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प्रयागराज : सिंचाई विभाग की आपत्ति के बाद पीछे हटा प्रशासन, खुदवाया गया नाला
अमर उजाला ब्यूरो, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 18 Nov 2021 11:13 PM IST
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सार
बृहस्पतिवार की देर रात तक सीआरओ और अधीक्षण अभियंता की अगुवाई में जेसीबी से कराई गई खुदाई। बुधवार को 100 मीटर तक पाट दिया गया था, सिंचाई विभाग और ग्रामीणों के विरोध के बाद बंद कराया गया था काम।

Prayagraj News : नाला पाटने के खिलाफ पुलिस के ट्रैक्टर के सामने लेट गए सिंचाई विभाग के एसडीओ।
- फोटो : प्रयागराज
विस्तार
कोरांव तहसील के खपटिहा गांव में बुधवार को बहरैचा नाले को पाटने के मामले में सिंचाई विभाग और स्थानीय लोगों की आपत्ति के बाद बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन ने अपने कदम पीछे कर लिए हैं। मामला शासन तक पहुंचने के बाद अधिकारियों ने अपना बचाव करते हुए बृहस्पतिवार को फिर से नाले की खुदाई करा दिए। खुदाई का काम देर रात तक चलता रहा। मौके पर सीआरओ सहित सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सहित कई अफसर मौजूद रहे।
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सिंचाई विभाग के अफसरों ने दावा किया कि नाला सैकड़ों वर्ष पुराना और प्राकृतिक है। उसके स्वरूप में छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। बुधवार को जिला प्रशासन के आदेश के बाद जब नाले को पाटा जाने लगा तो सहायक अभियंता अनिल कुमार यादव सहित दूसरे अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी और ग्रामीणों ने भी इसका विरोध किया। ग्रामीणों का आरोप है कि वहां के कुछ प्लाटर इसे पाट कर पीछे करना चाहते थे, जिससे उनकी जमीन की कीमत बढ़ सके। नाला तकरीबन 100 मीटर तक पाट दिया गया था।
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हालांकि, पुलिस ने ग्रामीणों को वहां से हटा दिया था। सिंचाई विभाग के अफसर इसके बाद मौके पर पहुंचे। सहायक अभियंता ने नाले को पाटे जाने के विरोध में ट्रेक्टर के सामने लेट गए तो मामले ने तूल पकड़ लिया। सिंचाई विभाग के अफसर सहित जिला प्रशासन के अफसरों के खलबली मच गई। मौके पर एसडीएम कोरांव को भेजकर काम बंद करा दिया। सिंचाई विभाग के अफसरों की ओर से इस बात की जानकारी कमिश्नर से लेकर शासन तक दी गई।
इसके बाद जिला प्रशासन के अफसरों ने अपने कदम पीछे कर लिए। बृहस्पतिवार को मौके पर मुख्य राजस्व अधिकारी हरिशंकर अपनी टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने सिंचाई विभाग के अफसरों की मौजूदगी में बहरैचा नाले की फिर से खुदाई शुरू करा दी। देर रात तक खुदाई जारी रही। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधीक्षण अभियंता अभियंता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि नाले को फिर से पुराना स्वरूप दिया जा रहा है। इस मौके पर मजिस्ट्रेट कपिल देव शीचपाल, सहायक अभियंता अनिल कुमार यादव, अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार, जूनियर इंजीनियर आर्यन कैनाल आदि मौजूद रहे।
सैकड़ों वर्ष पुराना है बहरैचा नाला
प्रयागराज। सिंचाई विभाग के मुताबिक यह नाला सैकड़ों वर्ष पुराना और प्राकृतिक है। अभिलेखों में इसे बहरैचा नाले के तौर पर दर्ज किया गया है। करीब 15 किलोमीटर लंबा यह नाला खीरी रजवहे से शुरू होकर करीब दो दर्जन गांवों से होते हुए खपटिहा से चार किलोमीटर आगे लपरी नदी में जाकर मिलता है। इस नाले में दो दर्जन गांवों के बारिश का पानी बहता आ रहा है। कहा जा रहा है कि नाले के पाटने के बाद इसके रास्ता बदल दिया जाएगा।
इससे बारिश के पानी के निकलने में दिक्कत होगी। इस वजह से इलाके के लोगों के सामने नई परेशानी खड़ी हो जाएगी। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधीक्षण अभियंता एसके सिंह ने कहा कि प्राकृतिक नाले के स्वरूप में छेड़छाड़ किया जाना नियम विरुद्ध है। ग्रामीणों का आरोप है कि नाले के दोनों तरफ की भूमि कुछ लोगाें ने खरीद ली है। उनकी योजना है कि नाले को पाटकर दोनों तरफ की भूमि को मिला लिया जाए। जबकि यह नाला लंबे समय से वहीं पर बह रहा है।
क्या है डीएम का आदेश
डीएम के आदेश के मुताबिक ग्राम खपटिहा, परगना खैरागढ़ में संजय कुमार श्रीवास्तव की भूमिधरी गाटा संख्या 25 में स्थित नाले को नाले की भूमि गाटा संख्या 14 व 18 में स्थानांतरित किया जाए। डीएम ने इस बात का हवाला देकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 17 नवंबर को पत्र भेजा है। डीएम ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए पत्र भेजा था।
नाले की फिर से खुदाई करा दी गई है। वहां पर 40 वर्ष पुरानी पुलिया है। इस देखते हुए फिर से जांच कराई जा रही है। एक-दो दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। - संजय कुमार खत्री, जिलाधिकारी
प्रयागराज। सिंचाई विभाग के मुताबिक यह नाला सैकड़ों वर्ष पुराना और प्राकृतिक है। अभिलेखों में इसे बहरैचा नाले के तौर पर दर्ज किया गया है। करीब 15 किलोमीटर लंबा यह नाला खीरी रजवहे से शुरू होकर करीब दो दर्जन गांवों से होते हुए खपटिहा से चार किलोमीटर आगे लपरी नदी में जाकर मिलता है। इस नाले में दो दर्जन गांवों के बारिश का पानी बहता आ रहा है। कहा जा रहा है कि नाले के पाटने के बाद इसके रास्ता बदल दिया जाएगा।
इससे बारिश के पानी के निकलने में दिक्कत होगी। इस वजह से इलाके के लोगों के सामने नई परेशानी खड़ी हो जाएगी। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधीक्षण अभियंता एसके सिंह ने कहा कि प्राकृतिक नाले के स्वरूप में छेड़छाड़ किया जाना नियम विरुद्ध है। ग्रामीणों का आरोप है कि नाले के दोनों तरफ की भूमि कुछ लोगाें ने खरीद ली है। उनकी योजना है कि नाले को पाटकर दोनों तरफ की भूमि को मिला लिया जाए। जबकि यह नाला लंबे समय से वहीं पर बह रहा है।
क्या है डीएम का आदेश
डीएम के आदेश के मुताबिक ग्राम खपटिहा, परगना खैरागढ़ में संजय कुमार श्रीवास्तव की भूमिधरी गाटा संख्या 25 में स्थित नाले को नाले की भूमि गाटा संख्या 14 व 18 में स्थानांतरित किया जाए। डीएम ने इस बात का हवाला देकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 17 नवंबर को पत्र भेजा है। डीएम ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए पत्र भेजा था।
नाले की फिर से खुदाई करा दी गई है। वहां पर 40 वर्ष पुरानी पुलिया है। इस देखते हुए फिर से जांच कराई जा रही है। एक-दो दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। - संजय कुमार खत्री, जिलाधिकारी