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यूपी : अशरफ की गिरफ्तारी के बाद से सद्दाम ने संभाल ली थी गैंग की कमान, प्रयागराज से बरेली तक फैलाया था नेटवर्क

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sat, 30 Sep 2023 04:04 PM IST
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सार

अशरफ के फरार होने के बाद से ही उसके साले अब्दुल समद उर्फ सद्दाम ने गैंग की कमान संभाल ली थी। विवादित जमीनों में हस्तक्षेप के साथ ही रंगदारी और वसूली सहित वह सभी कार्य करने लगा जो जेल से बाहर रहकर अशरफ करता था। अशरफ के जेल जाने के बाद से उसने बरेली को ही अपना ठिकाना बना लिया और वहीं रहने लगा। 

After the arrest of Ashraf, Saddam had taken command of the gang
माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ का साला सद्दाम गिरफ्तार - फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली से गिरफ्तार अशरफ के साले अब्दुल समद उर्फ सद्दाम को लेकर अहम जानकारी सामने आई है। उसने अशरफ के जेल जाने के बाद 2020 में ही गैंग की कमान संभाल ली थी। रंगदारी से लेकर जमीन कब्जाने, अपहरण तक के माफिया के तमाम धंधे वह ही संचालित करता रहा। जेल में बंद अतीक-अशरफ के मुकदमों की पैरवी से लेकर उनकी व उनके परिवाराें की सुख सुविधाओं के लिए रुपयों का इंतजाम सद्दाम ही करता रहा।

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2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से ही अशरफ फरार हो गया था। इससे पहले इसी साल के पहले महीने में अतीक भी जेल भेजा गया। जानकारों का कहना है कि इसके बाद से ही सद्दाम माफिया गैंग की कमान अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया था। हालांकि इस दौरान अतीक के बेटे उमर व अली थे, ऐसे में वह पर्दे के पीछे रहकर ही काम करता रहा। लेकिन अशरफ के इशारे पर वह लगातार अवैध वसूली समेत तमाम धंधों में लगा रहा।
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इसी दौरान देवरिया जेल कांड में वांछित किए जाने के बाद उमर भी फरार हो गया। जुलाई 2020 में अशरफ की गिरफ्तारी के बाद से सद्दाम ने पूरी तरह से गैंग की कमान अपने हाथों में ले ली। जमीनों पर कब्जा, रंगदारी वसूलने का काम वह गुर्गों से कराने लगा। इसेे लेकर उस पर मुकदमे भी दर्ज हुए।
 

नए लड़कों को गैंग में किया शामिल

सूत्रों के मुताबिक, सद्दाम ने माफिया गैंग में नए लड़कों को शामिल करने का काम किया। न सिर्फ प्रयागराज व आसपास बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों के भी नई उम्र के लड़कों को अपने साथ जोड़ा। बरेली के लल्ला गद्दी, फुरकान व इमरान ऐसे ही कुछ नाम थे, जो सद्दाम के जरिए अशरफ से मिले और उसके गैंग के लिए काम करने लगे।

उमेशपाल हत्याकांड में भूमिका की जांच शुरू

गिरफ्तारी के बाद उमेश पाल हत्याकांड में भी उसकी भूमिका की जांच शुरू हो गई है। दरअसल यह बात सामने आई है कि असद समेत हत्याकांड में शामिल अन्य शूटरों को बिना अनुमति के फर्जीवाड़ा करके जेल में अशरफ से मिलवाने वाला सद्दाम ही था। उसने ही जेल के कुछ कर्मचारियों को रुपये देकर शूटरों को अशरफ के पास तक पहुंचवाया था। ऐसे में माना जा रहा है कि उमेश पाल हत्याकांड का वह भी राजदार है। इस मामले में एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोर्ट से अनुमति लेकर सद्दाम से पूछताछ की जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। साक्ष्य मिलते हैं तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा।

क्यों नहीं खोली हिस्ट्रीशीट
 

सद्दाम को लेकर स्थानीय पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। 2015 से ही उस पर मुकदमे दर्ज होने लगे थे। 2020 में एक लाख के इनामी अशरफ को फरारी के दौरान शरण देने के आरोप में उस पर केस दर्ज हुआ। इसके बाद कई मौकों पर यह बात सामने आई कि वह जेल में बंद अशरफ के इशारों पर गैंग के लिए तमाम धंधे संचालित कर रहा है। लेकिन उस पर शिकंजा नहीं कसा गया। प्रयागराज से लेकर बरेली तक वह गैंग को मजबूत करता रहा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। हिस्ट्रीशीट भी नहीं खोली गई।

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