Prayagraj : मां ने पबजी खेलने से मना किया तो बेटे ने फांसी लगाकर दी जान, कमरे में साड़ी से लटका मिला शव
करेली थाना क्षेत्र के करेलाबाग निवासी रामभूषण निषाद के पांच बेटों में तेजा-18 सबसे छोटा था। बताया जा रहा है कि उसे पबजी खेलने की आदत थी। इस कारण दिनभर मोबाइल में लगा रहता था। परिजनों ने उसे कई बार पबजी से दूर रहने की नसीहत दी, लेकिन वह नहीं माना।
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मां ने फोन चलाने से मना किया तो बेटे ने घर की दूसरी मंजिल पर रेलिंग में साड़ी बांधकर फंदे से लटककर जान दे दी। पड़ोसी दोस्त पबजी खेलने के लिए उसे रात को बुलाने आया तो परिजनों को घटना की जानकारी हुई। आनन-फानन उसे काॅल्विन अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
करेली थाना क्षेत्र के करेलाबाग निवासी रामभूषण निषाद के पांच बेटों में तेजा-18 सबसे छोटा था। बताया जा रहा है कि उसे पबजी खेलने की आदत थी। इस कारण दिनभर मोबाइल में लगा रहता था। परिजनों ने उसे कई बार पबजी से दूर रहने की नसीहत दी, लेकिन वह नहीं माना।
पुलिस की पूछताछ में परिजनों ने बताया कि बुधवार की रात को भी तेजा फोन चला रहा था। तभी उसकी मां ने फटकार लगाई और मोबाइल छीन लिया। इसे लेकर जब वह मां से बहस करने लगा तो पिता ने उसे गुस्से में दो-तीन थप्पड़ मार दिये। इसके बाद तेजा नाराज होकर कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद खाना खाने के लिए परिजन उसे मनाने पहुंचे, लेकिन वह नहीं माना।
इसके बाद परिजनों ने सोचा कि कुछ देर बाद गुस्सा शांत हो जाएगा तो खा लेगा। उन्हें नहीं पता था कि वह आत्मघाती कदम उठा लेगा। करीब 11 बजे रात को पड़ोसी दोस्त समीर उसे पबजी खेलने के लिए फोन करने लगा। कई बार फोन करने पर जब नहीं उठा तो वह घर पर आकर तेजा के बारे में पूछने लगा। कमरे में जाकर देखा गया तो वह नहीं था। इसके बाद परिवार के सभी लोग उसे आसपास के पार्क व अन्य स्थानों पर खोजने लगे।
तभी उसके दोस्त ने छत की ओर इशारा किया, जिधर देखते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई। तेजा दूसरी मंजिल की छत में लगी रेलिंग के सहारे साड़ी के फंदे से लटका हुआ था। मशक्कत के बाद लोगों ने उसे नीचे उतारा। साथ ही पुलिस को सूचना दी गई। भाई जीतू ने बताया कि तेजा पबजी गेम की वजह से ज्यादातर फोन पर व्यस्त रहता था। उसने खुद की कमाई से 12 हजार रुपये का फोन खरीदा था।
भले के लिए लगाई थी फटकार, नहीं पता था बेटा ऐसा कदम उठाएगा
घटना के बाद माता-पिता खुद को ही कोस कर पछतावा करते रहे। मां पार्वती ने कहा कि तेजा उनका सबसे छोटा बेटा था, जिसे वह पढ़ाना-लिखाना चाह रही थीं। उसके भले के लिए ही उसे डांटा था, उन्हें नहीं पता था कि वह इस तरह का कदम उठा लेगा। इतना कहने के बाद वह फफक पड़ीं।