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Prayagraj : तीन सौ से ज्यादा लोगों ने निरस्त की नेपाल यात्रा, ट्रेवल्स एजेंसियों को लगा झटका

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Thu, 11 Sep 2025 04:33 PM IST
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सार

नेपाल में भड़की हिंसा से टूर ट्रेवल्स ऑपरेटरों को तगड़ा झटका लगा है। महज दो दिन में ही प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी से नेपाल के लिए 300 से ज्यादा लोगों ने बुकिंग निरस्त करा दी है।

More than three hundred people cancelled their trip to Nepal, travel agencies suffer a setback
भारत -नेपाल बॉर्डर। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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नेपाल में भड़की हिंसा से टूर ट्रेवल्स ऑपरेटरों को तगड़ा झटका लगा है। महज दो दिन में ही प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी से नेपाल के लिए 300 से ज्यादा लोगों ने बुकिंग निरस्त करा दी है। कुछ लोगों ने नवरात्र के आगे के लिए बुकिंग बढ़ाई है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को मानना है कि बुकिंग निरस्त करने वालों की संख्या बढ़ सकती है। कारोबारी दीपक केसरवानी बताते हैं कि पितृपक्ष पर बाजार ठंडा होने की वजह से नौ से 15 सितंबर के लिए बुकिंग करवाई थी, लेकिन हिंसा की वजह से यात्रा कैंसिल कर दी है।

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इसी तरह मित्रों के साथ 11 सितंबर को नेपाल जाने वाले बेकरी कारोबारी शादाब ने भी अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है। ट्रेवल्स सेफ के संदीप मिश्रा कहते हैं कि इस माह नेपाल के लिए अच्छी बुकिंग थी, लेकिन काफी बुकिंग निरस्त हुई है। ईएमआई हॉलिडे के विशाल कनौजिया बताते हैं कि धार्मिक पर्यटन के लिए नेपाल जाने वालों की काफी संख्या है। वहां बवाल के बाद इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि बुकिंग रद्द कराने वालों की संख्या अभी और बढ़ेगी। हर वर्ष हजारों लोग प्रयागराज से नेपाल घूमने जाते हैं।

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शुक्र है कुछ नहीं हुआ

नोएडा स्थित निजी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत प्रयागराज निवासी अजय गुप्ता एक सितंबर को पत्नी रुचि और बेटे प्रखर के साथ प्रयागराज से नेपाल गए थे। उन्होंने बताया कि बिहार के रक्सौल के रास्ते नेपाल प्रवेश किया। छह सितंबर को ही रक्सौल वापस पहुंचे और सात सितंबर को प्रयागराज आए। जितने दिन भी नेपाल में रहा, ऐसा महसूस नहीं हुआ कि यहां हिंसा होने वाली है। भगवान का शुक्र है कि हमारे टूर में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं पड़ा। इसी तरह खुशहाल पर्वत के गोपाल मालवीय भी दोस्तों के साथ नेपाल गए थे। उन्होंने बताया कि सात सितंबर को ही गोरखपुर होते हुए प्रयागराज पहुंचे। यहां आने के बाद अगले दिन ही पता चला कि नेपाल में हिंसा हो रही है।

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