखा पढ़ी न होने के चलते उसे खाली करने को कहा था। तब प्रवेश ने दरोगा से यह कहकर छह माह का समय ले लिया था कि तब तक अपना घर बनवा लेंगे। इसके बाद बृहस्पतिवार सुबह जब विद्या देवी उपले बनाने वाले स्थान पर कूड़ा साफ करने लगी। तभी वहां विवाद शुरू हो गया। उस समय तक दोनों बेटे काम पर चले गए थे। पिता को जब पीटा गया तो खबर पाकर बड़ा बेटा आ गया। वह भी झगड़े में शामिल हो गया।
झगड़ा करते समय नाली मेंं गिरे आरोपी-घायल पक्ष
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह दस बजे के आसपास दोनों पक्षों में जब झगड़ा शुुरू हुआ तो मारपीट के बीच ईंट पत्थर चले। तब एक बार तो दोनों पक्षों के लोग नाले तक में गिर गए। बाद में जब वे बाहर आए, तब फायरिंग से दोनों के गोली लग गई। इस पर घायलों को मोहल्ले के लोग पहले एक निजी अस्पताल में ले गए। वहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
हत्या के बाद इलाके में हथियार लहराकर दी धमकी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हत्या के बाद आरोपियों ने पहले अपने घर जाकर नाले में गिरने के कारण गीले होने पर कपड़े बदले थे। इसके बाद बाहर आकर हथियार लहराकर यह धमकी दी कि अब कोई आगे आया तो उसका भी यही अंजाम होगा। इसके बाद वे भाग गए।
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मेडिकल पहुंचकर दी पुलिस को खबर
इस हत्या के एक घंटे बाद पुलिस को मेडिकल कॉलेज से खबर दी गई। घटना के बाद आरोपी मोहल्ले में घूमकर धमकी देते रहे। इसलिए कोई पुलिस को सूचना देने की हिमाकत नहीं कर सका।वहीं घायल पक्ष अस्पताल पहुंचने को प्रयासरत रहा। मेडिकल पहुंचने पर पुलिस को इस हत्या की खबर मिली।
खुद रास्ता किया जाम..तीन घंटे पुलिस से जूझीं महिलाएं
इस हत्या के बाद परिवार या रिश्तेदार पुरुष तो प्रवेश के इलाज व सोनू के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में लगे रहे। मगर यशोदा के मायके व अन्य रिश्तेदारियों से आईं महिलाओं ने दोपहर करीब ढाई बजे मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने खुद बांस बल्ली, पाइप आदि लेकर बाईपास पर जाम लगा दिया। हालांकि पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास करती रही। मगर महिलाओं के गुस्से के आगे पुलिस शांत रही। बाद में सीओ तृतीय सर्वम सिंह सहित अन्य अधिकारी पहुंच गए। उन्होंने महिला पुलिस संग प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं से बात कर समझाने का प्रयास किया। मगर वह संपत्ति में हिस्सा व आरोपियों को पकडऩे की जिद पर अड़ी रहीं। उनका कहना था कि सोनू के बेटे व कृष्णगोपाल के नाम पहले संपत्ति कराई जाए। तब जाकर खुलेगा।
पोस्टमार्टम से अंतिम संस्कार तक लगी रही पुलिस
देर शाम तक शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा था। मगर शाम को लगे जाम के बाद पुलिस इलाके में लगा दी गई थी। ताकि पोस्टमार्टम के बाद मोहल्ले में शव पहुंचने पर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो।
