Prayagraj Magh Mela : खाक चौक को भूमि आवंटन के बाद अब बसावट पर रार, सतुआ बाबा बोले- दलदल की जमीन नहीं लेंगे
माघ मेला क्षेत्र में खाक चौक की बसावट को लेकर पिछले पांच दिनों से चल रहा विवाद बुधवार को और गहरा गया। विवाद शांत कराने अफसरों संग पहुंचीं मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री जगदगुरु संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा से वार्ता की जो बेनतीजा रही।
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माघ मेला क्षेत्र में खाक चौक की बसावट को लेकर पिछले पांच दिनों से चल रहा विवाद बुधवार को और गहरा गया। विवाद शांत कराने अफसरों संग पहुंचीं मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने खाक चौक व्यवस्था समिति के प्रधानमंत्री जगदगुरु संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा से वार्ता की जो बेनतीजा रही। सतुआ बाबा ने स्पष्ट कहा कि खाक चौक को आवंटित दलदली भूमि वह स्वीकार नहीं करेंगे। चेताया कि बात नहीं मानी तो खाक चौक के लिए आवंटित किसी भी भूखंड पर संत शिविर की बसावट नहीं करेंगे।
मंडलायुक्त के साथ डीएम मनीष वर्मा और मेलाधिकारी ऋषिराज आदि की मौजूदगी में मेला प्रशासन के अफसरों ने व्यवस्था के लिए 25 दिसंबर तक का समय मांगा लेकिन संतोष दास ने इसे ठुकराते हुए कहा कि खाक चौक दलदल में डेरा लगाने के लिए तैयार नहीं है। चेतावनी दी यदि दबाव डाला गया तो सभी संत अपने-अपने आश्रम लौट जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बालू भरकर जमीन समतल की जा रही है, संत दलदल में फंस रहे हैं, फिर भी प्रशासन अब और समय मांग रहा है। खाक चौक के 373 से अधिक साधु-संतों को भूमि आवंटित की जानी है।
बार-बार भूमि आवंटन को लेकर चर्चा में रहता है खाक चौक
खाक चौक और मेला प्रशासन के बीच भूमि आवंटन को लेकर विवाद कोई नया नहीं है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2003 में विवाद की शुरुआत तब हुई जब खाक चौक को काली सड़क से दक्षिण गंगा तट तक भूमि आवंटित होने वाली भूमि बाद में महावीर मार्ग के दक्षिण में दी जाने लगी। आपत्ति के बाद खाक चौक ने बहिष्कार किया था। आठ जनवरी 2003 को समझौते में तय हुआ कि अगले वर्षों में काली रोड से गंगा तट तक पूर्ववत भूमि दी जाएगी।
वर्ष 2013 कुंभ में खाक चौक को त्रिवेणी मार्ग के दक्षिण पटरी से संगम लोअर मार्ग तक भूमि आवंटित की गई। 2018- 19 कुंभ के दौरान फिर विवाद हुआ जब मेला प्रशासन ने गंगा की धारा बदलने और कटान का हवाला देकर सेक्टर 17 व 5 में खाक चौक को नई भूमि देने का निर्णय लिया। वर्ष 2020 में गंगा कटान और भूमि की कमी का हवाला देकर खाक चौक के संतों को सेक्टर तीन में मनसइता नदी के पास भूमि दी गई, जिस पर भी नाराजगी जताई गई। तब आश्वासन दिया गया कि भविष्य में पुराने स्थान पर ही भूमि आवंटन होगा।
खाक चौक के मंत्री रामनरेश दास चित्रकूट, रामसुभगचार्य महाराज सहित अन्य साधु-संतों का कहना है कि हर वर्ष उनकी भूमि बदली जाती है जिससे अस्थिरता और अविश्वास बढ़ता है। इस बार आवंटित भूमि दलदली होने की वजह से वे इसे लेने को तैयार नहीं हैं, और यही इस विवाद की जड़ है। यही कारण है कि खाक चौक भूमि आवंटन के समय हर बार चर्चा में रहता है।